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किसानों का 6 करोड़ का गेहूं और मक्का का बोनस अटका

locationबड़वानीPublished: Feb 14, 2020 12:02:52 pm

Submitted by:

vishal yadav

पिछले साल 4944 किसानों ने पंजीयन कराकर बेची थी उपज, अब तक कर रहे हैं इंतजार, इस साल किसान पंजीयन में नहीं ले रहे हैं रूचि, इस साल भावांतर में नहीं हुई मक्का की खरीदी

Farmers did not get bonus of wheat and maize

Farmers did not get bonus of wheat and maize

बड़वानी. जिले के गेहूं और मक्का उत्पादक किसानों के खातों में एक साल बीत जाने के बाद भी भावांतर योजना के तहत मिलने वाला बोनस नहीं डल पाया है। पिछले साल जिन किसानों ने पंजीयन कराकर अपनी गेहूं की उपज बेची थी, उन्हें बोनस नहीं मिलने से किसानों में नाराजी है। वहीं जिन किसानों ने पिछले साल मक्का की फसल बेची थी, उनमें से भी कई किसानों को बोनस मिलना बाकी है।
किसानों ने बताया कि रबी फसल का दूसरा सीजन आ गया और बोनस खातों में नहीं डल रहा है। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले साल जिले में गेहंू उत्पादक 4944 किसानों ने अपनी फसल बेचने के लिए पंजीयन कराया था। इनमें से किसी भी किसान के खाते में भावांतर योजना के तहत डलने वाली राशि नहीं मिल पाई। योजना के तहत इन किसानों जो राशि मिलना थी, वो 5 करोड़ 41 लाख 4851 रुपए है। कृषि विभाग ने इन किसानों को मिलने वाली राशि का मांग पत्र बनाकर तो भेज दिया, लेकिन शासन स्तर से राशि किसानों के खातों में नहीं डाली जा रही है। कुछ ऐसा ही हाल मक्का उत्पादक किसानों का भी हो रहा है। वर्ष 2018 में जिन किसानों ने मक्का की उपज बेची थी, उनमें 9824 किसानों ने पंजीयन कराया थ। इन किसानों में से ऐसे 258 किसान अब भी बाकी है, जिनके खातों में बोनस की राशि नहीं आई है। इन किसानों को मिलने वाली 44 लाख 39 हजार 313 रुपए है।
पिछले साल नहीं हुई भावांतर की खरीदी
पिछली सरकार ने किसानों को मक्का की फसल में मुनाफा देने के लिए भावांतर योजना शुरू की थी। जो सरकार बदलने के बाद आई-गई हो गई। सरकार के बदलने के बाद किसानों की मक्का भावांतर योजना में खरीदी करना ही बंद हो गया। पिछले साल वर्ष 2019 में किसानों की मक्का की फसल निकलने के बाद किसान भावांतर योजना में खरीदी प्रारंभ होने का इंतजार करते रहे। लेकिन इस संबंध में शासन स्तर से कोई निर्देष नहीं आने के कारण किसानों को औने-पौने दामों में अपनी मक्का की उपज को बेचना पड़ रहा है। पिछले साल मक्का की फसल के लिए जिले में 3615 किसानों ने अपना पंजीयन कराया था।
इस साल पंजीयन में किसानों की नहीं है रूचि
इस साल भी जिले में गेहूं खरीदी के लिए होने वाले पंजीयन की प्रक्रिया 22 केंद्रों पर शुरू हो गई है। पंजीयन प्रक्रिया भले ही प्रारंभ हो गई हो, लेकिन इस साल किसान पंजीयन कराने में रूचि नहीं ले रहे हैं। इस साल जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बने इन केंद्रों पर अभी तक मात्र 1357 किसानों ने ही अपना पंजीयन कराया है। जबकि पंजीयन की अंतिम तिथी 28 फरवरी ही है। इसका प्रमुख कारण ये माना जा रहा है कि किसानों को पिछले साल की राशि ही नहीं मिली है। इसलिए किसान पंजीयन कराने के फेर में नहीं पड़ रहे हैं। किसानों की मानें तो पंजीयन करके किसानों को जबरन परेशान किया जा रहा है। इसका लाभ तो किसानों को मिल नहीं रहा है। इसलिए किसान इसमें रूचि नहीं ले रहे हैं।
वर्जन…
किसानों को मिलने वाले बोनस के लिए हमनें मांग पत्र बनाकर भेज दिया है। शासन स्तर से ये राशि किसानों के खातों में डाली जानी है। अभी तक राशि नहीं डली है तो इस संबंध में कुछ नहीं कह सकते हैं।
केएस खपेडिय़ा, उप संचालक कृषि बड़वानी
हमारे यहां सिर्फ खरीदी और पंजीयन की जानकारी से संबंधित कार्य रहता है। किसानों के खातों में राशि कृषि विभाग से आती है। इस संबंध में हम कुछ नहीं बता सकते हैं।

बीके कोष्ठा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति बड़वानी

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