scriptफिर बिगड़े हालात, 24 घंटे में पौन मीटर बढ़ गया जलस्तर | Five gates of Sardar Sarovar dam opened, increased Narmada water level | Patrika News

फिर बिगड़े हालात, 24 घंटे में पौन मीटर बढ़ गया जलस्तर

locationबड़वानीPublished: Sep 05, 2019 09:48:39 am

सरदार सरोवर बांध के 5 गेट खुले, ऊपरी बांधों से भी आ रहा तेजी से पानी, राजघाट, पिछोड़ी के बाद कई गांवों में घुसा पानी, टापू बनने के आसार, प्रशासन के सारे आंकलन हुए फेल, रेत खनन के चलते जहां-तहां से आ रहा पानी

Five gates of Sardar Sarovar dam opened, increased Narmada water level

Five gates of Sardar Sarovar dam opened, increased Narmada water level

बड़वानी. सरदार सरोवर बांध के गेट बंद किए जाने से एक बार फिर बड़वानी में बैक वाटर से हालात बिगडऩे लगे है। मंगलवार रात को सरदार सरोवर बांध के सभी गेट बंद किए जाने से पिछले 24 घंटे में पौन मीटर जलस्तर बढ़ गया। हालांकि बुधवार दोपहर 3 बजे दो गेट और शाम 6 बजे तीन गेट कुल पांच गेट खोल दिए गए थे। इसके बावजूद ऊपरी बांधों से छोड़े जा रहे पानी और मप्र में फिर से सक्रिय हुए मानसून के चलते नर्मदा की सहायक नदियों से तेजी से पानी बढ़ रहा है। जलस्तर बढऩे के साथ ही डूब गांवों का टापू बनना भी आरंभ हो चुका है।
सरदार सरोवर बांध का बुधवार शाम तक जलस्तर 135.65 मीटर हो चुका था। बैक वाटर के चलते राजघाट पर शाम 6 बजे तक जलस्तर 135.300 मीटर पर पहुंच गया। इसके पहले पिछले तीन दिन से राजघाट का जलस्तर 134.500 मीटर पर ही स्थिर था। जिसके चलते कयास लगाए जा रहे थे कि अब जल स्तर नहीं बढ़ेगा। मंगलवार शाम को सरदार सरोवर बांध के गेट लगाने के बाद जल स्तर बढऩा आरंभ हो गया। मंगलवार रात 8 बजे राजघाट का जल स्तर 134.650 हो गया था। वहीं, बुधवार सुबह 6 बजे 135.100 मीटर, दोपहर 12 बजे 135.200 और शाम 6 बजे 135.300 मीटर हो गया।
टापू बनना शुरू हुए गांव
नर्मदा के बढ़ते जल स्तर से अगस्त में ही डूब आना शुरू हो गई थी। बैक वाटर का लेवल 132 मीटर पहुंचने पर राजघाट टापू बन गया था। 133 मीटर वाटर लेवल पर पिछोड़ी और छीपाखेड़ी भी टापू में तब्दिल हो गए थे। अब 134.500 मीटर पर पिछोड़ी, नंदगांव, पेंड्रा भी टापू बन गया। वाटर लेवल 135 पर पहुंचने पर पिपलुद, बगुद, केसरपुरा, मोहिपुरा, जांगरवा, बोरखेड़ी, मोरकट्टा भी टापू बन गए। जल स्तर 136 मीटर पर पहुंचने से कई ओर गांव टापू में बदल जाएंगे। उल्लेखनीय है कि प्रशासन को भी अंदेशा नहीं था कि इतनी तेजी से पानी बढ़ेगा और गांव में कहां से पानी घुसेगा। नर्मदा तटों पर अवैध रेत खनन के चलते बनी खाईयों से पानी को रास्ता मिलने से समय के पहले ही गांव टापू बन गए।
फैक्ट फाइल…
135.65 मीटर सरदार सरोवर बांध का वाटर लेवल शाम 6 बजे तक
5 गेट खुले सरदार सरोवर बांध के 1.5 मीटर तक
1.12 लाख क्यूसेक पानी आ रहा सरदार सरोवर बांध में
1 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा सरदार सरोवर बांध से
135.300 मीटर राजघाट का वाटर लेवल
अंतिम समय पर जागा प्रशासन, अब गांव-गांव जाकर पता लगा रहा डूब का
सरदार सरोवर बांध के बढ़ते बैक वाटर से डूब गांवों में पानी आने के बाद अब प्रशासन डूब गांवों में पहुंच रहा है। नबआं नेत्री मेधा पाटकर के अनशन के बाद प्रशासन ने डूब प्रभावितों के हक में तेजी से कार्रवाई आरंभ की है। बुधवार को कलेक्टर अमित तोमर और एसपी डीआर तेनीवार के साथ एनवीडीए, भूअर्जन, राजस्व का अमला डूब ग्राम पिछोड़ी पहुंचा। यहां गांव में 134.500 मीटर पर गांव के पास नाले से डूब आना शुरू हो गई थी। पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया था। जिसके बाद भी लोग यहां डटे हुए थे। बुधवार को पहुंचे प्रशासनिक अमले ने यहां ग्रामीणों से चर्चा की। जिसके बाद 16 प्रभावितों को तत्काल पुनर्वास स्थल पर प्लाट आवंटन की कार्रवाई के निर्देश दिए गए। वहीं, डूब के बाद टापू बने नर्मदा फलिया में वैकल्पिक पहुंच मार्ग बनवाने, बिजली सप्लाय चालू करवाने के भी निर्देश कलेक्टर ने दिए। शाम 7 बजे एनवीडीए कार्यालय में नबआं कार्यकर्ताओं द्वारा 16 डूब प्रभावितों को पट्टे जारी करवाए गए।
मेधा पाटकर का हाल जानने पहुंचे अधिकारी
बुधवार दोपहर को कलेक्टर अमित तोमर और एसपी डीआर तेनीवार निजी अस्पताल में भर्ती मेधा पाटकर का हाल जानने के लिए पहुंचे। यहां उन्होंने मेधा पाटकर से मुलाकात कर उन्हें पूरा स्वास्थ्य लाभ लेने की अपील की। उल्लेखनीय है कि डूब प्रभावितों के हक में मेधा पाटकर 9 दिन तक ग्राम छोटा बड़दा में आमरण अनशन पर बैठीं थीं। 7 सितंबर को मुख्यमंत्री कमलनाथ के दूत के तौर पर पहुंचे पूर्व मुख्य सचिव शरदचंद्र बैहार ने उनकी सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन देकर अनशन खत्म कराया था। अनशन पर 9 दिन तक भूखे रहने के कारण मेधा पाटकर का स्वास्थ्य खराब हो गया था, जिसके चलते उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पिछोड़ी और छीपाखेड़ी टापू के लिए बनेगा वैकल्पिक मार्ग
सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर की डृूब में आ रहे गांवों की प्रशासन ने सुध लेना शुरू कर दी है। बुधवार को कलेक्टर अमित तोमर, एसपी डीआर तेनीवार सहित अमला डूब गांव पिछोड़ी और छीपाखेड़ी पहुंचा। ये दोनों गांव बैक वाटर लेवल बढऩे से टापू बन चुके हैं। यहां लंबी चर्चा के बाद कलेक्टर ने टापू बन रहे गांवों में जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाने का निर्देश दिया। साथ ही डूब प्रभावित परिवारों से अपील भी की कि वे तुरंत डूब क्षेत्र को छोड़कर अस्थाई पुनर्वास स्थलों पर स्थानांतरित हो जाए।
ग्राम पिछोड़ी में ग्रामीणों और नर्मदा बचाओ के कार्यकर्ताओ से चर्चा के दौरान कलेक्टर ने बताया कि गुरुवार से ही ग्राम में शिविर का आयोजन कर मांग एवं शिकायतों से संबंधित आवेदन पुन: प्राप्त किए जा रहे है। इन आवेदनों का परीक्षण कर समुचित निराकरण शीघ्र ही किया जाएगा। कलेक्टर ने ग्राम का भी दौराकर मछुआरों की बस्ती तक पहुंच गए पानी के कारण प्रभावित मार्ग का वैकल्पित व्यवस्था कराने के निर्देश एनवीडीए के पदाधिकारियो को दिए। साथ ही उन्होंने ऐसे डूब प्रभावित, जिनके घर पानी में डूबने की स्थिति में पहुंच गए है। उन्हें सिरसानी में समतल कर बनाए गए प्लाट पर अविलंब जाने का अनुरोध किया। इस दौरान कलेक्टर एवं एसपी ने ग्रामीणों के साथ टापू बन रहे क्षेत्र का भी निरीक्षण कर अधिकारियों को अविलंब पहुंच मार्ग बनवाने एवं प्रभावित विद्युत लाइन के स्थान पर नई विद्युत लाइन की अस्थाई व्यवस्था कराने के निर्देश दिए।
16 को मिले प्लाट, मिलेगा घर बनाने के लिए अनुदान
बांध के बैक वाटर से ग्राम पिछोड़ी में 24 घरों में पानी पहुंच गया था। इसमें से 16 परिवारों को बुधवार शाम 7 बजे आवासीय भूखंड के पट्टे एनवीडीए द्वारा जारी किए गए। नर्मदा बचाओ आंदोलन के राहुल यादव ने बताया कि इन सभी परिवारों को मकान बनाने के लिए 5.80 लाख की अनुदान राशि का हकदार मानते हुए पहली किस्त भी जारी कर दी गई थी, लेकिन बाद में डूब से बाहर कर आवासीय भूखंड नहीं आवंटित किए गए थे। अब आवासीय भूखंड जारी होने के बाद दूसरी और तीसरी किस्त के रूप में 2.80 लाख रुपए भी शीघ्र ही इनके खाते में डाले जाएंगे। डूब प्रभावितों ने इसे नबआं के संघर्ष की जीत बताया।
नाव से छीपाखेड़ी पहुंचे अधिकारी
कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने सरदार सरोवर के बैक वाटर से ग्राम छिपाखेड़ी के डूबे हुए पहुंच मार्ग का निरीक्षण बुधवार को नाव के माध्यम से पहुंचकर किया। इस दौरान कलेक्टर ने मौके पर ही उपस्थित एनवीडीए के कार्यपालन यंत्री एसएस चौगड़ को निर्देशित किया कि वे शाम तक ही डूबे हुए पहुंच मार्ग की वैकल्पिक व्यवस्था जेसीबी के माध्यम से पहाड़ी पर मार्ग बनवाकर करेंगे। इससे छोटे वाहन एवं पैदल ग्राम तक जाने वाले लोग सहजता से अपने ग्राम पहुंच सके।
पूर्व मुख्यमंत्री की चुप्पी पर उठाए सवाल
लगातार बढ़ते जल स्तर को लेकर एक बार फिर नर्मदा बचाओ आंदोलन ने धार जिले के डूब गांव कड़माल में सत्याग्रह शुरू कर दिया है। वहीं, नबआं ने आरोप लगाया कि प्रभावितों को धमकाने के लिए सुनियोजित तरीके से लाई जा रही इस डूब के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की चुप्पी बहुत ही हैरत करने वाली है। प्रभावितों के हितों पर डाका डालने में शिवराजसिंह सरकार ही भूमिका रही है। उन्होंने ही पहले 15946 परिवारों को बैकवाटर स्तर के नाम पर डूब से बाहर कर अधिकारों से वंचित किया था। उसके बाद शेष प्रभावितों को भी वंचित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में झूठे आंकड़े पेश करते हुए पुनर्वास का जीरो बैलेंस घोषित कर दिया था। उन्हें अपने कृत्यों की जिम्मेदारी लेते हुए प्रभावितों से मांफी मांगनी चाहिए और बताना चाहिए कि यदि सबका पहले ही पुनर्वास हो चुका था तो अब सरदार सरोवर में डूबने वाले प्रभावित कहां से आए।

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