बड़वानीPublished: May 22, 2020 07:10:13 pm
vishal yadav
31 मई को 100 से ज्यादा देशों में होगा गृह-गृह गायत्री यज्ञ उपासना का आयोजन, जिले में साधकों को दिया जा रहा यज्ञ और मंत्रों का प्रशिक्षण, शांतिकुंज चला रहा ऑनलाइन कक्षा-कार्यक्रम
बुद्ध पूर्णिमा पर दीप यज्ञ और आहुतियां देकर कोरोना का वायरस नष्ट करेगा गायत्री परिवार
बड़वानी. विश्वभर में फैली कोरोना महामारी को समाप्त करने और वातावरण की शुद्धि के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा पूरे विश्व में साधक उपासना करेंगे। 31 मई को ये आयोजन 100 से अधिक देशों में एक साथ होगा। इसके लिए जिले में भी गायत्री परिजन तैयारियां कर रहे हैं। इस आयोजन के लिए गायत्री परिवार द्वारा शांतिकुंज हरिद्वार से ऑनलाईन कक्षा कार्यक्रम भी चला रहा है। इसमें साधक आयुर्वेदिक औषधियुक्त हवन सामाग्री के साथ गायत्री और महामृत्युंजय मंत्र और आदित्य (सूर्य) मंत्रों का उच्चारण करेंगे। जिन लोगों को इस कार्यक्रम में भागीदारी लेना हो, वे अपने-अपने नजदीकी गायत्री शक्ति, प्रज्ञा पीठ या गायत्री परिवार के सदस्य या परिजन से संपर्क करे।
जिले के गायत्री परिजनों ने बताया कि गृह-गृह गायत्री यज्ञ उपासना का मुख्य उद्देश्य मानव कल्याण है। उन्होंने बताया कि वेद, पुराण और आयुर्वेदिक ग्रंथों में स्वास्थ्य रक्षा के लिए अनेक मंत्रों व उपायों का उल्लेेख है। वैदिक काल के ये मंत्र, यज्ञ और उपाय आज भी अचूक हैंं। गायत्री मंत्र का उच्चारण वातावरण को शुद्ध, शांत और आध्यात्मिक बनाता है। गायत्री परिजनों ने बताया कि इन्हीं बातों को ध्यान में रख यह आयोजन किया जा रहा है। एक जून को गायत्री प्रकटोत्सव है और उससे ठीक एक दिन पहले यह आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन के तहत 31 मई को सूर्य उदय से सूर्यास्त तक गायत्री महायज्ञ का आयोजन होगा। वहीं दूसरे दिन 1 जून को सुबह 7 से 8 सामुहिक गायत्री चालीसा पाठ, 24 बार युग ऋषि की वाणी में गायत्री का महामंत्र, शक्ति संचय जप और सूर्य अघ्र्य दान होगा। वहीं रात्रि 8 से 9 बजे युग निर्माण दीपक महायज्ञ किया जाएगा।
नए सदस्यों को भी जोडग़े
आयोजन में शांतिकुंज परिवार के सदस्यों के साथ-साथ नए घरों को भी इससे जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने घरों में ही यह आयोजन करेंगे। लोगों को विभिन्न माध्यमों से मंत्रोचारण और हवन के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके लिए पिछले कई सप्ताह से आन-लाइन कक्षा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कक्षाओं में उन्हें मंत्र और श्लोक के सही उच्चारण और यज्ञ आहुति के तरीकों की जानकारी दी जा रही है। जो प्रशिक्षित हो चुके हैं, वे दूसरों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। बताया कि आयोजन वाले दिन देश-विदेश में विभिन्न जगहों से गृह-गृह गायत्री यज्ञ उपासना आयोजन में सम्मिलित होने वाले लोगों की सहायता के लिए जूम, सिस्का एप आदि की व्यवस्था की जा रही है, ताकि उन्हें कोई दिक्कत न हो। वाट््सएप पर यज्ञ-हवन और मंत्रोचारण के वीडियो बना कर भेजे जा रहे हैं।
इन सामग्रियों का होगा उपयोग
अमृताए ब्राह्मी, प्रज्ञा घास, गूगल, तिल, गाय का घी, चावल, गुड़, नीम, पाकड़, बेलए नीलगिरि, अगर-तगर, आम की लकड़ी, गाय के गोबर से बने कंडे और हवन सामाग्री ये यज्ञ में आहुतियां प्रदान की जाएंगी।