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जर्जर भवन और भय के साए में शिक्षा ले रहे सैकड़ों विद्यार्थी

locationबड़वानीPublished: Feb 16, 2019 10:40:50 am

उत्कृष्ट विद्यालय, लेकिन सुविधाएं न के बराबर, भवन के अभाव में दो शिफ्टों में लगा रहे विद्यालय

Government Child Higher Secondary School and Excellency School Disease

Government Child Higher Secondary School and Excellency School Disease

ऑनलाइन खबर : विशाल यादव

ठीकरी/बड़वानी. शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं उत्कृष्ट विद्यालय ठीकरी की हालत बहुत खराब है। कहने को तो ये ठीकरी का सबसे बड़ा विद्यालय है, लेकिन यहां पर सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। 53 वर्ष पहले बने हुए इस विद्यालय के भवन की हालत जर्जर है। यहां के 13 कमरे कभी भी भरभराकर गिर सकते है। इसके अलावा 4 साल पहले बने हुए भवन भी अभी से बारिश में टपकने लगे है।
विद्यालय में कुल 950 विद्यार्थी अध्ययन करते है। विद्यालय के इसी परिसर में उत्कृष्ट विद्यालय में संचालित होती है। इसमें 160 बच्चे अध्ययन करते है। इस विद्यालय में कला वाणिज्य कृषि एवं विज्ञान संकाय की कक्षाएं संचालित होती है। इसके अलावा यहां पर बीएसडब्ल्यू एवं भोज विश्वविद्यालय की कक्षाएं परीक्षाएं भी होती है। साथ ही जिले के सभी प्रशिक्षण इसी विद्यालय के परिसर में होते है। विद्यालय के 13 कमरों की हालत इतनी गंभीर है कि इनकी जगह-जगह से दीवारें टूट चुकी है। छतों में पानी भरा होने की वजह से कभी भी छत गिर सकती है। प्राचार्य ईश्वरचंद्र शर्मा ने पीडब्ल्यूडी विभाग को इसकी जर्जर हालत के बारे में बता दिया है। जहां से इस विषय की कंडम रिपोर्ट मांगी गई है। वर्तमान में यहां पर 12 कमरे और 2 हाल में कक्षाएं लगाई जा रही है। बच्चे ज्यादा होने की वजह से हाल में 3 कक्षाओं को मिलाकर एक क्लास लगाई जाती है।
पानी पीने की टंकी से निकलते है कीड़े
विद्यालय में पानी पीने की समुचित व्यवस्था है ना ही बच्चों के लिए वॉटर कूलर एवं वाटर प्यूरीफायर लगा हुआ है। यहां पर बनी हुई पुरानी पानी की टंकी ऊपर से बंद है। इसकी वजह से इसकी सफाई नहीं हो पाती एवं पीने के पानी में कीड़े आते है। इस वजह से कई बच्चे अपने घरों से बोतल में भर कर पानी लाते है।
उत्कृष्ट विद्यालय का अलग भवन नहीं है
इसी विद्यालय परिसर में उत्कृष्ट विद्यालय का भी संचालन किया जाता है। इसमें वर्तमान में 160 विद्यार्थी अध्ययन करते है। इसमें 40 छात्राएं भी अध्ययन करती है। शासन द्वारा उत्कृष्ट विद्यालय का संचालन तो किया जा रहा है, लेकिन उत्कृष्ट विद्यालय जैसी सुविधाएं बिल्कुल नहीं है। यहां पर बच्चों के लिए अलग से पुस्तकालय नहीं है ना ही बालिकाओं के लिए अच्छा शौचालय है।
कम्प्यूटर होने के बावजूद नहीं लगती क्लास
शासन द्वारा यहां पर नवीन कम्प्यूटर दिए गए है, लेकिन वर्तमान में स्कूल में एक ही कम्प्यूटर रखा गया है। बाकी के 8 कम्प्यूटर को पैक कर के रख दिया गया है। छात्र भावेश अंकित एवं दीपक ने बताया कि अभी तक स्कूल में कम्प्यूटर की क्लास नहीं लगाई जाती एवं बच्चों को कम्प्यूटर पर कुछ भी नहीं सिखाया जाता।
शिक्षकों के भरोसे इंग्लिश की पढ़ाई
यहां पर इंग्लिश की पढ़ाई के लिए अभी तक कोई व्याख्याता नियुक्त नहीं किया गया। इस वजह से शिक्षकों को ही इंग्लिश पढ़ा नहीं पड़ रही है। 11वीं एवं 12वीं के छात्रों ने बताया कि व्याख्याता नहीं होने की वजह से उन्हें अंग्रेजी विषय में कठिनाई आती है। उनकी शंकाओं का समाधान नहीं हो पाता। वर्षों से यहां पर इंग्लिश के व्याख्याता की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
प्रायोगिक में एक ही लैब
यहां पर एक ही लेबोरेटरी में सभी संकायों के विद्यार्थियों को प्रायोगिक कराया जाता है। यहां पर कृषि विज्ञान के लिए अलग से कोई भी प्रयोगशाला नहीं है। कृषि विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए विद्यालय में अलग से पौधे पेड़ या फिर औषधि नहीं लगाई गई है। इस वजह से बच्चों को कृषि संकाय की बारीकियां समझने में कठिनाई महसूस होती है।
प्राइमरी में संख्या से अधिक बच्चे
इस भवन में प्राइमरी कक्षा भी संचालित होती है। जहां पर संख्या से अधिक बच्चे होने की वजह से एक ही कमरे में 70 से 80 बच्चों को बैठाना पड़ रहा है। इसके अलावा यहां पर मध्याह्न भोजन का किचन भी अव्यवस्थाओं से घिरा हुआ है। यहां पर पूरा किचन बारिश में टपकने लगता है। इससे वहां पर खाना बनाने वाली महिलाओं को खाना बनाने में परेशानी आती है।। गीले की वजह से कई बार खाना खुले में बनाना पड़ता है।
वर्जन…
भवन जर्जर हालत में पहुंच चुका है। शासन से इसे तोड़कर नया बनाने के लिए लिखित में भेज दिया है। भवन की कमी है। इस वजह से दो शिफ्टों में विद्यालय लगाया जा रहा है।
-आईसी शर्मा, प्राचार्य
अतिरिक्त भवन की व्यवस्था के लिए जिले को लिखा गया है। पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट आने के बाद भोपाल से नया भवन स्वीकृत कराने के लिए कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही व्यवस्था में सुधार लाया जाएगा।
-केसी सुनहरी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी

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