अपर मुख्य सचिव आईसीपी केशरी ने बताया कि 2019 में पहली बार सरदार सरोवर बांध के पूर्ण रूप से भरने से कृषि भूमि, मकान, सड़क, पुल-पुलिया डूब में आई, जिसका चिह्नांकन कमिश्नर पुनर्वास और इंदौर सम्भाग के संभागायुक्त द्वारा किया जा चुका है। बैठक में बताया गया कि सरदार सरोवर बांध से कम विद्युत उत्पादन लेने के कारण मध्यप्रदेश सरकार को 904 करोड़ की क्षति हुई है। प्रथम बार बांध भरने पर नवीन भू-अर्जन पर लगभग 100 करोड़ रुपए और क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों, सड़कों के नवीन निर्माण पर 298.28 करोड़ रुपए का भार राज्य सरकार पर आया है। बैठक में सदस्य अभियांत्रिकी नर्मदाघाटी विकास प्रधिकरण राजीव कुमार शुक्ल, आयुक्त जनसम्पर्क सुदाम खाड़े सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। बांध के बैक वाटर की डूब आने के बाद कई डूब प्रभावित बेघर हो गए हैं। इनमें से कई लोग अस्थायी टीनशेड में शरण लेकर रह रहे हैं। डूब आने के बाद से ही कई लोग अपने पुनर्वास की बाट जोह रहे हैं। वहीं कई प्रभावित ऐसे हैं, जिन्हे मकान बनाने के लिए पांच लाख 80 हजार रुपए की किश्त मिलना बाकी है। डूब आने के बाद कई गांव और खेत टापू बने हुए हैं।