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हिस्ट्रीशीटर और भाजपा नेता संजय यादव देसी कट्टे के साथ गिरफ्तार, 9 महीने से चल रहा था फरार

locationबड़वानीPublished: Jan 18, 2020 08:05:45 pm

Submitted by:

vishal yadav

संजय यादव पर हो चुकी है रासुका की कार्रवाई, पुलिस ने घर से किया था हथियारों का जखीरा बरामद, 50 मामले हैं दर्ज, पुलिस कंट्रोल रूम में एसपी ने किया मामले का खुलासा

Historyheater Sanjay Yadav arrested along with Desi Katta

Historyheater Sanjay Yadav arrested along with Desi Katta

हिस्ट्रीशीटर बदमाश और भाजपा नेता संजय यादव को पुलिस ने राजपुर के समीप घेराबंदी कर देसी कट्टे और जिंदा कारतूस के साथ धरदबोचा। यादव पिछले करीब 10 माह से फरार चल रहा था। पुलिस ने उसे पकड़वाने पर 10 हजार का ईनाम भी घोषित किया। संजय यादव पर प्रशासन ने रासुका की कार्रवाई भी की है। पिछले दस महीनों से पुलिस ने यादव को पकडऩे के लिए कई जगहों पर दबिश दी थी। अब जाकर यादव पुलिस के हत्थे चढ़ा। हिस्ट्रीशीटर को पकडऩे में एडिशनल एसपी सुनिता रावत की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
पिछले दो महीनों से एडिशनल के नेतृत्व में गठित टीम ने सेंंधवा सहित महाराष्ट्र में कई जगहों पर दबिश मारी थी। मामले का खुलासा शनिवार को पुलिस अधीक्षक डीआर तेनीवार ने किया। उन्होंने बताया कि सेंधवा के हिस्ट्रीशीटर बदमाश संजय यादव आखिर कई माह बाद पुलिस की गिरफ्त में आया है। पुलिस ने उसे जिले के जुलवानिया-राजपुर के बीच मार्ग पर वाहन चैकिंग के दौरान धरदबोचा। एसपी ने बताया कि कार्रवाई के दौरान संजय यादव भागने का प्रयास कर रहा था। तब उसे धरदबोचा। यह कार्रवाई एएसपी सुनीता रावत के नेतृत्व में राजपुर पुलिस ने की है। इस बदमाश पर विभिन्न धाराओं के तहत करीब 50 केस दर्ज हैं। इनमें हत्या करवाने, आम्र्स एक्ट और लोगों के साथ मारपीट करने के मामले दर्ज हैं। पुलिस ने संजय यादव को एनएसए की कार्रवाई के तहत शनिवार को जेल भेज दिया। एडिशनल एसपी सुनीता रावत ने बताया कि अन्य मामलों में पुछताछ करने के लिए प्रोटेक्शन वारंट पर उसकी रिमांड ली जाएगी।
एक दिन पूर्व चली सरेंडर करने की अफवाहें
संजय यादव की गिरफ्तारी बताने के एक दिन पूर्व सोशल मीडिया पर उसके सरेंडर करने की अफवाहें दिनभर चलती रही। पुलिस ने यादव को गिरफ्तारी की जानकारी शनिवार को पुलिस कंट्रोल रूम पर प्रेस वार्ता लेकर दी। यहां पुलिस अधीक्षक डीआर तेनीवार और एससपी सुनीता रावत की मौजूदगी में मीडिया के सामने यादव को लाकर पूरी जानकारी दी। इसके बाद न्यायालय में पेश करने के लिए राजपुर ले जाया गया।
10 हजार था ईनाम घोषित, हो चुकी है एनएसए की कार्रवाई
संजय यादव करीब दस माह से फरार चल रहा था। पहले पुलिस ने उस पर 5 हजार और उसके बाद 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। वहीं गत माह ही जिला दंडाधिकारी अमित तोमर ने पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर बदमाश संजय पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) की कार्रवाई की थी।
घर से बरामद हुआ था हथियारों का जखीरा
पिछले साल लोकसभा चुनाव के पूर्व तत्कालीन एसपी यांगचेन डोलकर भूटिया और एडिशनल एसपी सुनीता रावत ने भारी पुलिसबल के साथ संजय यादव के दारुगोदाम स्थित आवास पर छापामार कार्रवाई की थी। उस समय उसके यहां से बड़ी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद हुआ था। पुलिस ने दबिश के दौरान 13 पिस्टल, 17 हथगोले व 116 कारतूस सहित धारदार हथियार जब्त किए थे। तब से ही संजय यादव फरार चल रहा था।
हथियारों के साथ पकड़ाए दोनों आरोपी
एएसपी सुनीता रावत के नेतृत्व में राजपुर थाना प्रभारी अनिल बामनिया सहित बल द्वारा राजपुर-जुलवानिया के बीच नर्सरी के पास से वाहन चैकिंग के दौरान संजय (51) पिता विष्णुप्रसाद यादव और उसके साथी सेंधवा के दारुगोदाम निवासी रामस्वरुप (23) पिता ईश्वर चौधरी को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में से संजय यादव के पास एक देसी कट्टा, मैगजीन, दो जिंदा कारतूस और रामस्वरूप के पास से एक देसी 12 बोर कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। दोनों के विरुद्ध आम्र्स एक्ट के तहत राजपुर थाने पर मामला कर लिया गया है।
अपराध जगत का खूंखार वांटेड है यादव
हिस्ट्रीशीटर बदमाश संजय यादव जिले में अपराध जगत का खूंखार वांटेड अपराधी है। पुलिस अधीक्षक डीआर तेनीवार ने बताया कि सेंधवा शहर के अपराध क्र. 97/2019 धारा 25(1), 27 आम्र्स एक्ट एवं 4/5 विस्फोटक अधिनियम 1908 एवं थाना नागलवाड़ी के अपराध क्र. 74/2019 धारा 25(1-ए) 27(1बी) भादवि के अपराधों में 10 माहों से फरार चल रहा था। उस पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।
माफिया कार्रवाई के बाद आई कार्रवाई में तेजी
वर्तमान कांग्रेस सरकार के दौरान माफियाओं के विरूद्ध की जा रही कार्रवाई के दौरान जिले में भी ये बड़ी कार्रवाई हुई है। इस मामले को लेकर भोपाल से जिले में पुलिस पदाधिकारियों को इस हिस्ट्रीशीटर भाजपा नेता संजय यादव को जल्द पकडऩे के विशेष निर्देश दिए गए थे। इसके बाद पिछले दो माह से आरोपी संजय की तलाश में पुलिस की तफ्तीश तेज हो गई थी। पिछले महीनें आरोपी संजय के सेंधवा आने की सूचना पर एएसपी ने उसके घर दबिश दी और उसके लकड़े को हिरासत में लिया था। इसके बाद पुलिस लगातार उसे पकडऩे के प्रयास में लगी हुई थी।
कार्रवाई में इनका रहा सहयोग
जिले के मोस्ट वांटेड हिस्ट्रीशीटर बदमाश संजय यादव को पकडऩे में एएसपी सुनीता रावत, सेंधवा शहर टीआई, टीएस डावर, राजपुर टीआई अनिल बामनिया, उनि त्रिवेणी राजपूत, विजय रावत, सउनि देश कुमावत, प्रकाश राय, प्रधान आरक्षक दीपक जायसवाल, रमेश यादव, आरक्षक योगेश पाटील, जगजोतसिंह, विशाल दासौंधी, प्रेमसिंहवाल, बलवीर सिंह, प्रितमसिंह, राजकुमार, सुनिल पालीवाल, रितेश पाटीदार, पप्पु नार्वे, देवराम मोरे, दशरथ विदुडी मौजूद थे।
सेंधवा शहर-ग्रामीण पुलिस की कार्यप्रणाली उठे सवाल
पुलिस की पकड़ में आए हिस्ट्रीशीटर बदमाश संजय यादव ने पुलिस को बताया कि सेंधवा से फरार होकर पिछले 10 माहों में वह ऊंटी, शिरपुर, गोवा आदि राज्यों में घूमता रहा। वहीं इस दौरान समय-समय पर सेंधवा शहर में भी आता रहा। इससे सेंधवा शहर व ग्रामीण पुलिस की कार्यप्रणाली और सूचनातंत्र पर भी सवाल खड़े हो गए है। वहीं एएसपी के नेतृत्व में पुलिस टीम सेंधवा के साथ ही नागपुर व शिरपुर तक दौड़ लगाती रही।
वर्ष 1985 में रखा था अपराध जगत में कदम
सेंधवा के कुख्यात गुंडे संजय यादव ने 1985 में अपराध जगत में कदम रखा था। इसके बाद उसने कभी पीछे मुडकर नहीं देखा और जिले का सबसे बड़ा गुंडा बन गया। संजय यादव पर सेंधवा थाने में पहला मामला 1985 में दर्ज हुआ था। जिसमें उसने रास्ता रोककर मारपटी की थी। उसके बाद ये यादव के हौंसले बुंलद होते गए और अपराध जगत में खासा नाम बना लिया। पुलिस ने बताया कि तब से लेकर वर्ष 2019 तक कुल 50 केस दर्ज है। इनमें से करीब 36 मामलों में वह बरी हो गया था। वहीं तीन मामलों में राजीनामा हुआ। संजय यादव पर अभी भी पांच मामले विचाराधीन हैं। एक मामले में दोषमुक्त हुआ और एक मामले का खात्मा हो चुका है। उस पर दर्ज हुए कुल 50 केस में से सेंधवा शहर में 46 केस दर्ज है। वहीं एक केस धुलिया-महाराष्ट्र, एक केस खरगोन अजाक थाना तथा दो केस जिले के नांगलवाड़ी में दर्ज हैं।
दो साल पूर्व हुआ था भाजपा में शामिल
संजय यादव और उसके भाई जीतू यादव ने दो साल पहले भाजपा का दामन थामा था। उस दौरान प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने उसे भाजपा की शपथ दिलाई थी। इसके बाद संजय यादव की मां ने नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा। इस चुनाव में नगर पालिका अध्यक्ष पद की सीट निर्विरोध जीतने के बाद ये मामला भी काफी सुर्खियों में रहा था। संजय यादव की गुंडागर्दी के खौफ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उस समय संजय यादव की मां बसंतीबाई यादव के सामने 6 प्रतिद्वंदी मैदान में थे। इनमें से सभी ने अपने नामांकन फार्म वापस ले लिए थे। इस कारण ये सीट निर्विरोध भाजपा के खाते में आ गई।

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