बड़वानीPublished: Feb 05, 2019 10:52:31 am
मनीष अरोड़ा
भगवान नगर से हटाए अतिक्रमण बने प्रशासन के गले की हड्डी, अतिक्रमणकारियों के पक्ष में आए विधायक, बोले तीन दिन में हो निराकरण, ठंड में मासूम बच्चों को लेकर खुले में सो रहे गरीब, कोई सुनने वाला नहीं
Homeless women camped in the collectorate
खबर लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. ग्राम पंचायत बडग़ांव अंतर्गत ट्रेचिंग ग्राउंड के पास हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पीछे से हटाए गए अतिक्रमण अब प्रशासन के गले की हड्डी बनते जा रहे है। सोमवार को बेघर हुए परिवारों ने कलेक्टोरेट परिसर के बाहर डेरा डाल लिया और जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मामले की जानकारी मिलने के बाद विधायक प्रेमसिंह पटेल भी कलेक्टोरेट पहुंचे और अतिक्रमणकारियों के पक्ष में आते हुए प्रशासन को तीन दिन का समय दिया।
शनिवार को ग्राम पंचायत बडग़ांव के करीब 40 अतिक्रमणों को नगर पालिका के सहयोग से तोड़ा गया था। यहां प्रशासन को महिलाओं के भारी विरोध का सामना भी करना पड़ा था। इसके बाद अतिक्रमण तोडऩे का मामला गरमा गया। रविवार को बड़वानी पहुंचे गृहमंत्री बाला बच्चन के सामने भी महिलाओं ने अपनी गुहार लगाई थी। गृहमंत्री ने इस मामले में कलेक्टर से चर्चा कर समस्या का हल करने का आश्वासन दिया था। गृहमंत्री के आश्वासन पर भी बेघर महिलाओं को यकीन नहीं हुआ और सोमवार को सभी परिवारों ने महिलाओं, बच्चों सहित कलेक्टोरेट परिसर के बाहर धरना दे दिया। यहां आई महिलाओं की मांग थी कि जब तक उन्हें घर के बदले घर नहीं मिल जाता तब तक वे यहीं पर ही रहेगी।
छोटे बच्चों को ठंड में सुलाना मजबूरी
यहां आई रितूबाई ने बताया कि सभी के छोटे-छोटे बच्चे है। बेघर होने के बाद घर के बाहर खुले में सोने पर मजबूर होना पड़ रहा है। पास में ही नाला है, जिसके कारण मच्छरों और गंदगी से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। एक महिला ने बताया कि उसका पांच दिन का बच्चा है। उसे भी जबरदस्ती घर से बाहर निकालकर घर तोड़ दिया गया। दूधमुंहे बच्चे को लेकर अब कहां जाए, हमारे पास कोईठिकाना ही नहीं है। एक महिला निर्मला बाई का कहना था कि हमारे घर गलत तरीके से तोड़े गए है। खाने पीने और अन्य सामान भी अंदर ही दब गया है। बच्चों को खाना तक नहीं खिला पा रहे हैं।
तीन दिन बाद समर्थकों सहित बैठेंगे धरने पर
मामले की जानकारी लगने पर दोपहर में विधायक पे्रमङ्क्षसह पटेल भी कलेक्टोरेट पहुंच गए। विधायक का कहना था कि गरीबों को बेवजह उजाड़ा जा रहा है। एक ओर तो ग्राम पंचायत बेघरों को पट्टे देने की बात करती है, दूसरी तरफ इनके बने बनाए मकान तोड़ दिए गए। ठंड में बेघर लोग बच्चों को लेकर कहां जाएंगे। एक तरफ तो गृहमंत्री इनको आश्वासन देते है, दूसरी ओर सुबह से कलेक्टारेट के बाहर धरना देकर बैठे बेघर गरीबों से मिलने कोई भी अधिकारी नहीं आया है। विधायक पटेल ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि तीन दिन में इनकी समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो वे अपने कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्टोरेट परिसर के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे।
कलेक्टोरेट में लगाई धारा 144
उजाड़े गए लोगों के धरने के बाद प्रशासन ने कलेक्टोरेट परिसर में धारा 144 लागू कर दी है। अनुविभागीय दंडाधिकारी अभयसिंह ओहरिया ने पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार कलेक्टर कार्यालय परिसर में दो माह के लिए धारा 144 लगा दी है। धारा 144 के तहत कलेक्टर कार्यालय परिसर में किसी भी प्रकार का धरना-प्रदर्शन, भाषणबाजी, जुलूस, रैली, हथियार, विस्फोटक पदार्थ आदि पर प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर भी प्रतिबंध रहेगा। ये आदेश शासकीय सेवकों पर लागू नहीं होगा। वहीं, धारा 144 लगने के बाद भी बेघर परिवारों ने कलेक्टोरेट के बाहर ही देर शाम तक डेरा डाल रखा था।
धरने पर बैठी महिला की तबियत बिगड़ी, कराया भर्ती
प्रशासन की कार्रवाईसे बेघर हुए परिवारों ने कलेक्टोरेट के बाहर ही डेरा डाल रखा था। यहां तक कि शाम को खाना भी कलेक्टोरेट परिसर के बाहर ही बनाकर खाया। यहां देर शाम को धरने पर बैठी महिला सीताबाई चतरसिंह की तबियत बिगड़ गई। मामले की जानकारी मिलते ही एसडीएम अभयसिंह ओहरिया, टीआई राजेश यादव और पुलिस बल मौके पर पहुंचा। बीमार महिला को जिला अस्पताल में भर्तीकराया गया। इसके बाद धारा 144 के चलते यहां धरने पर बैठे लोगों को पुलिस ने खदेडऩा शुरू किया और कलेक्टोरेट परिसर के बाहर कर दिया। जिसके बाद बेघर लोग हाईवे किनारे अपना डेरा डालकर बैठ गए।
तीन दिन में कराएंगे निराकरण
मामला मेरे संज्ञान में आया है। यदि लोगों के मकान नियम विरुद्ध तोड़े गए है तो इस मामले में मैं जांच कराउंगा। लोगों की समस्या का तीन दिन में निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा।
-अमित तोमर, कलेक्टर