छात्राओं की सूचना पर ओबीसी, एसटी/एससी एकता मंच के पदाधिकारी पहुंचे और छात्राओं को मकान से बाहर निकलवाया। इसके बाद थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई। वहीं छात्राओं को बंधक बनाने और अभद्र व्यवहार करने को लेकर एफआइआर दर्ज करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। छात्रा पूजा मोरे, नंदिनी गोरे, लक्ष्मी निंगवाल, भावना सोलंकी, शिला पनीहर, चंपा शालेर आदि ने बताया कि वे सिलावद, राजपुर आदि क्षेत्रों के गांवों से बड़वानी कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए रैदास मार्ग पर गोपाल शर्मा के मकान में किराए से रहती हंै। वे कई माह से मकान में रह रही हंै। लॉकडाउन लगने के बाद से स्कूल, कॉलेज बंद होने से मार्च माह का किराया देकर वे गांव चली गई थीं। लॉकडाउन-4 में ढील मिलने पर गुरुवार को वे अपने किराए के मकान से पुस्तकें व घर के लिए गैस टंकी व चूल्हा लेने पहुंची तो मकान मालिक व परिजनों ने दो माह के किराए की मांग की। छात्राओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन में किराए की छूट दी है। इस पर मकान मालिक ने सामान ले जाने से मना करते हुए नीचे चैनल गेट पर ताला लगाकर छात्राओं को बंधक बना लिया।
जमकर हुई बहस, पुलिस ने मामला शांत कराया
छात्राओं ने इसकी सूचना ओबीसी, एसटी-एससी मंच के प्रदेश संयोजक सुमेरसिंह बड़ोले को दी। सुमेर ने मौके पर पहुंच मकान का ताला खुलवाकर छात्राओं को बाहर निकलवाया। इस दौरान किराए को लेकर मकान मालिक व उनके बीच कहासुनी भी हुई। छात्राओं की थाने में शिकायत पर मौके पर चार्ली टीम के जवान पहुंचे और दोनों मकान मालिक और किराएदार छात्राओं को थाने बुलाया। थाने में मकान मालिक व परिजनों सहित छात्राओं व एकता मंच के पदाधिकारी के बीच जमकर बहस हुई। पुलिस ने मामला शांत करवाया। छात्राओं ने किश्तों में किराया देने और मकान मालिक द्वारा उनका सामान सुरक्षित रखने पर सहमति बनी। वहीं ओबीसी, एसटी-एससी मंच के पदाधिकारियों ने कोतवाली व अजाक थाने में आवेदन देकर छात्राओं को बंधक बनाने व अभद्र व्यवहार करने के मामले में मकान मालिक पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
किराया नहीं लेंगे तो कैसे भरेंगे किश्त
मकान मालिक की पुत्री आकांक्षा शर्मा ने कहा कि बंधक बनाने का आरोप निराधार है। छात्राएं एक वर्ष से रह रही हैं, उनके द्वारा बीते तीन माह से किराया नहीं दिया गया। छात्राएं अपना सामान लेकर जा रही थीं। हमने यही कहा कि आप सामान ले जाआगे, तो हमें किराया कौन देगा। लॉकडाउन में सुरक्षा के चलते मुख्य गेट पर हम ताला लगाकर रख रहे हैं। छात्राओं की आवाजाही के लिए इसे खोला जाता है। छात्राएं किराया देने से इंकार करतेे हुए शासन द्वारा किराया माफी की बात कह रही हैं, जबकि शासन ने लॉकडाउन में किराएदारों को बाहर नहीं निकालने कहा है, किराया माफी का नहीं। वहीं हमारे मकान का बिजली का बिल 19 हजार रुपए आया है, किराया नहीं लेंगे तो कैसे भरेंगे। मकान किराए पर ही आजीविका निर्भर है। मकान निर्माण के बाद 15-15 हजार रुपए की किश्त बैंक में जमा करते हंै। नल-संपत्तिकर आदि कर भरते हैं। हमें राशन भी नहीं मिलता, जबकि छात्राओं को सरकार आवास भत्ता देती है। छात्राओं से हमने यही कहा कि जो किराया बन रहा है वो एकमुश्त दें या किश्तों में दें। मकान खाली कराने का भी नहीं कहा।
मामला जांच में लिया है
कोतवाली के एएसआई लखनसिंह बघेल ने बताया कि रैदास मार्ग पर मकान मालिक व छात्राओं में किराए को लेकर विवाद का मामला आया था। दोनों पक्षों को समझाइश देकर सुलह करा दी है। वहीं बंधक बनाने के मामले में छात्राओं ने मकान मालिक के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने का आवेदन दिया है, इसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई करेंगे।
बीडी 2351- मकान से बाहर निकालने के बाद रोड किनारे खड़ी छात्राएं।
बीडी 2356 – सूचना पर पुलिस मकान पर पहुंची और दोनों पक्षों को थाने बुलाया।