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गैरकानूनी तरीके से हुई फर्जी रजिस्ट्रियां, खुले घूम रहे दलाल

locationबड़वानीPublished: Feb 19, 2019 09:42:51 am

दो साल पहले उजागर हुए थे 17 दलालों के नाम, हुआ था केस दर्ज, एनवीडीए और जीआरए के अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ था खेल, केबिनेट मंत्री तक भी पहुंची शिकायत, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई

Illegitimate bogie registries

Illegitimate bogie registries

ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों के साथ हुए फर्जीरजिस्ट्री घोटाले में अब भी दलाल खुलेआम घूम रहे है। गैरकानूनी रूप से हुई रजिस्ट्रियों में एनवीडीए और शिकायत निवारण प्राधिकरण (जीआरए) के अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आ चुकी है। दो साल पहले नर्मदा बचाओ आंदोलन ने पूरा मामला उजागर किया था और 17 दलालों के नाम भी सामने आए थे। इस मामले में धार जिले में केस भी दर्ज हुआ, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।अब मामला नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण मंत्री तक पहुंचा है।इसमें भी एक माह से ज्यादा का समय हो गया, अब तक कोईहलचल इस मामले में नहीं दिख रही।
एनवीडीए के मालिकी वाले पुनर्वास स्थलों पर संगठित गिरोह द्वारा गैरकाूननी तरीके से फर्जीरजिस्ट्रियां करा दी गई। सरदार सरोवर बांध प्रभावितों के लिए अंजड़ कस्बे में बनाए गए पुनर्वास स्थल पर ग्राम छोटा बड़दा एवं अन्य प्रभावित गांवों के कुछ प्रभावितों को भूखंड आवंटित किए गए है, लेकिन पुनर्वास स्थलों की जमीनें राजस्व रिकार्ड में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के संबंधित कार्यकारी अभियंताओं के नाम दर्ज है। नर्मदा बचाओं आंदोलन की कमला यादव ने आरोप लगाया कि दलालों, पंजीकरण विभाग और एनवीडीए के अधिकारियों की मिलीभगत से पुनर्वास स्थल के भूखंडों की गैरकानूनी रजिस्ट्रियां का खेल अब भी जारी है। अंजड़ में हुईफर्जीरजिस्ट्रियों में संगठित गिरोह द्वारा सुनियोजित तरीके से काम किया गया। इसमें दलालों और संबंधित विभागों के अधिकारियों के भी शामिल होने का संदेह है। इस रजिस्ट्रियों में विभिन्न तथ्यों से छेड़छाड़ कर भ्रम फैलाने का प्रयास किया गया।
इस तरह से हुआ फर्जीरजिस्ट्री का खेल
-भूखंड को पटवारी हल्का नंबर-1, ग्राम बड़दा की आबादी में होना बताया गया जबकि वास्तव में भूखंड अंजड़ कस्बा स्थित पुनर्वास स्थल में है।
-सरपंच और सचिव के फर्जी अनापत्ति प्रमाण-पत्रों से भूखंडों को ग्राम पंचायत बड़दा की भवन कर पंजी में दर्ज बताया गया है। जबकि वास्तव में ये जमीन अंजड़ कस्बे की सीमा में है। इसलिए, इस जमीन का बड़दा ग्राम पंचायत की भवन कर पंजी में शामिल होने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
-विक्रेता ने भूखंडों को अपनी पैतृक संपत्ति बताया है। जबकि ये भूखंड राजस्व रिकार्ड में शासकीय भूमि होकर एनवीडीए के नाम दर्ज है। उसी विभाग के आधिपत्य में है।
-इन गैरकानूनी रजिस्ट्रियों को शून्य घोषित की जाए तथा इस फर्जीवाड़े की जांच कर इस गैरकानूनी काम में शामिल अधिकारियों, दलालों, खरीददार, बेचवालों और गवाहों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
-इस फर्जीवाड़े में ग्राम छोटा बड़दा (अंजड़) के सरपंच और सचिव द्वारा फर्जी अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी कर गैरकानूनी कार्यों में सहयोग दिया गया है।
-विक्रित जमीन की स्थिति पटवारी हल्का नंबर-1, ग्राम बड़दा की आबादी में बताया है, जो गलत है। वास्तव में विक्रित जमीन अंजड़ कस्बा स्थित पुनर्वास स्थल में है।
-विक्रित जमीन को ग्राम पंचायत बड़दा की भवन कर पंजी के अनुक्रमांक 98 8 पर दर्ज बताया गया है। जबकि वास्तव में ये जमीन अंजड़ कस्बे की सीमा में है। इसलिए इस जमीन का बड़दा ग्राम पंचायत की भवन कर पंजी में शामिल होने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
-बिक्रित जमीन को विक्रेता ने पैतृक संपत्ति बताया है। जबकि सदर भूमि राजस्व रिकार्ड में शासकीय भूमि होकर एनवीडीए के नाम दर्ज है। उसी विभाग के आधिपत्य में है।
-रजिस्ट्री के साथ ग्राम छोटा बड़दा पंचायत के सरपंच एवं सचिव द्वारा जारी किया गया प्रमाण-पत्र संलग्न है। इसमें अंजड़ कस्बे स्थित पुनर्वास स्थल की भूमि के विक्रय के संबंध में अनापत्ति जारी की गई है। जबकि ये पुनर्वास स्थल ग्राम पंचायत बड़दा के अधिकार क्षेत्र में आता ही नहीं है।
ये है नबआं की मांग
-अंजड़ कस्बे स्थित ग्राम छोटा बड़दा के पुनर्वास स्थल की शासकीय भूमि के गैरकानूनी विक्रय की समस्त रजिस्ट्रियों को तुरंत नूल एंड वाइड घोषित किया जाए।
-शासकीय भूमि के गैरकानूनी विक्रय के इस गोरखधंधे की जांच कर इसमें शामिल पंजीयन विभाग और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण विभाग के कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
-शासकीय भूमि को गैरकानूनी तरीके से बेचने वालों, खरीदने वालों और इन रजिस्ट्रियों पर गवाह के रूप में हस्ताक्षर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
-शासकीय भूमियों को गैरकानूनी तरीके से बेचने में पंचायत सचिव और सरपंच भी शामिल रहे हैं। उन्होंनें आधिकारिता के बगैर पंचायत के बाहर स्थित जमीनों के फर्जी अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी कर इस घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन सभी सचिवों और सरपंचों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
-सरदार सरोवर प्रभावितों के समस्त पुनर्वास स्थलों विशेषकर निसरपुर (कुक्षी), गणपुर (मनावर), बड़वानी कस्बा क्रमांक – 1, 2 एवं 3, बोरलाय (बड़वानी) आदि में की गई गैरकानूनी रजिस्ट्रियों की जांच कर उन्हें भी नूल एंड वाइड घोषित किया जाए। उनमें शामिल सभी अधिकारियों, क्रेता-विके्रताओं एवं दलालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
-अधिकारियों और दलालों की ये गठजोड़ दिन दहाड़े देश के कानून का मखौल उड़ा रही है और जिम्मेदार उसका संज्ञान तक नहीं ले रहे हैं। हद तो तब हो गई जब झा आयोग पुनर्वास के एक फर्जीवाड़े की जांच कर रहा है और उसी दौरान सुनियोजित तरीके से नया फर्जीवाड़ा जारी है।

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