बड़वानीPublished: Dec 09, 2019 10:45:11 am
vishal yadav
हर साल पुल से आत्महत्या करने के बाद भी नहीं कर रहे हैं रोकथाम के उपाय, सालों से उठ रही है जाली लगाने की मांग, पीएम को भी लिख चुके हैं पत्र
kasarawat Bridge built on Narmada as suicide point
बड़वानी. शहर के समीप खंडवा-बड़ौदा स्टेट हाइवे पर नर्मदा नदी पर बना पुल सुसाइड पाइंट बना गया है। हर साल यहां से कई लोग छलांग लगाकर अपनी जानें दे रहे हैं। हर साल यहां से कूदकर कई लोग मौत को गले लगा चुके हैं और ये सिलसिला लगातार जारी है। रविवार सुबह ही एक युवती ने पुल से नर्मदा में छलांग लगा दी। सुरक्षा संसाधनों के अभाव में युवती कुछ देर हाथ-पैर मारती नजर आई, उसके बाद नर्मदा में ओझल हो गई। एनडीईआरएफ टीम द्वारा मशक्कत कर कुछ घंटों में युवती का शव बरामद कर लिया।
जानकारी के अनुसार नर्मदा में कूदने वाली युवती की शिनाख्त धार जिले के कुक्षी के पाटीदार मोहल्ला निवासी हंसा (31 वर्ष) पति अश्विन पाटीदार के रुप में हुई है। युवती पुल से क्यों कूदी इस मामले में पुलिस जांच कर रही है। गौरतलब है कि ये पुल आत्महत्याओं का पुल बन चुका है। इस पर जाली लगाने के लिए कई सामाजिक संगठनों ने मांग भी उठाई, उसके बाद भी कोई निराकरण नहीं हो पा रहा है। पिछले 13 सालों में इस पुल से कूदकर जान देने वालों की संख्या देखें तो ये साल 2008 से अब तक 131 लोग यहां से कूदकर मौत को गले लगा चुके हैं। वहीं कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें बचाया भी गया है। इसी साल पूल से कूदे एक डूृब प्रभावित को होमगार्ड के जवानों ने बचाया था।
प्रधानमंत्री कार्यालय से दिए मुख्य सचिव को निर्देश
पुल से कूदकर हो रही आत्महत्याओं के संबंध में मां नर्मदा आदिवासी समाज सेवा संगठन के पदाधिकारियों ने गत माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। जिसमें इस पुल पर जाली लगाने की मांग की गई थी। संगठन संजय गुप्ता ने बताया कि उनके पास पीएमओ से जवाबी पत्र आया हैं, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रदेश के मुख्य सचिव को इस समस्या का निराकरण करने और उससे पीएमओ को अवगत कराने के निर्देश दिए गए है। अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है।
वर्ष 2017 में सबसे ज्यादा मौतें
कसरावद पुल से वर्ष 2017 में सबसे ज्यादा 21 लोगों ने आत्महत्या की है। इसके पूर्व 2016 में 15 लोगों ने यहां से छलांग लगाकर मौत का गले लगाया है। इस पुल से 2010 में 13, 2011 में 13, 2012 में 9, 2013 में 8, 2014 में 13 और 2015 में 14 लोग कूदे हैं। हर साल लगातार हो रही मौतों के बाद भी पुल पर न तो जालियां लगाई गई और ना ही यहां कोई गार्ड तैनात किया गया जो इन आत्महत्याओं को रोकने के लिए कोई प्रयास करें।
साल दर साल इतनों की हुई मौत
2008 – 6
2009 – 4
2010 – 13
2011 – 13
2012 – 9
2013 – 8
2014 – 13
2015 – 14
2016 – 15
2017 – 21
2018 – 10
2019 – 5