इस मामले में महिला के मायके पक्ष के लोगों ने ससुराल वालों पर हत्या करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने जांच में पाया कि महिला के ससुर और पति ही उसके कातिल हैं। साक्ष्य छिपाने के लिए उन्होंने महिला के शव को केरोसिन डालकर जला दिया था। बता दें कि उसने पुलिस को बताया कि घटना वाली रात महिला का पति सुरेश खेत में पानी देने गया था। रात में महिला अपने बच्चे के साथ सो रही थी। अचानक बच्चे के रोने की आवाज सुनकर नींद खुली। जब बहू की तलाश की तो वह घर में नहीं मिली। उसका शव घर से 100 मीटर दूर जली हुई अवस्था में मिला। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके का मुआयना करने के साथ वहां से केरोसिन की केन और माचिस बरामद की थी। घटना के अगले दिन वारना बाई के पिता और भाई ने थाने पहुंचकर ससुराल वालों पर ही मारपीट करने और हत्या करने की आशंका जाहिर की थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि ससुराल वाले महिला से मारपीट करते थे। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से की थी। यहां से पुलिस के शक की सुई वारना बाई के पति और ससुर की तरफ घूमी। इसके बाद आरोपी सुरेश और हासीराम ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस टीम में टीआई संतोष सांवले, एसआई पिंकी सिसौदिया, एसआई आशिक खान, रेणुका राठौर, अशोक खेड़कर, प्रधान आरक्षक सूरतसिंह डोडवा, आरक्षक सुरेश पाटीदार, श्रवण पटेल, पवन प्रजापत की टीम ने कथन एवं घटना स्थल निरीक्षण किया।