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शराब के आहते, होटल, गैरेज में काम कर रहे थे नाबालिग

locationबड़वानीPublished: Jul 23, 2019 10:49:12 am

श्रम विभाग, चाइल्ड लाइन ने चलाया रेस्क्यू, चार बच्चों को छुड़ाया, संस्थान संचालकों को नोटिस जारी, सात दिन में नहीं दिया जवाब तो कार्रवाई, रेसक्यू किए बच्चों को स्कूल में दाखिल करने के लिए शासन करेगा प्रयास

Labor Department, Child Line Rescue

Labor Department, Child Line Rescue

बड़वानी. जनसुनवाई में मिली शिकायत के बाद पहली बार श्रम विभाग ने बालश्रम को लेकर कार्रवाई की। सोमवार को श्रम विभाग सहित अन्य विभागों की संयुक्त कार्रवाई से बाल श्रम को बढ़ावा दे रहे संस्थानों में हड़कंप मच गया। संयुक्त कार्रवाई में शराब दुकान आहता, होटल, गैराज, ऑटो पाटर्स की दुकान से चार बच्चों को रेस्क्यू कर छुड़वाया गया। साथ ही विभाग ने संबंधित संस्थानों को बाल श्रम करवाने को लेकर नोटिस भी जारी किया है। सात दिन में जवाब नहीं दिए जाने पर मामला न्यायालय में पेश किया जाएगा।
पिछले मंगलवार को जनसुनवाई में एक व्यक्ति ने आवेदन देकर गुहार लगाई थी कि वो बच्चे को पढ़ाने में असमर्थ है, आर्थिक दशा खराब होने से बच्चे के बाल श्रम करना पड़ रहा है। जिसके बाद श्रम विभाग ने मामला संज्ञान में लेते हुए टीम का गठन किया था। सोमवार को श्रम विभाग, बाल कल्याण समिति, महिला एवं बाल विकास विभाग, चाइल्ड लाइन और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने बस स्टैंड और आसपास के क्षेत्र में निरीक्षण किया। इस दौरान बस स्टैंड पर देशी शराब आहता में एक बालक, भोजनालय में एक बालक, गैराज में एक बालक और ऑटो पाटर्स की दुकान पर एक बालक को बालश्रम करते पाया गया। इन सभी बालकों को संयुक्त टीम द्वारा थाने लाया गया और उनके माता-पिता को बुलवाकर उनके सुपुर्द किया गया।
इसमें से दो बालक ऐसे थे जो पढऩा तो चाहते थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने से वे बाल श्रम करने को मजबूर थे। प्रशासन द्वारा चारों बालकों को शासकीय योजनाओं के तहत स्कूल में भर्ती कराया जाएगा। संयुक्त टीम में श्रम निरीक्षक नीलेश पंवार, लखन भवर, अंकित किराड़े, महिला एवं बाल विकास से अखिलेश जमरे, एनसीपीएलसी से नंदराम बिसेन, चाइल्ड लाइन से गणेश वर्मा, कोमल गाठे, पुलिस विभाग से दिनेश सोलंकी, बाल कल्याण समिति से जया शर्मा शामिल थे। उल्लेखनीय है कि बालश्रम प्रतिषेध व विनियमन अधिनियम के तहत बाल श्रम करवाना दंडनीय अपराध है। जिसके तहत संस्थान संचालक को बाल श्रम करवाने पर 20 से 50 हजार रुपए तक जुर्माना और 6 माह से 2 साल तक की सजा या दोनों हो सकते है।
कराएंगे बालकों का एडमिशन
राष्ट्रीय बाल श्रम उन्मुलन परियोजना (एनसीपीएलसी) के तहत बालकों को स्कूलों में एडमिशन कराया जाएगा। बाल श्रम को लेकर समय समय पर समझाइश दी जाती है। इस बार कार्रवाई की गई है। संस्थान संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ये कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
-केएस मुजाल्दा, जिला श्रम अधिकारी

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