scriptडूब गांव में दहशत का माहौल, दो दिन में दो गाएं हुई तेंदूए का शिकार | Leopard hunted two cows in two days | Patrika News

डूब गांव में दहशत का माहौल, दो दिन में दो गाएं हुई तेंदूए का शिकार

locationबड़वानीPublished: Dec 05, 2019 08:38:40 pm

Submitted by:

vishal yadav

रहवासी मकानों के पास खेत में तेंदूए ने गायों पर हमला कर मारा, बैक वाटर की डूब आने के बाद से रहवासी क्षेत्रों में आ रहे हैं जंगली जानवर

Leopard hunted two cows in two days

Leopard hunted two cows in two days

बड़वानी. समीपस्थ डूब गांव पिछोड़ी में पिछले दो दिनों में तेंदूए ने दो गायों को अपना शिकार बनाकर मार दिया। रात के अंधेरे में तेंंदूए ने इन दोनों गायों को रहवासी मकानों के पास स्थित खेत में शिकार किया। दो दिनों से गांव के पास तेंदूए के होने से यहां के ग्रामीणों में भी भय का माहौल बना हुआ है।
ग्रामीणों ने बताया कि रहवासी क्षेत्र में घुम रहे जानवरों के डर से रात के समय लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। वहीं कई लोग तो रात में जागकर अपने मवेशियों की रखवाली में लगे हुए हैं। तेंदूए के हमले के बाद वन विभाग की टीम ने गांव में पहुंच मौके निरीक्षण भी किया। गुरुवार को वन विभाग के रेंजर असीम भूरिया और गजेंद्र बामनिया मौके पर पहुंचे और उन्होंने मृत गाय के गले व शरीर में अन्य जगहों पर काटने के निशान देख तेंदूआ होने की पुष्टि की। जिस स्थान पर कपास में खेत में तेंदूए ने गाय का शिकार किया, उससे कुछ ही दूरी पर तेंदूए के पैरों के निशान भी दिखाई दिए हैं। इन्होंने बताया कि ये तेंदूए के निकलने का स्थान हो सकता है। रात के सन्नाटे में ये जानवर इधर से गुजरता होगा। वन विभाग के अमले ने गांव वालों को सर्तक रहने की बात कही है। साथ ही ये भी कहा है कि वे अपने मवेशियों को रात में खेतों में न रखें।
बैक वाटर के कारण आ रहे जंगली जीव
सरदार सरोवर का बैक वाटर नर्मदा पट्टी में आने के बाद कई गांव डूब गए हैं। इसी कारण कई प्रकार के जंगली जीव अब गांवों की तरफ रूख करने लगे हैं। कुछ दिनों पूर्व कल्याणपुरा के समीप एक खेत में 12 फीट से अधिक लंबा अजगर मजदूरों को दिखाई दिया था। इसे वन विभाग के अमले ने गांव वालों की मदद से पकड़कर बावनगजा के जंगलों में छोड़ा था। वहीं राजघाट में आश्रम के किनारे किसानों को मगरमच्छ भी दिखाई दिया था। जलस्तर बढऩे के बाद से ही ये जीव रहवासी क्षेत्रों में भटकते हुए पहुंच रहे हैं। इससे डूब गांवों के लोगों में भय बना हुआ है। डूब गांव के लोगों ने बताया कि डूब आने के बाद से कई तरह की जंगली जीवों से भय बना हुआ है।
इधर खेतों में बिजली पहुंचाने का हो रहा काम
डूब आने के बाद नर्मदा पट्टी के कई गांवों में खेतों की बिजली काट दी गई थी। अब किसानों के खेतों की बिजली चालू करने के लिए काम किया जा रहा है। सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर के कारण नर्मदा घाटी के हजारों किसानों के खेतों में बिजली बंद कर दी गई है। काफी लंबे समय से प्रभावितों द्वारा बिजली चालू करने की मांग की जा रही थी, जिसका काम अब शुरू हो गया है। खेतों की बिजली शुरू करने के लिए विविकं द्वारा नए ट्रांसफार्मर डूब प्रभावित गांवों में लगाए जा रहे हैं। वहीं टापू बने खेतों में जाने के रास्ते की समस्या अब भी बनी हुई है। टापू बने खेतों में पहुंचने के लिए किसान नावों का सहारा लेकर ही अपने खेतों में आ जा रहे हैं। इनके खेतों तक पहुंच मार्ग बनाने के लिए अभी कोई तैयारी शुरू नहीं हुई है। इससे प्रभावितों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो