मंदिरों में पैदल पहुंचेंगे माता के भक्त
छोटी बिजासन मंदिर और बड़ी बिजासन मंदिर में हजारों श्रद्धालु पैदल चलकर माता के दर्शन करते हैं। महाराष्ट्र के हजारों परिवारों की कुलदेवी के रूप में बड़ी बिजासन माता की पूजा की जाती है। इसलिए इस पर्व के दौरान हजारों परिवार महाराष्ट्र से बड़ी बिजासन मंदिर पहुंचते है। हालांकि मंदिर समिति द्वारा इस बार माता दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गाइडलाइन जारी की है। नगर के जलाराम मंदिर में गुजराती समाज, जैन स्थानक महाराज गली में जैन समाज के सदस्य नवरात्रि मनाते है। इसी के साथ कई समाज के लोग नवरात्रि पर्व पर घट स्थापना कर छोटे-छोटे आयोजन करते है।
कोरोना महामारी के कारण कई स्थानों पर आयोजन स्थगित
नगर सहित ग्रामीण अंचलों में प्रतिमाओं की स्थापना को लेकर कमी दिखाई दे रही है। किला परिसर में माता प्रतिमाओं की बुकिंग में भारी गिरावट देखी जा रही है। व्यापारियों ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में करीब 70 प्रतिशत तक बुकिंग में कमी हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में माता की अगुवानी के लिए कई स्थानों पर टेंट और साज सज्जा की जा रही है। कोरोना महामारी को देखते हुए नगर सहित में कई आयोजन स्थगित किए गए हैं।
धूल से श्रद्धालु होंगे परेशान
पुराना एबी रोड पर यदि वीआइपी सड़क के हिस्से को छोड़ दे, तो अधिकांश क्षेत्र की सड़क जर्जर हो चुकी है। भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क पर धूल दिन भर उड़ाती रहती है। पिछले दिनों नपाध्यक्ष बसंतीबाई यादव ने प्रशासन को पत्र लिखकर सड़क दुरुस्त कराने की मांग की थी, लेकिन उनकी अपील का खासा असर दिखाई नहीं दिया है।
इस बार दुर्लभ संयोग में आएगी नवरात्रि
पंडितों का कहना है कि इस बार दुर्गा मां की पूजा दुर्लभ योग में होगी। 196 2 के बाद इस बार नवरात्रि में ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है। 1962 में नवरात्रि 29 सितंबर से शुरू हुई थी। वहीं इस बार नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू हो रही है। 2020 की नवरात्रि बेहद दुर्लभ संयोग में आएगी। नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू हो रही है, जो 25 अक्टूबर तक रहेगी। नवरात्रि के पहले दिन सूर्य देव भी राशि परिवर्तन कर रहे हैं। सूर्य का ये राशि परिवर्तन मानव जीवन पर बहुत बड़ा असर डालेगा। इस बार सूर्य तुला राशि में प्रवेश कर रहे है। तुला राशि में बुध पहले से ही वक्रीय रहेगा। इस वजह से बुध-आदित्य योग बनेगा। इसके साथ ही 58 साल बाद शनि-गुरु का भी दुर्लभ योग बन रहा है। इस नवरात्रि में शनि मकर में और गुरु धनु राशि में रहेंगे। ये दोनों ग्रह 58 साल बाद नवरात्रि में एक साथ अपनी-अपनी राशि में स्थित रहेंगे। 1962 के बाद इस बार नवरात्रि में ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है।