बंद रहा छोटा बड़दा, नहीं जले घरों में चूल्हे
अंजड़. सत्याग्रह पर बैठी पाटकर से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ का फोन आया था। उन्होंने कहा कि जो संभव होगा मदद करुंगा। आप भोपाल आ जाइए वहां चर्चा करेंगे। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि भोपाल हम 3 बार जा चुके है और कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं के समक्ष बात हो चुकी है, लेकिन एक भी मुद्दे का जवाब अभी तक नहीं आया है। 21 आवेदन देकर जानकारी मांगी गई थी, लेकिन अभी तक कोई भी जानकारी नहीं दी गई। सत्याग्रह के चलते शनिवार को छोटा बड़दा पूर्णत: बंद रहा व सभी ग्रामीणों ने अपने घर चूल्हा नहीं जलाया।
नबआं कार्यकर्ताओं को देखकर कार्यालय बंद कर भागे अधिकारी, कर्मचारी
बड़वानी. सरदार सरोवर बांध में लगातार बढ़ते जलस्तर के विरोध में शनिवार शाम नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ताओं ने कारंजा पर सांकेतिक चक्काजाम कर भूअर्जन कार्यालय का घेराव किया। नबआं कार्यकर्ताओं के आने की खबर सुनकर भूअर्जन कार्यालय के अधिकारी, कर्मचारी कार्यालय बंद कर वहां से निकल गए। इसके विरोध में नबआं कार्यकर्ताओं ने भूअर्जन कार्यालय में पानी, रेत और मिट्टी डाल दी। यहां आंदोलनकारियों ने जमकर नारेबाजी भी की।
एक ओर बांध भरने के विरोध में मेधा पाटकर सहित 11 लोग अनशन पर बैठे हुए है। वहीं, दूसरी ओर बांध के बढ़ते जलस्तर से घर, खेतों में पानी घुसना आरंभ हो गया है। इसके विरोध में शाम 4 बजे नबआं कार्यकर्ताओं ने कांरजा पर कुछ देर सांकेतिक रूप से चक्काजाम किया। इसके बाद यहां से रैली के रूप में भूअर्जन कार्यालय पहुंचे। यहां ताले लगे हुए देख कार्यकर्ता भड़क गए। एक कमरे का ताला खुलवाकर कार्यकर्ताओं ने यहां बाल्टी से पानी, रेत, मिट्टी डाल दी। नबआं कार्यकर्ताओं का कहना था कि जब हमारी जमीन डूब रही है और घरों में पानी घुस रहा है, कीचड़ हो रहा है तो भूअर्जन कार्यालय में भी हम पानी डालकर विरोध कर रहे हैं।
पुलिस की मौजूदगी में बनाया पंचनामा
नबआं कार्यकर्ता देवराम कनेरा, मुकेश भगोरिया, भागीरथ धनगर, पवन यादव ने बताया कि कार्यालय खुला रहने के समय अधिकारी और कर्मचारी यहां से भाग गए। कार्यालय बंद मिलने से यहां पुलिस की मौजूदगी में नबआं कार्यकर्ताओं ने पंचनामा बनाकर वहां चस्पा किया। नबआं कार्यकर्ता इस पंचनामे की कॉपी कलेक्टर को भी सौंपेंगे। नबआं कार्यकर्ताओं की मांग पर डिप्टी कलेक्टर घनश्याम धनगर यहां पहुंचे और डूब प्रभावितों, नबआं कार्यकर्ताओं की बात सुनी।