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जमीन के लिए भाईयों के बीच लगी दुश्मनी की आग में बच्चे भी जलते रहे

locationबड़वानीPublished: May 30, 2019 11:40:13 am

सिलावद में हुए तिहरे हत्याकांड के सातों आरोपी आए पुलिस की गिरफ्त में, पिता और पुत्रों ने मिलकर दिया था घटना को अंजाम, नहीं है जरा भी अफसोस

Murder in the ground case

Murder in the ground case

बड़वानी/सिलावद. सिलावद पुलिस ने सोमवार को ग्राम पोखल्या में हुए तिहरे हत्याकांड के सात आरोपियों को बुधवार गिरफ्तार किया। जमीन विवाद में आरोपी भाई ने अपने पुत्रों के साथ मिलकर बड़े भाई और दो भतीजों को मौत के घाट उतार दिया था। साथ ही चार भतीजे गंभीर रूप से घायल भी हुए थे। घटना के बाद पकड़ाएं आरोपियों के चेहरों पर हत्या करने का जरा भी अफसोस नहींथा। घटना को अंजाम देने के लिए उन्होंने पूरी तैयारी की थी।
सोमवार को ग्राम पोखल्या में सवा दो एकड़ जमीन के टूकड़े को लेकर हरलिया पिता भीलू और उसके पुत्रों पर छोटे भाई बंदरिया पिता भीलू ने अपने पुत्रों के साथ हथियारों से हमला कर दिया था। घटना में हरलिया उसके पुत्र चुन्नलाल, रामलाल की मौत हो गई थी। वहीं, शोभाराम हरलिया, प्रकाश शोभाराम, धारासिंह हरलिया और हरसिंह हरलिया घायल हो गए थे। घटना के बाद पुलिस अधीक्षक यांगचेन डोलकर भूटिया के निर्देशन तथा एसडीओपी बड़वानी अंतरसिंह जमरा के मार्गदर्शन में 2 टीमों का गठन किया गया। पुलिस ने ग्रामीणों से पूछताछ कर ग्राम पोखलिया के बंदरयिा पिता भीलू एवं उसके लड़के मंशाराम, काशीराम, सापित एवं मांगीलाल एवं 2 अन्य नाबालिग आरोपितों को गिरफ्तार किया। पुलिस द्वारा उनसे पूछताछ की गई। इसमें उन्होंने हत्या में प्रयुक्त तलवार तथा तीन ल_ आरोपितों से जब्त किए।
उनकी जमीन पर कर रखा था कब्जा
आरोपी बंदरिया ने बताया कि वो तीन भाई है, जिनकी वन अधिकार पट्टे की सात एकड़ जमीन है। बंटवारे के बाद सभी को सवा दो-सवा दो एकड़ जमीन मिली थी। छोटा भाई कुकुनिया ने शादी नहीं की और मजदूरी के लिए बाहर चला गया, तब से लौटा नहीं। उसकी जमीन बड़ा भाई हरलिया जोत रहा था। वो भी अपने परिवार के साथ 11 साल पहले मजदूरी को चले गए थे। 2009 में लौटे तो उनकी जमीन पर भाई हरलिया ने कब्जा कर लियाथा। तब विरोध किया तो उसके पुत्र कैलाश पर फलिया से हमला कर दिया, जिसकी सजा भी हरलिया और उसके पुत्र चुन्नीलाल, रामलाल काट चुके है। इस घटना के बाद वो डर गए और अपने नाबालिग पुत्रों को लेकर गुजरात मजदूरी के लिए चले गए थे।
हमेशा डराते धमकाते रहते थे
आरोपी बंदरिया ने बताया कि पांच साल पहले वो अपने पुत्रों के साथ गांव लौटे और अपनी जमीन जोतना शुरू की। जिस पर बड़े भाई हरलिया और उसके पुत्र हमेशा विवाद करते थे। उनके बच्चे छोटे थे, इसलिए वो कुछ नहीं बोलते थे। जब अति हो गई तो सभी पुत्रों के साथ मिलकर सोमवार को खेत जोत रहे हरलिया और उसके पुत्रों पर घेरकर हमला कर दिया। जो जहां मिला उसे वहीं पर मारा। आरोपियों का कहना था, हम उन्हें नहीं मारते तो वो हमें मार डालते। प्रकरण में आरोपितों को पकडऩे में थाना प्रभारी सिलावद अर्जुन सेमलिया, सहायक उप निरीक्षक श्यामलाल यादव, कमल मोरे, प्रधान आरक्षक रमेश यादव, अनिल दासौधी, अशोक नैयर, आरक्षक मनीष, दयाराम, मुकेश, दीपक, मसरसिंह, नवीन, सुरेश, दामन का योगदान रहा।

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