scriptफिर भड़केगी आंदोलन की आग, सत्याग्रह करेंगे डूब प्रभावित | Narmada Bachao Andolan Sardar Sarovar Dam | Patrika News

फिर भड़केगी आंदोलन की आग, सत्याग्रह करेंगे डूब प्रभावित

locationबड़वानीPublished: Jun 15, 2019 11:45:44 am

बिना पुनर्वास के डूब मंजूर नहीं, दी एनवीडीए आयुक्त को चेतावनी, पांच घंटे तक चली प्रशासन, नबआं और डूब प्रभावितों के बीच चर्चा, 22 जून तक नहीं हुआ समस्याओं का निराकरण तो होगा आंदोलन

Narmada Bachao Andolan Sardar Sarovar Dam

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बड़वानी. सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित एक बार फिर आंदोलन की राह पर अग्रसर है।डूब प्रभावितों के 30 बिंदुओं पर दिए गए आवेदनों पर कार्रवाई नहीं होने पर नर्मदा बचाओ आंदोलन सत्याग्रह करेगा। शुक्रवार को नबआं नेत्री मेधा पाटकर सहित डूब प्रभावितों ने इंदौर में एनवीडीए पुनर्वास आयुक्त पवनकुमार शर्मा से 5 घंटे चली चर्चा की। नबआं ने 22 जून तक अल्टीमेटम दिया है कि बिना पुनर्वास के डूब मंजूर नहीं है। इसके बाद डूब प्रभावित सत्याग्रह की राह पर उतरेंगे।
नबआं के कमला यादव व राहुल यादव ने बताया कि पुनर्वास में आंकड़ों का खेल, झूठे शपथ पत्रों का सुप्रीम कोर्ट में पिछले सरकार से प्रस्तुत किया जाना, जीरो बैलेंस दिखाना, पार्टी के ही पदाधिकारियों को ठेके देकर बिना जरूरत टीन शेड और राहत शिविर चलाना, तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का गलत अर्थ लगाना और हजारों का पुनर्वास बाकी होना आदि विषयों पर कागजातों के साथ आयुक्त के साथ गंभीर चर्चा की। आंदोलनकारियों का कहना था की 31 जुलाई तक गांवों को खाली करने की डेडलाइन मंजूर नहीं की जा सकती। युद्ध स्तर पर बिना भ्रष्टाचार कार्य नई सरकार से अपेक्षित है, उसी से ही बिना पुनर्वास डूब का संकट टल सकता है।
15 सालों से पूर्व सरकारों ने नहीं किया संवाद
नबआं कार्यकर्ताओं ने बताया कि पुनर्वास आयुक्त शर्मा हर मुद्दे पर गंभीरता से सुन कर आश्वासित करते रहे आयुक्त ने कहा कि 15 सालों से पूर्व की सरकार ने जो संवाद नहीं किया, अब मैं स्वयं आकर जांच करूंगा और कानूनी सत्य अपना लूंगा। आयुक्त का क्षेत्र का दौरा जल्दी हो और युद्ध स्तर पर कार्य आगे बढ़े यह कहते हुए भ्रष्टाचारियों की हकीकत भी आंदोलनकारियों ने बयां की। झा अयोगकी रिपोर्ट में जिन भ्रष्टाचारियों व दलालों के नाम सूचित है। उन्होंने आज भी लूट जारी रखी हुई है आंदोलनकारियों ने कहा कि नई सरकार को अब तो आने वाले कुछ ही दिनों में हमारे 30 आवेदनों पर ठोस निर्णय लेने का समय आया है। वह ना होने से सत्याग्रह आंदोलन का रास्ता विकल्प रहेगा। आयुक्त ने पुनर्वास स्थल के लिए जमीन लेकर भूमिहीन बनाएं लोगों या महिला खातेदार सभी के पक्ष में भूमिका लेना जरूरी है यह भी मंजूर किया।
युद्ध स्तर पर हो काम
कार्यकर्ताओं ने बताया कि आज की बैठक के बाद आंदोलनकारियों का क्षेत्र में दौरा शुरू होगा और यह संवाद आगे बढ़ेगा तो ही संघर्ष टल जाएगा। यह कहकर आयुक्त से अपेक्षा की वह युद्धस्तर काम बढ़ाएंगे। नर्मदा से लिंक परियोजना पर पुनर्विचार किया जाएगा। चर्चा के दौरान बड़वानी, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी तथा अलीराजपुर से डूब गांव के किसान, मजदूर, कुम्हार आदि प्रतिनिधियों के साथ कार्यकर्ता पवन यादव, जगदीश पटेल, सरस्वती, सुखलाल भिलाला, सुतारिया सोलंकी, कैलाश आवस्या, वाहिद भाई आदि मौजूद थे।

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