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नबआं नेत्री मेधा पाटकर बोलीं जिम्मेदार अधिकारी होकर आप ये नहीं बोल सकते कि डूब तो आएगी

locationबड़वानीPublished: Aug 07, 2019 10:10:06 am

नबआं ने घेरा संभागायुक्त को, नर्मदा के बढ़ते जल स्तर को लेकर जताई चिंता, आज से राजघाट पर जल सत्याग्रह, बांध भरना नहीं रोका तो डूबेंगे आंदोलनकारी, डूब गांवों की सीमा पर पहुंचा नर्मदा का बैक वॉटर, प्रभावितों ने खोला मोर्चा

Narmada Bachao Andolan surrounded the divisional commissioner

Narmada Bachao Andolan surrounded the divisional commissioner

बड़वानी. नर्मदा में लगातार बढ़ते जल स्तर को लेकर प्रशासन सतर्कता बरत रहा है। मंगलवार को डूब प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण और व्यवस्थाओं की समीक्षा करने आए इंदौर संभागायुक्त को डूब प्रभावितों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने चर्चा करने आए नर्मदा बचाओ आंदोलन और डूब प्रभावितों से ये कह दिया कि डूब रोकना हमारे हाथ में नहीं है। जिसके बाद नबआं नेत्री मेधा पाटकर ने संभागायुक्त को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि एक जिम्मेदार अधिकारी होकर आप ये नहीं बोल सकते कि डूब तो आएगी। आपकी सरकार का काम है कि सरदार सरोवर बांध के गेट खुलवाए और डूब प्रभावितों को डूबने से बचाए।
मंगलवार को डूब प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के बाद दोपहर 3.30 बजे संभागायुक्त कलेक्टोरेट पहुंचे थे और डूब क्षेत्र में की जाने वाली व्यवस्थाओं को लेकर समीक्षा की। इस दौरान बड़ी संख्या में डूब प्रभावित और नबआं कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गए। शाम 5 बजे समीक्षा बैठक से बाहर आए संभागायुक्त को डूब प्रभावितों ने घेर लिया। डूब प्रभावितों का कहना था कि बिना पुनर्वास और मुआवजा के सरकार किसी भी कीमत पर प्रभावितों को डुबो नहीं सकती है। इस पर संभागायुक्त ने कहा कि ऊपरी बांधों से पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। बारिश के कारण सरदार सरोवर बांध के गेट बंद होने से पानी बढ़ रहा है। इसे रोकना हमारे हाथ में नहीं है। जिसके बाद नबआं कार्यकर्ताओं और डूब प्रभावितों ने इसका विरोध किया।
इस सरकार से उम्मीदें, बांध के गेट खुलवाएं सरकार
डूब प्रभावितों से चर्चा कर संभागायुक्त वापस जाने की तैयारी कर रहे थे, इसी दौरान नबआं नेत्री मेधा पाटकर वहां पहुंच गईं। मेधा पाटकर ने कहा कि पूर्व की सरकार संवादहीन थी, लेकिन इस सरकार से हमें उम्मीदें हैं। आप सरकार के नुमाइंदे है, जाकर सरकार को यहां के हालात बताईएं। आज भी डूब प्रभावित 192 गांवों और 1 नगर में 30 हजार से ज्यादा डूब प्रभावित रह रहे हैं। इन्हें किसी भी कीमत पर डूबने नहीं दिया जा सकता। संभागायुक्त का कहना था कि हमारी प्राथमिकता डूब से जान माल की रक्षा की है। हम नहीं चाहते कि डूब में कोई आए। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस संबंध में सरकार से बात करेंगे। बांध के गेट खोलना मप्र और गुजरात राज्य की सरकारों का मुद्दा है।
आज से शुरू होगा सत्याग्रह
मेधा पाटकर ने बताया कि हम किसी को बिना पुनर्वास और मुआवजा के डूबने नहीं दे सकते। सरकार यदि नहीं मानती है तो हमारे पास डूब का सामना करने के अलावा कोई चारा नहीं है। बुधवार से नबआं और डूब प्रभावित राजघाट पर सत्याग्रह आरंभ करेंगे। जब तक डूब प्रभावितों का उचित पुनर्वास नहीं हो जाता और पूरा मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक सत्याग्रह आरंभ रहेगा। इसके पूर्व मंगलवार को भी डूब प्रभावितों ने राजघाट पर तीन घंटे तक बैठकर धरना प्रदर्शन किया। संभागायुक्त के आने से मंगलवार से शुरू होने वाला सत्याग्रह अब बुधवार से शुरू होगा।
गांवों में भी करना पड़ा विरोध का सामना
इसके पूर्व संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी, डीआईजी खरगोन रेंज एमएस वर्मा, कलेक्टर अमित तोमर, एसपी डीआर तेनीवार ने डूब प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। दोपहर को राजघाट पहुंचे संभागायुक्त को ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं सुनाई। यहां राजघाट पर चौक से ही संभागायुक्त वापस लौट गए। इसके बाद बिजासन पहुंचे संभागायुक्त को वहां भी विरोध का सामना करना पड़ा। डूब प्रभावितों का कहना था कि घर-प्लाट नहीं मिले है, 5.80 का पैकेज भी नहीं मिला। अधिकारी आकर बोल रहे हैं कि पानी आएगा तो खाली करना पड़ेगा। बिना पुनर्वास के हम कैसे हट सकते है।
बैठक लेकर अधिकारियों को दिए निर्देश
डूब प्रभावित ग्रामों के निरीक्षण के बाद संभागायुक्त ने कलेक्टोरेटसभागृह में डूब प्रभावित ग्रामों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों, पुलिस, एनवीडीए के पदाधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान नोडल अधिकारियों ने विस्तार से कमिश्नर को ग्रामीणों की शिकायतों, मांगों से अवगत कराया। बैठक के दौरान नोडल अधिकारियों से प्राप्त जानकारी आधार पर कमिश्नर ने एनवीडीए पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन पुर्नवास स्थलों पर सुविधाओं को ओर बढ़ाने की आवश्यकता है, उन्हें अविलम्ब पूर्ण कराया जाए।
नर्मदा का जल स्तर पहुंचा 127.100 पर
नर्मदा का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। मंगलवार का नर्मदा का जल स्तर शाम 6 बजे 127.100 मीटर पर पहुंच गया। जबकि सुबह 6 बजे जल स्तर 126.700 और दोपहर 12 बजे 126.900 मीटर पर था। नर्मदा के बढ़ते जल स्तर से राजघाट पुल के ऊपरी छोर से पानी छूने लगा है। उल्लेखनीय है कि 127.250 मीटर पर राजघाट पुल डूब जाएगा।

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