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खतरे के निशान से दो मीटर नीचे नर्मदा, प्रशासन हाई अलर्ट पर

locationबड़वानीPublished: Jul 29, 2019 10:29:13 am

लगातार बारिश से बढ़ रहा नर्मदा का जल स्तर, पहुंचा 121.450 मीटर पर, डूब गांव में प्रशासन हुआ सतर्क, किए आपदा प्रबंधन के इंतजाम, 128 मीटर जल स्तर पर शुरू हो जाएगी डूब, भादल में आएगा सबसे पहले पानी

Narmada water level

Narmada water level

बड़वानी. प्रदेश में जारी बारिश के दौर के चलते नर्मदा का जलस्तर भी बढऩे लगा है। रविवार को नर्मदा का जल स्तर 121.450 तक पहुंच गया। जो कि खतरे के निशान से करीब दो मीटर नीचे है। वहीं, सरदार सरोवर बांध के गेट बंद किए जाने से बैक वाटर भी फैल रहा है। ऐसे में इस साल सरदार सरोवर बांध क्षेत्र में डूब का खतरा भी मंडरा रहा है। बढ़ते जल स्तर और बैक वाटर के चलते डूब क्षेत्रों में बाढ़ की संभावना को देखते हुए प्रशासन भी हाई अलर्ट पर है। डूब ग्रामों में बाढ़ आपदा प्रबंधन के इंतजाम बढ़ा दिए गए है।
सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर की डूब में बड़वानी के 93 गांव आ रहे है। बड़वानी में नर्मदा का जल स्तर 127.500 मीटर पहुंचने बड़वानी तहसील के भादल, तुअरखेड़ा, करही, धजारा, मोरकट्टा में डूब आना शुरू हो जाएगी। वहीं, 128 मीटर के जल स्तर पर भोमसा, कुली, बोरखेड़ी, बिजासन में पानी पहुंच जाएगा। साथ ही 127 मीटर के जल स्तर पर राजघाट स्थित पुल डूब जाएगा। बढ़ते पानी के जल स्तर को देख प्रशासन सतर्कता बरतते हुए लगातार जल स्तर पर नजर बनाए हुए है। डूब ग्रामों में निवासरत प्रभावितों को समझाइश का दौर भी जारी है। डूब आने पर गांवों से लोगों को निकालने के लिए बोट और परिवहन के लिए वाहनों का इंतजाम किया गया है। वहीं, डूब ग्रामों के लिए बनाए गए नोडल अधिकारियों को भी लगातार गांवों का दौरा करने के निर्देश दिए गए है।
प्रशासन कर सकता पुल से आवागमन बंद
वर्तमान में नर्मदा के जल स्तर में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। रविवार सुबह 6 बजे जल स्तर 121.500 मीटर था, जो दोपहर 12 बजे और शाम 6 बजे तक नर्मदा का जल स्तर घटकर 121.450 हो गया था। नर्मदा के जल स्तर 123.280 पर पहुंचने पर खतरे का निशान शुरू हो जाएगा। खतरे के निशान से मात्र दो मीटर नीचे बह रही नर्मदा के जल स्तर को देखते हुए प्रशासन राजघाट पुल से आवागमन बंद कर सकता है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में पुल पर पानी आने के बाद प्रशासन ने पुल के मुहाने पर गड्ढा कर ये रास्ता बंद कर दिया गया था। जिसे बाद में ग्रामीणों ने मिट्टी डालकर गड्ढा भर दिया था।
डूब गांव में अभी भी बसे लोग
नर्मदा बचाओ आंदोलन के राहुल यादव ने बताया कि मप्र सरकार बिना पुनर्वास और डूब प्रभावितों के हितों को लेकर बांध में पानी भरने का विरोध कर रही है। वहीं, डूब प्रभावित भी बिना मुआवजे के गांव को छोडऩा नहीं चाहते। 31 जुलाई को संकल्प दिवस के लिए डूब गांवों में बैठकों का दौर भी चल रहा है। देशभर के सामाजिक कार्यकर्ता भी डूब और बांध भरने के विरोध में बड़वानी पहुंचेंगे। गुजरात को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लोगों को डुबाने की साजिश की जा रही है, जिसे पूरा नहीं होने दिया जाएगा। बांध भरने का विरोध जारी रहेगा।
रविवार को नर्मदा का जल स्तर
समय राजघाट खलघाट खतरे का निशान
सुबह 6 बजे 121.500 128.500 135.205 मीटर
दोपहर 12 बजे 121.450 128.500
शाम 6 बजे 121.450 128.500
सभी इंतजाम किए हैं
बाढ़ आपदा प्रबंधन के सभी इंतजाम कर लिए गए हैं। डूब ग्रामों में अधिकारी लगातार दौरा कर रहे है। डूब ग्रामों से लोगों को निकालने के लिए बोट लगा दी गई है। 1 अगस्त से एनडीआरएफ भी डूब गांवों में तैनात कर दी जाएगी। लोगों को समझाइश का दौर भी जारी है।
अभयसिंह ओहरिया, एसडीएम एवं बाढ़ आपदा प्रबंधन नोडल अधिकारी

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