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समझाइश के बाद मिटा दिलों का मैल, हुआ परिवारों का मेल

locationबड़वानीPublished: Dec 09, 2018 11:26:54 am

नेशनल लोक अदालत में निराकृत हुए 934 प्रकरण, सुलह एवं समझौते के आधार पर 11 दंपत्ति हुए एक

National Lok Adalat Case

National Lok Adalat Case

खबर लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. न्यायालय में चलने वाले प्रकरणों का सुलह एवं समझौते के आधार पर निराकरण करने का एक सशक्त माध्यम लोक अदालत है। इसमें प्रकरणों का निराकरण होने से दोनों पक्षों के मध्य आपसी सद्भाव व भाईचारा बना रहता हैै। वे कानून की लंबी प्रक्रिया से छूट कर त्वरित न्याय पाकर अपना जीवन सौहाद्रपूर्ण तरीके से जी सकते है। शनिवार को नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ करते हुए ये बात जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामेश्वर कोठे ने कही।
लोक अदालत में पारित हुआ 3 करोड़ से अधिक का अवार्ड
नेशनल लोक अदालत के तहत गठित खंडपीठों के समक्ष 11102 प्रकरण रखे गए। इसमें से 934 प्रकरणों का निराकरण किया गया। निराकृत प्रकरणों से 1607 लोगों को सीधा फायदा हुआ। इन प्रकरणों में 3 करोड़ 24 लाख 69 हजार 128 रुपए का अवार्ड भी पारित किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामेश्वर कोठे ने बताया कि लोक अदालत में न्यायालय में प्री लिटिगेशन प्रकरण में चेक बांउस के 286 प्रकरण रखे गए थे। इसमें से 9 प्रकरणो का निराकरण कर 25 लाख 17 हजार 925 रुपए का अवार्ड, बैंक रिकवरी के 6828 प्रकरण रखे गए। इनमें से 56 प्रकरणों का निराकरण कर 1 लाख 92 हजार 100 रुपए का अवार्ड, विद्युत विभाग के 347 प्रकरण रखे गए। इनमें से 21 प्रकरणों का निराकरण कर 1 लाख 57 हजार 520 रुपए का अवार्ड, पेयजल के 820 प्रकरण रखे गए। इनमें से 239 प्रकरणों का निराकरण कर 6 लाख 52 हजार 848 रुपए का अवार्ड, अन्य मामलों के 484 प्रकरण रखे गए। इनमें से 382 प्रकरणों का निराकरण कर 1 लाख 3 हजार 642 रुपए का अवार्ड पारित किया गया। क्रिमिनल कंपाउंडेबल का 132 प्रकरण रखे गए थे। इसमें 52 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
पेडिंग प्रकरण :
इसी प्रकार पेडिंग प्रकरणो के अंतर्गत आपराधिक शमनीय योग्य 132 प्रकरण रखे गए थे। इनमें से 52 प्रकरणों का निराकरण किया गया। चेक बाउंस के 238 प्रकरण रखे गए। इनमें से 42 प्रकरणों का निराकरण कर 42 लाख 67 हजार 612 रुपए का अवार्ड, मोटर दुर्घटना दावा के 351 प्रकरण रखे गए। इनमें से 83 प्रकरणों में 2 करोड़ 24 लाख 28 हजार 150 रुपए का अवार्ड, विद्युत बिल के 104 प्रकरण रखे गए। इनमें से 11 प्रकरणों में 2 लाख 39 हजार 369 रुपए का अवार्डए पारिवारिक विवाद के 27 प्रकरण रखे गए। इनमें से 2 प्रकरण का निराकरण हुआ। अन्य सिविल मामलों में 162 प्रकरण रखे गए। इनमें से 6 प्रकरणों का निराकरण कर 8 लाख 76 हजार 683 रुपए का अवार्ड, अन्य मामलों में 223 प्रकरण रखे गए। इनमें से 30 प्रकरणों में 10 लाख 33 हजार 279 रुपये का अवार्ड रुपए की राशि का अवार्ड पारित किया गया।
नए सिरे से जीवन जीने का लिया प्रण
जिला न्यायालय बड़वानी में आयोजित नेशनल लोक अदालत में बड़वानी परिवार परामर्श केंद्र के 10 प्रकरण एवं पेरालीगल वालेंटियर द्वारा प्रस्तुत 1 प्रकरण में सुलह एवं समझौते के आधार पर निराकरण कराया गया। इसके तहत जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष जोड़ों ने आपसी मन-मुटाव को दूर कर न्यायाधीशों की उपस्थित में पुन: एक-दूसरे को माला पहनाकर नए सिरे से जीवन जीने का प्रण भी किया। बिछड़े दंपतियों को एक कराने में परिवार परामर्श केंद्र बड़वानी में एएसआई रेखा यादव, आरक्षक आशा डूडवे एवं काउंसलर अनिता चोयल एवं पेरालीगल वालेंटियर सरदारसिंह बघेल का योगदान रहा।
दिव्यांग परिवार अब साथ मिलकर जिएंगे अपना जीवन
नेशनल लोक अदालत में आपसी सामंजस्य न होने के कारण अलग हुए दिव्यांग दंपत्ति को पुन: मिलाने में सफलता प्राप्त की है। इस प्रकरण के पलसूद निवासी ललिता ने परिवार परामर्श केंद्र बड़वानी में आवेदन दिया था कि इंदौर निवासी उनका पति कालू बंजारा एवं उसका परिवार आए दिन विवाद करता था। इसके कारण वे अपने दिव्यांग बच्चे के साथ पिता के घर रहने को मजबूर थी। पति-पत्नी की काउंसलिंग परिवार परामर्श केंद्र बड़वानी के पदाधिकारियों द्वारा की गई। इस पर से दिव्यांग दंपति ने अपने दिव्यांग बच्चे के साथ लोक अदालत में उपस्थित होकर न्यायाधीशों के सामने प्रण किया कि वे अब कभी आपसी मन मुटाव नहीं करेंगे। साथ ही दंपति ने एक-दूसरे को हार पहनाकर एवं मिठाई खिलाकर अपने गिले सिकवे दूर किए। इस पर जिला सत्र न्यायाधीश ने दंपति को समझौता रूपी एक मीठे नीम का पौधा भेंट किया। इस पर दंपत्ति ने मिले पौधे को अपने खुशहाल जीवन का प्रतीक मानकर बड़ा करने का आश्वासन उपस्थितों को दिया। इस मौके पर कलेक्टर अमित तोमर, पुलिस अधीक्षक विजय खत्री, विशेष न्यायाधीश दिनेशचंद्र थपलियाल, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश समीर कुलश्रेष्ठ, द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश आशुतोष अग्रवाल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव हेमंत जोशी, प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 रश्मि मंडलोई, बार एसोसिएशन अध्यक्ष पुरुषोत्तम मुकाती सहित अभिभाषक, पक्षकार मौजूद थे।
दिव्यांग महिलाएं बोली अब हम बिना दर्द के घर, आंगन व बाहर जा सकेंगे
नेशनल लोक अदालत विधिक सेवा मध्यस्थता का ऐसा मंच है जहां समझौते एवं बकाया राशि में छूट के विभिन्न प्रकरणों के साथ जरुरतमंद दिव्यांगों को भी लाभांवित किए जाने के लिए जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र से पेरालीगल वालेटिंयर को जोड़ा गया है। नेशनल लोक अदालत में सामाजिक कार्यकर्ता द्वारकी जमरे के साथ पहुंची सिलावद निवासी दिव्यांग श्याणीबाई एवं पखाल्या की माईनीबाई जो कि दोनों पैरों से दिव्यांग है। इन दोनों दिव्यांगों का घर से बाहर जाकर कोई काम करना तो दूर घर के अंदर भी चलते-फिरते समय घुटनों पर कपड़े बांधकर घर में घूमना पड़ता था। शनिवार को नेशनल लोक अदालत में सभी न्यायाधीशों की मौजूदगी में श्याणीबाई को व्हीलचेअर एवं माईनीबाई को ट्रायसिकल प्रदान की गई। दिव्यांगों को उपकरण दिलाने में पेरालीगल वालेंटियर नीता दुबे, जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के मणीराम नायडू, दीपेंद्र पटेल, विकास श्रीवास्तव, अमित भावरे एवं हिमांशु वाबले आदि का सहयोग रहा।

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