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आज नहीं बनी बात तो नए सिरे से शुरू होगा डूब प्रभावितों का संघर्ष

locationबड़वानीPublished: Sep 09, 2019 10:16:20 am

सरकार के सवालों के लिए नबआं ने किए जवाब तैयार, भोपाल में आज बैठक, लगातार बढ़ता जा रहा जलस्तर, पूर्ण डूब से ढाई मीटर की दूरी, कड़माल के बाद ग्राम अमलाली में भी बैठे डूब प्रभावित सत्याग्रह पर

NBA and MP government meeting today regarding Sardar Sarovar Dam

NBA and MP government meeting today regarding Sardar Sarovar Dam

बड़वानी. सरदार सरोवर बांध की डूब में आए प्रभावितों के लिए सोमवार को नर्मदा बचाओ आंदोलन और मप्र सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। डूब प्रभावितों के पुनर्वास और बांध के जलस्तर को कम करने के लिए बैठक में चर्चा होनी है। इस महत्वपूर्ण बैठक में यदि सरकार और नबआं के बीच सहमति नहीं बनती है तो डूब प्रभावितों का संघर्ष एक बार फिर शुरू हो जाएगा। बैठक की तैयारियों के लिए रविवार को दिनभर नबआं कार्यालय में कार्यकर्ता तैयारी करते नजर आए। वहीं, शाम 7 बजे अलग-अलग डूब गांवों से कार्यकर्ता खलघाट के लिए रवाना हुए। यहां से रात 9 बजे 500 से अधिक कार्यकर्ता एकत्रित होकर भोपाल रवाना हुए।
बांध के बढ़ते जलस्तर को डूब गांवों के पुनर्वास पूरा होने तक रोकने व डूब प्रभावितों की समस्यों का निराकरण के लिए नबआं नेत्री मेधा पाटकर ने ग्राम छोटा बड़दा में अमरण अनशन किया था। अनशन के 9वें दिन मप्र सरकार के पूर्व सचिव सीएम कमलनाथ का संदेश लेकर पहुंचे थे और मेधा पाटकर का अनशन खत्म कराया था। तब सरकार ने कहा था कि 9 सितंबर को भोपाल में उच्च स्तरीय बैठक में डूब प्रभावितों की सभी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। नबआं नेत्री मेधा पाटकर ने बताया कि मप्र के 193 गांवों में 32 हजार डूब प्रभावितों का पुनर्वास नीति के अनुसार पुनर्वास बाकी है। हमारे द्वारा दिए गए 33 बिंदुओं के आवेदन के साथ ही बांध को भरने से रोकने के लिए चर्चा होगी। यदि हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो हम भोपाल में ही आमरण अनशन शुरू करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के याचिकाकर्ता को नहीं मिला हक
ग्राम अमलाली में रविवार को नर्मदा के बैक वाटर का जलस्तर बढऩे से कई घरों में पानी घुस आया। यहां दो मकान ऐसे है जिनका अब तक भूअर्जन तक नहीं हुआ है। इसमें एक तो सुप्रीम कोर्ट के याचिकाकर्ता जामसिंह पिता जलाल को अभी तक पुनर्वास नीति का लाभ नहीं मिला। जामसिंह की 5 एकड़ जमीन डूब में आई है, वे स्वयं और तीन पुत्र 60 लाख की पात्रता में आते हैं। जामसिंह को धार जिले के बालोदा में जमीन दी गई जो अतिक्रमित थी। जिसे लेने से उन्होंने मना कर दिया। पिछले तीन दिन से जामसिंह ग्राम अमलाली में ही सत्याग्रह पर पूरे परिवार के साथ बैठे थे। इनके घर में पानी घुसने के बाद भी ये पानी में ही खड़े होकर सत्याग्रह कर रहे थे। रविवार को वे सत्याग्रह स्थगित कर नबआं कार्यकर्ताओं के साथ भोपाल के लिए रवाना हुए। वहीं धार जिले के कड़माल में सत्याग्रह जारी रहा।
डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट पर बवाल
पूर्व एसडीएम व डिप्टी कलेक्टर जानकी यादव द्वारा रविवार को फेसबुक पर एक पोस्ट की गई है। जिसे लेकर नबआं कार्यकर्ताओं में खासी नाराजगी है। पोस्ट में डिप्टी कलेक्टर ने एक फोटो डाली है, जिसमें एनवीडीए अधिकारी एसएस चौंगड़ आरआई सस्तया की गोद में बैठकर बैक वाटर पार कर रहे है। इस फोटो पर जानकी यादव ने लिखा है कि सरदार सरोवर का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन। उन्होंने इसे हास परिहास का रूप दिया है। जिस पर नबआं कार्यकर्ता रेहमत मंसूरी ने आपत्ति ली है और एक ट्विट मुख्यमंत्री कमलनाथ को किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि आपने डूब प्रभावितों के पुनर्वास का आश्वासन दिया है और आपके कर्मचारी हास परिहास कर हमारे जख्मों पर नमक छिड़क रहे है। अपने कर्मचारियों को काम करना सिखाईए। हालांकि आपत्ति के बाद जानकी यादव ने ये पोस्ट डिलिट कर दी।
अब तक के सबसे ज्यादा जलस्तर पर पहुंची नर्मदा
सरदार सरोवर बांध भरने की एनसीए की कवायद के बाद बांध का जलस्तर लगातार बढऩा जारी है। रविवार शाम 6 बजे नर्मदा का जलस्तर अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया। राजघाट पर शाम 6 बजे नर्मदा का जलस्तर 135.800 मीटर दर्ज किया गया। इसके पूर्व बिना बांध बने 1970 में नर्मदा में आई बाढ़ से जलस्तर 136 मीटर तक पहुंचा था। वहीं, वर्ष 2013 में भी बाढ़ के चलते नर्मदा का जलस्तर 134 मीटत तक हुआ था। बांध बनने और गेट लगने के बाद 135.800 मीटर अब तक का सबसे ज्यादा जलस्तर है।
डूब गांव भीलखेड़ा बन चुका है टापू
नर्मदा के बढ़ते जलस्तर से डूब ग्राम भीलखेड़ा टापू बन चुका है। वहीं, चित्र में दिख रहा है कि बड़वानी से नर्मदा में मिल रहे प्रमुख नाले में पानी आना शुरू हो चुका है और धीरे-धीरे शहर की ओर बढ़ रहा है। पूर्व में नबआं ने आशंका जताई थी कि एनवीडीए द्वारा किया गया बैक वाटर का सर्वे गलत है और बांध का जल स्तर 138.68 मीटर तक पहुंचने पर बड़वानी शहर में भी पानी आ सकता है। नर्मदा तटों पर हुए अवैध रेत खनन के चलते बनी खाईयों से अब ये अंदेशा सच होता दिख रहा है। वर्तमान में बैक वाटर शहर से करीब 3 किमी की दूरी पर है।
फैक्ट फाइल…
जल स्तर रात 8 बजे
136.18 मीटर सरदार सरोवर बांध का जल स्तर
15 गेट खुले 4 मीटर तक बांध के
4 लाख क्यूसेक पानी पानी छोड़ा जा रहा बांध से
2.21 लाख क्यूसेक पानी आ रहा बांध में
135.900 मीटर राजघाट पर नर्मदा का जलस्तर
नर्मदा खतरे के निशान से 8.600 मीटर ऊपर बह रही
जिले में पिछले तीन दिनों से बारिश का मौसम जरूर बन रहा है, लेकिन बारिश दर्ज नहीं हुई है। रविवार को भी दिनभर बादलों का आना-जाना लगा रहा। शाम को काले बादल आसमान पर छा गए, लेकिन बारिश नहीं हुई। अब तक जिले औसत से साढ़े 6 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। जिले की औसत बारिश 746.3 मिमी है। जबकि रविवार तक 910.5 मिमी बारिश जिले में दर्ज की जा चुकी थी। ऊपरी बांधों से आ रहे पानी के कारण नर्मदा का जलस्तर भी अब तक के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। रविवार शाम 6 बजे राजघाट पर नर्मदा का जलस्तर 135.800 मीटर दर्ज किया गया। जो कि यहां नर्मदा के खतरे के निशान 127.250 मीटर से 8.600 मीटर ज्यादा है।
पेरालीगल वालेंटियरों ने सुनी प्रभावितों की समस्याएं
जिला एवं सत्र न्यायाधीश के मार्गदर्शन एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव के निर्देशन में पैरालिगल वालेंटियरों ने शहर के पाटी नाका स्थित अस्थाई पुनर्वास स्थल के टीन शेड में रह रहे डूब प्रभावित परिवारों से चर्चा कर समस्याएं जानी। इस दौरान पैरालीगल वालेंटियर्स रुपेश पुरोहित, रुपेश व्यास, शैलजा पारगीर आदि मौजूद थे। साथ ही डूब प्रभावित परिवारों को 14 सितंबर को लगने वाली नेशनल लोक अदालत के आयोजन के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

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