scriptexclusive : पांच सौ गांव में आगजनी से निपटने के लिए 9 दमकल का सहारा | Nine fire brigade to deal with arson in five hundred villages | Patrika News

exclusive : पांच सौ गांव में आगजनी से निपटने के लिए 9 दमकल का सहारा

locationबड़वानीPublished: Apr 07, 2019 10:29:27 am

भीषण आग लग जाए तो पड़ोसी जिलों का ताकना पड़ता मुंह, कई जनपदों में तो एक भी दमकल नहीं, कहीं पर पुरानी दमकलों पर निर्भर

Nine fire brigade to deal with arson in five hundred villages

Nine fire brigade to deal with arson in five hundred villages

खबर लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. गर्मी के दिनों में आगजनी की घटनाएं एकाएक बढ़ जाती है। इन घटनाओं में हर साल लोगों को जान-माल का नुकसान उठाना पड़ता है, लेकिन विड़बना ये है कि आगजनी से निपटने के लिए जरुरी संसाधन हर जगह उपलब्ध नहीं है। बड़वानी जिला मुख्यालय और सेंधवा को छोड़ दिया जाए, तो अंचल के कई बड़े कस्बों में संसाधनों की कमी आड़े आ रही है। जहां फायर फाइटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। वहां अगर गलती से भी कहीं कोई आग की बड़ी घटना होती है, तो फायर फाइटर को लंबा सफर तय कर जाना पड़ता है।
जिले में दो बड़े शहर बड़वानी और सेंधवा के साथ सात तहसीलों में 500 से अधिक गांव हैं। गर्मी के दिनों में होने वाली आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए जिलेभर में मात्र 9 दमकल वाहन है। जिसमें से बड़वानी और सेंधवा में तीन-तीन वाहन तथा अन्य जनपदों में कुल तीन वाहन है। 9 दमकल वाहनों के भरोसे पूरे जिले की आगजनी की घटनाओं को रोकने की जिम्मेदारी है जो नाकाफी नजर आ रही है। इतना ही नहीं इन दमकल वाहनों पर मौजूदा स्टाफ भी पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं है। आगजनी की घटनाओं में अकसर प्रशिक्षण का अभाव नजर आता है।
दो जिलों के बीच भागदौड़
शहर में आग बुझाने के लिए तीन फायर फाइटर की सुविधा है। लेकिन जब भी बड़वानी के बाहर या आसपास के क्षेत्र में आग लगती है, तो फायर फाइटर को भेजा जाता है। यहां के दमकल की सेवा पाटी, पलसूद, सिलावद सहित आसपास के गांव में ली जाती है। यही नहीं कई बार धार जिले के कुक्षी या निसरपुर क्षेत्र तक फायर फाइटर की मदद ली जाती है। इसमें वाहनों की भागदौड़ और कर्मचारियों की मशक्कत बढ़ जाती है। ज्यादा बड़ी आग होने पर जिलेभर के दमकल वाहनों के साथ ही खरगोन और धार जिले के वाहनों को भी बुलाना पड़ता है।
यहां नहीं है सुविधा
जिले के कई कस्बें ऐसे है, जिन्हें तहसील और नगर पंचायत का दर्जा मिला हुआ है, लेकिन आगजनी से निपटने के लिए कोई संसाधन नहीं है। इसमें पाटी, सिलावद, निवाली, वरला, ठीकरी आदि स्थानों पर फायर फाइटर नहीं है। यहां आगजनी के दौरान बड़वानी या फिर सेंधवा-राजपुर से दमकल को भेजा जाता है। इन जगह के लिए जब तक दमकल दूरी तय करता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। वहीं, ठीकरी में भी कोई दमकल नहीं है। यहां के लिए अंजड़ से ही दमकल भेजी जाती है। अंजड़ में एक ही दमकल होने से दो स्थानों पर आगजनी की घटना होने पर बड़वानी, राजपुर पर ही निर्भर रहना पड़ता है।

ये भी पढ़े : https://www.patrika.com/barwani-news/blood-sold-outside-of-blood-bank-4386241/

क्विक रिस्पांस वाहन की दरकार
बड़वानी नगर पालिका में फिलहाल तीन दमकल वाहन है। तीनों ही वाहन बड़े है। शहर में आग लगने की घटना के दौरान खुली और चौड़ी सड़क वाले स्थान पर तो वाहन आसानी से पहुंच जाते है, लेकिन गलियों में दमकल वाहन का पहुंचना मुश्किल होता है। शहर को एक क्विक रिस्पांस वाहन की दरकार है। ये वाहन छोटा होता है और इसमें लोहा काटने के लिए कटर मशीन व अन्य सुविधाएं भी होती है। ये वाहन गलियों में आसानी से प्रवेश कर सकता है।

ये भी पढ़े : https://www.patrika.com/barwani-news/chachriya-to-sirwell-road-4376010/


दमकल वाहन बढ़ाने के करेंगे प्रयास
दमकल वाहन कम होने से समस्या तो हैं। हमारी कोशिश होगी कि हर तहसील में एक-एक दमकल वाहन जरूर हो। चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
अमित तोमर, कलेक्टर
ये है स्थिति
तहसील- दमकल की संख्या- निर्भर गांव
बड़वानी- 03 – 87
सेंधवा – 03 -59
वरला – 00- 44
राजपुर – 01- 99
अंजड़ – 01- 46
ठीकरी – 00- 57
पाटी – 00- 59
निवाली-पानसेमल -01- 62
कुल -09- 513

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो