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पुराने जर्जर मकानों पर नहीं हो रही कोई कार्रवाई

locationबड़वानीPublished: Jun 29, 2019 11:06:54 am

बारिश में कच्चे जर्जर मकान बन सकते दुर्घटनाओं का सबब, पांच दिन पहले कच्चे मकान की छत गिरने से हुई थी एक की मौत, जर्जर मकानों के मालिकों को दिए नोटिस, किसी ने नहीं तोड़े

No action happening on old shabby houses

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बड़वानी. मानूसन अपनी दस्तक दे चुका है और बारिश के आसार बने हुए है। बारिश के पूर्व नगर पालिका द्वारा जर्जर मकानों को तोडऩे की कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गई है। बारिश में ये जर्जर मकान कभी भी बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकते है। पिछले दिनों रानीपुरा क्षेत्र में एक पुराने मकान का टीन गिरने से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। हालांकि नगर पालिका द्वारा जर्जर भवनों के मालिकों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। इन जर्जर मकानों में सरकारी भवन भी शामिल है।
शहर में करीब आधा दर्जन से ज्यादा जर्जर मकान मौजूद है जो गिरने जैसी स्थिति में है। साथ ही शहर में ऐसे कई जर्जर मकान है जिनकी बारिश में ढहने की आशंका बनी हुई है। हर साल नगर पालिका द्वारा जर्जर मकानों को लेकर कार्रवाई जाती है। नियमानुसार नपा चिह्नित जर्जर मकानों के भवन मालिकों को नोटिस जारी करती है। भवन मालिक द्वारा मकान नहीं तोडऩे पर नपा द्वारा स्वयं तोड़ा जाता है। जिसका व्यय भी भवन मालिक से वसूल किया जाता है। पिछले साल नगर पालिका ने दो जर्जर मकानों को तोड़ा था, लेकिन इस साल अभी तक कोई कार्रवई नहीं की गई है।
चार सरकारी भवन भी खतरनाक
शहर में निजी जर्जर भवनों के साथ ही चार सरकारी भवन भी शामिल है। इसमें एक मठ स्कूल को पिछले साल ही खाली करवा लिया गया था, लेकिन तोडऩे की कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। वहीं, मोटीमाता चौराहा के पास लोक निर्माण विभाग का एक पुराना बंगला भी बेहद खतरनाक हालात में है। इसके आसपास रहवासी क्षेत्र है। साथ ही कब्रस्तान के पास भी दो सरकारी भवन खतरनाक स्थिति में है। नगर पालिका द्वारा इन भवनों से संबंधित विभागों को पत्र व्यवहार भी किया जा चुका है, लेकिन विभाग इन भवनों को तोडऩे में कोई रूचि नहीं दिखा रहे। वहीं, मठ स्कूल का मामला पुरातत्व विभाग को लेकर अटका हुआ है।
नोटिस के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
नगर पालिका द्वारा निजी जर्जर भवनों को लेकर नोटिस जारी किए जा चुके है। इसमें से दो मकान बोहरावाड़ी में, एक मकान देवीसिंह मार्ग पर, दो मकान महिला अस्पताल के पीछे बने हुए है। इन जर्जर भवनों के मालिक भी मकान तोडऩे में कोई रूचि नहीं दिखा रहे है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी जर्जर मकानों के ढहने से हादसे हो चुके है। हाल ही में एक पुराने कच्चे मकान की छत गिरने से नीचे सो रहे व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। दो दिन पूर्व इंदौर में जर्जर मकान तोडऩे के दौरान हुए विवाद में विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर निगम अधिकारियों की पिटाई के बाद बड़वानी में भी नगर पालिका के अधिकारी ऐसे मकानों को तोडऩे में डर रहे है।
तय समय बाद करेंगे कार्रवाई
नगर पालिका द्वारा जर्जर मकानों के मालिकों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इन मकानों को तोडऩे का समय दिया हुआ है, यदि तय समय में मकान मालिक नहीं तोड़ता है तो हम उस भवन को गिराने की कार्रवाई करेंगे।
-कुशलसिंह डुडवे, सीएमओ नगर पालिका

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