बड़वानीPublished: Dec 02, 2018 10:52:32 am
मनीष अरोड़ा
ईएसआर बढ़ा बताकर किया इंदौर रेफर, परिजनों ने किया हंगामा, ऑपरेशन की पूरी तैयारी कर रखी भी परिवार ने, ब्लड भी ले आए थे
Pain-ridden pregnant turned out of Operation Theater
खबर लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन : विशाल यादव
बड़वानी. जिला अस्पताल के महिला अस्पताल के डॉक्टर अक्सर अपनी विवादित कार्यशैली के कारण सुर्खियों में रहते है। शनिवार को महिला अस्पताल की ड्यूटी डॉक्टर ने ऑपरेशन थियेटर में सीजर के लिए लाई गई गर्भवती को ऑपरेशन थियेटर से बाहर कर इंदौर रेफर कर दिया। जिसके बाद गर्भवती महिला के परिजनों ने यहां जमकर हंगामा किया। मामले की जानकारी मिलने पर मौके पर पुलिस भी पहुंची और परिजनों को समझाकर वहां से भेजा। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि महिला की जान बचाने की खातिर ऐसा किया गया है।
प्रसूता की यह पहली डिलेवरी थी
अंजड़ निवासी रानू पति हरीश जोशी को प्रसव पीढ़ा बढऩे पर शुक्रवार दोपहर 3 बजे महिला अस्पताल में भर्ती किया था। प्रसूता की यह पहली डिलेवरी थी। हरीश जोशी के दोस्त हरिओम राठौड़ ने बताया कि एक दिन पूर्व प्रसूता को भर्ती करने के बाद महिला अस्पताल में लेडी डॉक्टर द्वारा जांच लिखी गई थी। उसके बाद शनिवार सुबह भी ब्लड की जांच की और सीजर की स्थिति बताते हुए ब्लड की व्यवस्था करने को कहा। हमारे द्वारा सारी व्यवस्था करवाई गई और जब हम ब्लड लेकर अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने सीजर से भी मना कर दिया और इंदौर ले जाने की बात कही। हरिओम राठौड़ ने बताया कि महिला अस्पताल से इंदौर न ले जाते हुए प्रसूता को शहर के निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां सीजर से डिलेवरी करवाई गई।
चार दिन पूर्व हो चुका हैं ऐसा मामला
उल्लेखनीय है कि महिला अस्पताल में डिलेवरी मामलों को लेकर आए इंदौर रैफर करने या अव्यवस्थाओं के मामले पूर्व में भी सामने आ चुके है। शहर निवासी एक प्रसूता को चार दिन पूर्व ही इंदौर रैफर करने को लेकर इस तरह हंगामा हुआ था। शहर निवासी आकाश गुप्ता के अनुसार उनकी बहन को डिलेवरी के लिए चार दिन तक महिला अस्पताल में भर्ती रखा गया। वहीं 28 नवंबर को इंदौर ले जाने की बात कही। जबकि शहर के निजी अस्पताल में सीजर से सुरक्षित डिलेवरी हो गई।
दो माह पूर्व एक प्रसूता की हुई थी मौत
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व 9 सितंबर को भी डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक प्रसूता की मौत हुई थी। जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया था। इस घटना के बाद महिला अस्पताल के डॉक्टरों ने सीजर ऑपरेशन करना बंद कर दिया था। सूत्रों की माने तो इस तरह की घटनाओं में अक्सर डॉक्टर इलाज बंद करने या नौकरी छोडऩे की धमकी देते है, जिसके चलते अस्पताल प्रबंधन भी कार्रवाई करने से कन्नी काटता है। उल्लेखनीय है कि पिछले आठ माह में तीन डॉक्टर नौकरी छोड़कर जा चुके है।
ईएसआर बढ़ा होने पर रैफर किया
लेडी डॉक्टर से पता चला है कि उक्त प्रसूता एक दिन पूर्व भर्ती हुई थी। लेडी डॉक्टर देखरेख कर रही थी। नार्मल डिलेवरी की स्थिति नहीं होने पर लेडी डॉक्टर ने सीजर की तैयारी कर ली थी, लेकिन ब्लड रिपोर्ट में उसका ईएसआर बढ़ा होने पर इंदौर रैफर करने का निर्णय लिया।
-डॉ. अनिता सिंगारे, सिविल सर्जन