110 रुपए किलो हुई हरी मिर्च
गैस के मूल्य तो बढ़ ही रहे है। साथ ही सब्जियां भी महंगी हो गई है। सब्जियों के महंगे होने का कारण पिछली बारिश में फसलें नष्ट होना माना जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में फल सब्जियों की आवक बढ़ी है। आवक बढऩे से माना जा रहा था कि इससे दामों में कमी आएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गर्मी आते ही बढ़े फल-सब्जियों के दाम आसमान छू लगे है। रहे हैं। सामान्य सब्जियों के दाम 50 से 60 रुपए किलो हो गए है। जहां कुछ दिनों पूर्व टमाटर 10 रुपए किलो थे, अब 30 से 40 रुपए किलो है। वहीं हरी मिर्च 100-110 रुपए किलो बिक रही हैं।
सब्जी विक्रेता भी परेशान
हालात यह है कि जो सब्जी विक्रेता बेचने के लिए ठेला भर-भर के सब्जियां लाते थे वे भी अब टोकरियों में सब्जियां बेचते नजर आ रहे है। क्योंकि सब्जियां महंगी होने से उपभोक्ता भी आधा किलो और पाव भर से काम चलाने लगे हैं।
बैंगन 40 से 60 लौकी 40 से 50 सैमी 45 से 50 गोभी 40 से 50 ककड़ी 30 से 40 लहसून 80 से 100
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टमाटर भी हुआ महंगा, आलू-प्याज 25 रुपए किलो
10 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर सीधे 30 से 40 रुपए किलो बिक रहा है। हालात ये है कि उपभोक्ताओं का बजट भी बिगड़ रहा है। मजबूरी में कुछ उपभोक्ता आलू और प्याज की अधिक मात्रा ले जाकर हर सब्जियों में उनका उपयोग करके काम चला रहे है। क्योंकि आलू 25 रुपए तो प्याज भी 25 रुपए किलो है। शेष सब्जियां तो 50 रुपए किलो से कम है ही नहीं बढ़ती महंगाई के दौर में दाल, सब्जी व दैनिक दिनचर्या की चीजों के दामों में बढ़ोतरी से आमजन परेशान है। ऐसे में सब्जियां आम आदमी की पहुंच से दूर हो रही है। सब्जी के बढ़े दामों से परेशान ग्रामीण उपभोक्तओं ने अपने घरों के आस-पास खुद की सब्जियां उगाकर खाना शुरू कर दिया है, लेकिन शहरी आमजन मंहगी सब्जी खरीद कर खाने को मजबूर है।