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आजादी के बाद से अब तक आदिवासियों ने नहीं देखी रेल

locationबड़वानीPublished: Jun 28, 2019 11:04:29 am

संसद में गूंजा खरगोन/बड़वानी लोकसभा में रेल लाइन का मुद्दा, शून्यकाल में सांसद गजेंद्र पटेल ने उठाई मनमाड़-इंदौर रेल लाइन के लिए आवाज, दाहोद-खंडवा व्हाया खरगोन, बड़वानी रेल लाइन के लिए मिले रेल मंत्री से

Rail line issue in Khargone, Badwani Lok Sabha

Rail line issue in Khargone, Badwani Lok Sabha

बड़वानी. आदिवासी बाहुल्य जिले में आजादी के 70 साल बाद भी आदिवासियों ने रेल और उसकी पटरी भी नहीं देखी है। मनमाड़-इंदौर रेल लाइन को स्वीकृत हुए दो साल हो गए है, इसका काम भी आरंभ नहीं हुआ है। अभी तक इसके लिए जमीन अधिग्रहण भी नहीं की गई है। प्रधानमंत्री और रेल मंत्री से निवेदन करता हूं कि वे इस रेल लाइन का काम शीघ्र शुरू किया जाए, ताकि जनजातीय क्षेत्र को रेल की सौगात मिल सके। ये बात गुरुवार को संसद में शून्यकाल के समय खरगोन बड़वानी सांसद गजेंद्र पटेल ने इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन को लेकर उठाई।
गुरुवार को सांसद गजेंद्र पटेल को पहली बार संसद के शून्यकाल में एक मिनट के लिए बोलने का मौका मिला था। सांसद पटेल ने लोकसभा चुनाव के समय किए अपने वादे के मुताबिक पहली बार संसद में रेल लाइन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रथम कार्यकाल में इस रेल लाइन को स्वीकृति मिली थी। 35 हजार करोड़ की इस परियोजना में अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है। उल्लेखनीय है कि बड़वानी जिले में इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के लिए पिछले 25 सालों से सेंधवा के समाजसेवी मनोज मराठे और खंडवा-दाहोद व्हाया बड़वानी, खरगोन रेल लाइन के लिए बड़वानी के समाजसेवी डॉ. ओपी खंडेलवाल संघर्ष कर रहे है। शून्यकाल के बाद सांसद पटेल ने समाजसेवी डॉ. खंडेलवाल के साथ खंडवा-दाहोद रेल लाइन के लिए भी रेल मंत्री पीयूष गोयल से चर्चा की।
हो चुके एमओयू पर हस्ताक्षर
पिछले 25 साल से मनमाड़ इंदौर रेल परियोजना के लिए संघर्ष कर रहे संघर्ष समिति के मनोज मराठे ने बताया कि इस परियोजना का भूमिपूजन लोकसभा चुनाव के पूर्व धुलिया में प्रधानमंत्री द्वारा किया जा चुका है। इसके बाद इस परियोजना को लेकर जमीनी स्तर पर कोई बड़ी निर्माण संबंधित कार्रवाई नहीं हुई। इससे पूर्व इस परियोजना निर्माण को लेकर जहाजरानी मंत्रालय की ओर से रेल्वे एयरपोर्ट कॉर्पोरेशन के तहत इस परियोजना को पूरा करने के लिए मप्र और महाराष्ट्र शासन के साथ मिलकर दिनांक 28 जून 2018 को एक एमओयू पर संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए थे। जिसके तहत इस परियोजना को 362 किलोमीटर की नई रेल परियोजना के रूप में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की पहल पर 362 किलोमीटर की रेल लाइन निर्माण के लिए स्पेशल विकल परपस के तहत पूरा करने का निर्णय लिया था।
अब तक रेलवे अधिकारियों ने डीपीआर भी तैयार नहीं की
मनमाड़ इंदौर रेल्वे संघर्ष समिति प्रमुख मनोज मराठे ने बताया कि स्पेशल विकल के तहत इस योजना में राज्य सरकारों के साथ साथ जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह की ओर से 55 प्रतिशत राशि महाराष्ट्र और मप्र की ओर से 15-15 प्रतिशत, जहाजरानी डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से 15 प्रतिशत की हिस्सेदारी देना तय हुआ। उसके बाद इस परियोजना को लेकर कोई विशेष गति नहीं की। रेल्वे एंड पोर्ट कॉर्पोरेशन ने संघर्ष समिति को जानकारी दी कि एमओयू के बाद अभी तक रेलवे की ओर से सक्षम अधिकारी ने किसी प्रकार से डीपीआर तैयार करने और अंतिम मंजूरी को लेकर कोई पहल नहीं की है। इसके चलते हम इस परियोजना को लेकर आगे की कोई कार्रवाई नहीं कर सकते।
संघर्ष समिति करेगी कारण बताओ नोटिस जारी
मराठे ने बताया कि इस परियोजना की लागत वर्तमान में 5 हजार करोड़ से बढ़कर लगभग 30 हजार करोड़ हो गई है। इस परियोजना को लेकर रेलवे बोर्ड जहाजरानी मंत्रालय तथा इस परियोजना को पूरा करने के लिए नवनिर्मित रेल्वे पोर्ट कार्पोरेशन द्वारा एमओयू हस्ताक्षर के बाद भी कोई उचित पहल नहीं की। जिसे लागत लगातार बढ़ रही है। प्रशासनिक लालफीताशाही के चलते संघर्ष समिति 15 जुलाई के बाद सभी संबंधित विभागों को बढ़ती लागत के लिए जिम्मेदार कौन तथा परियोजना में लापरवाही व देरी को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी कर रही है।
दोबारा होगा खंडवा-दाहोद रेल लाइन का सर्वे
जहां सांसद ने संसद में इंदौर मनमाड़ रेल लाइन के लिए आवाज उठाई। वहीं, वे समाजसेवी व खंडवा दाहोद रेल लाइन के लिए संघर्ष कर रहे डॉ. खंडेलवाल के साथ रेल मंत्री पीयूष गोयल से भी मिले। खंडवा दाहोद रेल लाइन का 2010 में सर्वे हुआ था और रेलवे अधिकारियों ने इसे नो प्रॉफिट प्रोजेक्ट बताते हुए ठंडे बस्ते में डाल दिया था। साथ ही जनजातीय जिले को अगड़ा जिला भी बताया था। जिसे लेकर डॉ. खंडेलवाल ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर कर रखी है। ये सारी बातें सांसद ने रेल मंत्री को बताई। रेल मंत्री ने इस रेल लाइन का दोबारा सर्वे कराने का आश्वासन भी दिया है।
ये है मनमाड़-इंदौर रेल लाइन परियोजना
362 किमी कुल लंबाई मनमाड़ से इंदौर तक
186 किमी रेल लाइन महाराष्ट्र में बिछाई जानी
176 किमी रेल लाइन मप्र में बिछाई जानी
120 किमी की रफ्तार से ब्राडगेज पर दौड़ेगी रेल
13 बड़े स्टेशन होंगे इंदौर-मनमाड़ के बीच
27 छोटे स्टेशन शामिल होंगे इंदौर मनमाड़ के बीच
2008 हेक्टेयर जमीन लगेगी रेल लाइन के लिए
जनता से किए वादे पूरे करेंगे
जनजातीय क्षेत्र के लोगों ने जीताकर संसद में पहुंचाया है। जनता से किए वादे को हर हाल में पूरा किया जाएगा। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के लिए संसद में आवाज उठाई है। वहीं, खंडवा-दाहोद रेल लाइन के लिए हम रेल मंत्री से मिले है। उन्होंने इस रेल लाइन के लिए दोबारा सर्वे कराने का आश्वासन दिया है।
गजेंद्र पटेल, सांसद, खरगोन-बड़वानी

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