script‘साहब, खादी वर्दीवाले हफ्ता लेते हैं शराब कारोबारियों से’ | Saheb, khadi uniforms take the week from liquor traders | Patrika News

‘साहब, खादी वर्दीवाले हफ्ता लेते हैं शराब कारोबारियों से’

locationबड़वानीPublished: Mar 13, 2018 11:11:05 am

अधिकारियों से बोले, एनबीए कार्यकर्ता कम से कम नर्मदा तो छोड़ दो, आबकारी विभाग में जमकर सुनाई खरी-खरी, अधिकारी सिर्फ हां ना में ही अटके रहें

'Saheb, khadi uniforms take the week from liquor traders'

‘Saheb, khadi uniforms take the week from liquor traders’

बड़वानी. नर्मदा के आंचल में अवैध शराब के धंधे के खिलाफ एनबीए कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जमकर प्रदर्शन किया। आबकारी विभाग में पहुंच कर अवैध शराब के चल रहे धंधों पर अधिकारियों को खूब खरी-खरी सुनाई। कार्यकर्ता इस कदर नाराज थे कि उन्होंने सीधे सीधे खाकी वर्दी वालों पर हफ्ता लेने और शराब के धंधे चलने देने का आरोप लगा दिया। एनबीए कार्यकर्ताओं ने वसूली करने वाले आबकारी और पुलिसकर्मियों की सूची तक होने का दावा कर डाला। आरोप लगाया कि आबकारी विभाग भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। कार्यकर्ताओं के आरोपों पर अधिकारी ना और हांग कर पाए। हालांकि आबकारी विभाग द्वारा की गई कार्रवाइयों का भी जिक्र अधिकारियों को करना पड़ा। एनबीए कार्यकर्ताओं ने विभाग के द्वार पर चेतावनी नोटिस भी चस्पा कर दिया और कार्रवाई नहंी होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। इसके बाद रैली निकाल झंडा चौक पहुंचे और यहां आम सभा की। जहां मेघा पाटकर ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। सोमवार को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे कारंजा चौक एनबीए के कार्यकर्ता एकत्र हुए। यहां से भी आबकारी विभाग पहुंचे और यहां जमकर नारेबाजी की। मौके पर आबकारी के अलावा पुलिस के भी कई अधिकारी मौजूद थे। एनबीए कार्यकर्ताओं ने सीधे सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि नर्मदा किनारे चल रहे अवैध शराब के धंधे खाकी वर्दी के साये में चल रहे हैं।

हफ्ता वसूली का लगाया आरोप
कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों से कहा कि पुलिस और आबकारी के जवान अवैध शराब बनाने और बेचने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। नाम लिए बगैर कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमारे पास खाकी वर्दी वालों के नाम हैं जो हफ्ता लेते हैं। एक बुजुर्ग कार्यकर्ता ने यहां तक कह दिया कि इन जवानों और समझाईश दो कि यह काम बंद कर दे। नहीं तो सभी के नाम ओपन करके आंदोलन किया जाएगा।

कम से कम नर्मदा को तो छोड़ दो
महिलाओं ने कहा कि नर्मदा को मां कहते हैं। लेकिन उसके ही पानी मेें शराब डूबो रखी हैं। आप कार्रवाई क्यों नहीं करते। जब हम हजारों लीटर शराब, सैकड़ों अवैध भट्टियां पकड़ सकते हैं तो यह कार्रवाई आप लोग क्यों नहीं करते? कम से कम नर्मदा को तो छोड़ दो।

एक घंटे तक की बहस, नोटिस चिपकाया
अधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बीचकरीब एक घंटे तक जमकर बहस हुई। अधिकारियों ने शराब के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाईयों का हवाला भी दिया। साथ ही आगे भी कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए विभाग के गेट के पास दीवार पर चेतनावनी नोटिस चस्पा कर दिया। जिसमें अवैध शराब के धंधे को रोकने की मांग की गई है साथ ही आंदोलन की भी चेतावनी दी गई है।

आमसभा में भी फूटा गुस्सा
इस हंगामे के बाद कार्यकर्ता आबकारी विभाग से रैली के रूप में झंडा चौक पहुंचे। यहां मेघापाटकर के नेतृत्व में भाषण हुए और सरकार को निशाने पर लिया गया। इस मौके पर मेघा पाटकर ने कहा कि राज्य सरकार के कमजोर आबकारी अधिनियम हैं। लेकिन विभाग इन कमजोर नियमों के तहत भी कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता। पाटकर ने कहा कि सैकड़ों भट्टियां लगी हैं। सरकार खुद शराब का धंधा करके करोड़ों रुपए राजस्व वसूल रही है। लाइसेंसी दुकानदार गांवों मेें अवैध रूप से शराब बेच रहे हैं या बिकवा रहे हैं। अवैध धंधा करने वाले साफ कहते हैं कि हम हफ्ता देते हैं, कोई कुछ नहीं करेगा। मेघा पाटकर ने कहा कि सीएम की नर्मदा यात्रा के दौरान शराब छुपा दी गई थी। उन्होनें कहा कि यदि दो अक्टूबर तक शासन सख्त कानून शराबबंदी का नहीं लाएगी तो अगले चुनाव में इस पार्टी को महिलाएं वोट नहीं देंगी। सरकार के ढीले रवैये के कारण गांव-गांव में विधवाएं हैं। एक गांव में 35 विधवाएं हैं।

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