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सरकारी कोटे में खाद का टोटा, यूरिया की किल्लत से किसानों के सामने खड़ी हुई नई परेशानी

locationबड़वानीPublished: Jun 28, 2020 09:49:35 am

Submitted by:

vishal yadav

खेतों में फसलों को खाद देने का समय आया तो खाद मिलने में हो रही समस्या, खाद की कमी के चलते कालाबाजारी को मिलेगा बढ़ावा, ठगे जाएंगे किसान

Shortage of fertilizer in government quota

Shortage of fertilizer in government quota

बड़वानी. सरकारी कोटे में यूरिया खाद के टोटे के चलते किसानों को अब परेशान होना पड़ रहा है। सोसायटियों में खाद नहीं है और बाजार में दुकानदार किसानों को ठगने में लगे हुए हैं। ऐसे में किसानों के सामने फसलों को खाद देने की समस्या खड़ी हो गई है। जिन किसानों ने गर्मी का कपास और अन्य फसलें लगा दी हैं, उनके खेतों में फसलों को खाद की सख्त जरुरत है। सोसायटियों में यूरिया खाद नहीं होने से किसान फसलों में खाद नहीं दे पा रहे हैं।
ऐसे में किसानों की फसलों की बढ़वार प्रभावित होने की पूरी संभावना है। पहले की कोरोना काल में किसानों की फसलें बर्बाद हो गई। जिससे उन्हें खासा नुकसान उठाना पड़ा है। अब खरीफ सीजन में समय पर खाद नहीं मिलने से किसानों की फसलें प्रभावित होने वाली है। कृषि विभाग ने इस वर्ष यूरिया का लक्ष्य 40 हजार मेट्रिक टन दिया है। उसमें से यहां सोसायटियों में 11 हजार 400 मेट्रिक टन का भंडारण था, जिसमें से 10896 मेट्रिक टन का वितरण किसानोंं का कर दिया है। अब सोसायटियों में खाद नहीं है और किसान खाद के लिए दर-बदर भटक रहे हैं।
यूरिया के साथ टिका रहे दूसरा खाद
सोसायटियों में यूरिया नहीं होने के कारण किसानों को दुकानों से यूरिया लेना पड़ रहा है। दुकानों पर किसान यूरिया की खरीदी के लिए जा रहे हैं तो व्यापारी उन्हें दूसरे खाद लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं। ऐसे में किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। अंजड़ के किसान जितेंद्र फोंगला ने बताया कि दुकानों पर यूरिया लेने जा रहे हैं तो दुकानदार यूरिया के साथ दूसरा खाद सूपर, पोटाश और डीएपी भी लेने का बेालते हैं। ऐसे में किसानों पर आर्थिक भार आ रहा है। समय पर किसानों को यूरिया नहीं मिलेगा तो फसलों की पैदावार प्रभावित होगी।
बाहर से नहीं आ रहा है खाद
इस मामले में जिम्मेदारों की मानें तो कोरोना के कारण इंदौर से माल नहीं आ रहा है। इसलिए यूरिया का संकट खड़ा हो गया है। सोसायटियों तक यूरिया नहीं पहुंचने के कारण किसानों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। सरकारी कोटे में भले ही खाद नहीं आ रहा हो, लेकिन व्यापारियों को पास खाद का स्टॉक भरा पड़ा है। वहीं उनके पास पर्याप्त मात्रा में खाद बाहर से आ भी रहा है। जो कई सवालों को खड़ा कर रहा है।
खाद वितरण की स्थिति
खाद – लक्ष्य -भंडारण- वितरण
यूरिया – 40000- 11400 -10896 मे.टन
डीएपी – 11700- 6201 -4600 मे.टन
पोटाश – 8800- 4364 -3000 मे.टन

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