बड़वानीPublished: Jul 05, 2019 11:16:00 am
मनीष अरोड़ा
लगाया सहायक आयुक्त पर भ्रष्टाचार, गरीबों को सताने का आरोप, हटाने की मांग, लंबे समय से वेतन की मांग कर रहे कर्मचारियों ने खोला विभाग के खिलाफ मोर्चा, जनजातीय कार्य विभाग में किया धरना-प्रदर्शन, जिले के सौ से ज्यादा कर्मचारी शामिल
Small scale employees association
बड़वानी. लंबे समय से वेतन की मांग कर रहे लघु वेतन कर्मचारियों ने गुरुवार को सहायक आयुक्त जनजातीय विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। गुरुवार को जिलेभर के सौ से ज्यादा कर्मचारी जनजातीय कार्य विभाग कार्यालय में धरने पर बैठ गए। मामले की जानकारी लगते ही कांग्रेस जिलाध्यक्ष वीरेंद्रङ्क्षसह दरबार भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने सहायक आयुक्त पर गंभीर आरोप भी लगाए। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा यदि सरकार ने सहायक आयुक्त को यहां से नहीं हटाया तो वे कांग्रेस विधायकों सहित धरने पर बैठेंगे।
ये है मामला
लघुवेतन कर्मचारी संघ के बैनर तले 10 दिन पूर्व कर्मचारियों ने सहायक आयुक्त विवेक पांडेय को ज्ञापन सौंपकर पिछले 12 माह से रुका वेतन देने की मांग की थी। मांग पूरी न होने पर संघ ने 4 जुलाई को धरना-प्रदर्शन का आह्वान किया था। गुरुवार सुबह 11 बजे से सभी कर्मचारी सहायक आयुक्त कार्यालय में इक_ा हो गए और जमकर नारेबाजी की। लघु वेतन कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष राजेश कुमार शकतपुरिया ने बताया कि स्कूलों, छात्रावासों, आश्रमों में काम करने वाले दैनिक भोगी, अंशकालीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पिछले 12 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने की वजह से अपने परिवार का भरण पोषण एवं बच्चों की स्कूल फीस, किताबें, कॉपी के लिए भी पैसा नहीं है। शासन प्रशासन द्वारा इस कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।
अपने शासन के खिलाफ बैठना हमारी मजबूरी
सहायक आयुक्त कार्यालय मेें चल रहे कर्मचारियों के धरना-प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष वीरेंद्रसिंह दरबार व कांग्रेस कार्यकर्ता भी करीब 4 बजे वहां पहुंचे। कर्मचारियों के साथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष भी सहायक आयुक्त कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गए। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सहायक आयुक्त एक भ्रष्ट अधिकारी है। इनके खिलाफ छात्रवृत्ति घोटाला, मध्याह्न भोजन घोटाले में शिकायतें होकर जांच भी चल रही है। गरीब कर्मचारियों से अटैचमेंट के नाम पर रिश्वत का खेल खेल रहे हैं। कलेक्टर को भी मामले की जानकारी दी थी, लेकिन सहायक आयुक्त ने गरीब कर्मचारियों को ही झूठा ठहरा दिया है। हमने इनकी शिकायत केबिनेट मंत्री से भी की है। एक भ्रष्ट अधिकारी को हटाने के लिए हमें अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठना पड़ रहा है।
सेंधवा विधायक ने भी लगाया था आरोप
सहायक आयुक्त जनजातीय विभाग अपनी कार्यशैली को लेकर शुरू से ही विवादों में रहे है। पूर्व में जिला योजना समिति में भी गृहमंत्री बाला बच्चन और प्रभारी मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ के सामने कांग्रेस जिलाध्यक्ष वीरेंद्रसिंह दरबार सहित सेंधवा विधायक ग्यारसीलाल रावत, पानसेमल विधायक चंद्रभागा किराड़े भी उन पर आरोप लगा चुकी हैं। हाल ही में सेंधवा विधायक रावत ने जनजातीय विभाग में डेढ़-डेढ़ लाख रुपए लेकर फर्जी नियुक्ति करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने बताया कि इतनी शिकायतों के बाद भी सहायक आयुक्त पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि सहायक आयुक्त को जल्द नहीं हटाया गया तो जिले के सभी विधायक और कांग्रेस जिलास्तर पर सहायक आयुक्त के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करेंगे।
आरोप निराधार है
जातिवाद और भ्रष्टाचार के आरोप निराधार है, मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं। लघु वेतन कर्मचारियों का बजट नहीं आया है। उसके लिए उच्च अधिकारियों से बजट मांगा है। जिन बीओ ने बिल लगाने में देरी की है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई कर रहे है। कार्यालय में जो भी घटनाक्रम हुआ है, उससे मैं भयभीत हूं। पुलिस से अपनी सुरक्षा की मांग भी की है।
-विवेक पांडेय, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग