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लाखों खर्च किए, नतीजा ढाक के तीन पात

locationबड़वानीPublished: Feb 17, 2019 10:44:00 am

कॉलोनियों में हालात खराब, जगह-जगह कचरे के ढेर, 15 दिन में बनने थे सुविधाघर, सार्वजनिक शौचालय, नहीं बने, -अभी भी काम अधूरा, स्वच्छ सर्वेक्षण में खुलेगी पोल

Spent thousands, resulted in three modes of Dhaka

Spent thousands, resulted in three modes of Dhaka

खबर लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. स्वच्छ सर्वेक्षण में अव्वल आने के लिए नगर पालिका हरसंभव प्रयास कर रहा है। जागरुकता अभियान के साथ ही स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए लाखों रुपए भी खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही नजर आ रहा है।मुख्य सड़कों पर सफाईदिख रही है, कॉलोनियों में हालात खराब नजर आ रहे है। खाली पड़े प्लाटों पर लगे कचरे के ढेर स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहे है। स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए बनाए जा रहे सुविधाघर और शौचालय भी अधुरे पड़े हुए है। अधुरे काम और फैल रही गंदगी स्वच्छ सर्वेक्षण की पोल खोल सकती है।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में बड़वानी नगर पालिका 527वें स्थान पर रहा था। पिछले साल स्थानांतरण होकर आए नपा सीएमओ कुशलसिंह डुडवे ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में बड़वानी नपा को अव्वल बनाने के लिए कमर कसी।स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए नगर पालिका द्वारा लाखों रुपए खर्च किए गए। जगह-जगह फ्लैक्स-बैनर लगाए गए, दीवार लेखन करवाया गया, कचरा वाहनों में स्वच्छता जागरुकता के गाने चलवाए जा रहे है। यहां तक कि नगर पालिका ने स्वच्छता अभियान के लिए एक एनजीओ डिवाइन को भी नियुक्त किया। इतना सब होने के बाद भी लोगों में जागरुकता की कमी के कारण हालत जस का तस बने हुए है।
खाली प्लाटों पर फैल रही गंदगी
नगर पालिका द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए शहर की प्रमुख सड़कों और बस स्टैंड पर तो ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन कॉलोनियों की कोईसुध नहीं ली जा रही है। शहर की स्लम बस्तियों की बात तो दूर पॉश कॉलोनियों में भी हालत खराब है। खासतौर पर खाली पड़े प्लाटों पर कचरे का ढेर लग रहा है।कॉलोनी में डोर-टू-डोर कचरा वाहन तो पहुंच रहा है, लेकिन वो सुबह और शाम को आता है। इस बीच लोग घर का कचरा खाली प्लाटों पर ही डाल देते है। सबसे ज्यादा बुरे हालात मैरेज गार्डनों के पास खाली प्लाटों के दिख रहे है। यहां शादी-ब्याह में निकलने वाली झूठन और कचरा खाली प्लाटों पर ही डाला जा रहा है।
सुविधाघरों के पूरा होने का नाम नहीं
स्वच्छ सर्वेक्षण और ओडीएफ डबल प्लस के लिए नगर पालिका ने लाखों का खर्च कर 16 सुविधाघरों और दो सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण शुरू करवाया है। निर्माण आरंभ होने के दौरान कहा गया था कि 15 से 20 दिन में काम पूरा हो जाएगा। इस बात को करीब डेढ़ माह से अधिक समय बीत चुका है। सुविधाघरों और शौचालयों के निमार्ण कार्यकी गति चींटी की चाल चल रही है। उल्लेखनीय हैकि सुविधाघरों में लगने वाली यूरिनल शीट की संख्या से इसकी लागत निकाली जाएगी।एक सुविधाघर पर करीब 3 लाख रुपए की लागत आ रही है। वहीं, शौचालय भी 8 से 9 लाख की लागत से बन रहे है।
जागरुकता के लिए मैराथन दौड़ आज
स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए जागरुकता अभियान के तहत नगर पालिका ने मैराथन दौड़ का आयोजन रविवार को किया है। मैराथन दौड़ रविवार सुबह 7.30 बजे नगर पालिका परिसर से आरंभ होगी, जो मोटी माता, रणजीत चौक, झंडा चौक, महालक्ष्मी गेस्ट हाउस, अस्पताल चौराहा, कोर्ट चौराहा होते हुए वापस नपा परिसर पहुंचेगी। मैराथन दौड़ के दौरान उपस्थित लोग सड़क पर कचरा और पॉलीथिन भी उठाते चलेंगे।
दे चुके नोटिस
सुविधाघर निर्माणकर्ता ठेकेदारों को नोटिस दिए जा चुके है। सभी ठेकेदारों ने जल्द से जल्द पूरा कर हेंडओवर करने को कहा है। छोटे-छोटे काम बाकी है, जिसमें दिक्कत आ रही है।
लक्ष्मणसिंह चौहान, नपा अध्यक्ष
लोग नहीं हो रहे जागरूक
कॉलोनियों में सफाई कर रहे है। खाली प्लाटों पर लोग कचरा डाल रहे है।जागरुकता की कमी है, जिसके कारण परेशानी आ रही है। मैरेज गार्डन वालों को भी समझाइश दी जा रही है, लेकिन नहीं मान रहे हे। राजघाट स्थित एक मैरेज गार्डन पर जुर्माना कर 2100 की रसीद भी काटी है।
कुशलसिंह डुडवे, नपा सीएमओ

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