scriptशिखरधाम पहुंच मार्ग की घोषणा कर भूल गए प्रदेश के मुखिया | The Chief of the State forgot to announce Shikhardham Reach Marg | Patrika News

शिखरधाम पहुंच मार्ग की घोषणा कर भूल गए प्रदेश के मुखिया

locationबड़वानीPublished: Jul 30, 2018 11:03:26 am

मुख्यमंत्री ने 2010 में की थी चार घोषणाएं, तीन पर किया अमल, 7 अगस्त को फिर शिखरधाम पहुंचेंगे सीएम, घोषणा पूरी करने की उम्मीद

The Chief of the State forgot to announce Shikhardham Reach Marg

The Chief of the State forgot to announce Shikhardham Reach Marg

बड़वानी/नागलवाड़ी (विशाल यादव/मुकेश गेहलोत). 15 अगस्त 2018 को नागपंचमी का भव्य मेला स्थानीय ग्रामवासी ग्राम पंचायत भीलट देव मंदिर संस्थान और तथा जिला प्रशासन की मदद से लगने वाला है। माह जुलाई से अक्टूबर तक करीब 25 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा भीलट देव के शिखर धाम पर दर्शन करते है। ऐसे में निमाड़ के ऐतिहासिक सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल शिखर धाम नागलवाड़ी आज भी प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान द्वारा की गई पूर्व घोषणा के पूरी होने का इंतजार कर रहा है।
सीमेंट की पक्की सड़क बनाने की थी घोषणा
मुख्यमंत्री द्वारा 29 अक्टूबर 2010 को वनवासी यात्रा कार्यक्रम के तहत शिखर धाम पर आकर हजारों की संख्या में उपस्थित जन समुदाय मंदिर संस्थान जिला प्रशासन के समक्ष चार घोषणाएं की थी। इसमें 3 पर अमल हो चुके है, लेकिन जिसमें प्रमुख रूप से शिखर धाम तलहटी से मंदिर तक पहुंच मार्ग में सीएम ने कहा था कि जनता आप विकल्प बताए कि डामरीकरण कराना है या सीमेंट की पक्की सड़क बनाना है। आप ही बताए। ऐसा विकल्प रखकर सीएम ने जयकारों के साथ शिखर धाम तक पहुंचने मार्ग को सीमेंट की पक्की सड़क की घोषणा क्रमांक 1053 के तहत दी। इसके बाद से करीब एक दशक अंतिम पड़ाव आ चुका है, लेकिन सीएम की घोषणा मात्र घोषणा ही बनकर रह गई है।इस क्रियांवयन के लिए कई प्रयास किए गए, लेकिन आज तक सड़क निर्माण को लेकर किसी भी मंत्रालय से कोई सकारात्मक रुझान नहीं मिला है।
समाजसेवी ने पत्र लिखकर कराया है अवगत, नहीं हुआ असर
समाजसेवी बीएल जैन द्वारा 4 अप्रैल 2017 को स्मरण पत्र प्रदेश मुखिया को लिखा गया था, लेकिन इसका भी कोई सकारात्मक असर नहीं हुआ है। आज तक ये निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ है।मंदिर संस्थान के अध्यक्ष दिनेश यादव ने बताया कि शिखर धाम पर तलहटी से मंदिर तक यदि सड़क व्यवस्था सुगम हो जाए, तो मंदिर शेष बचे कार्य एवं दूर से आए भक्तों को राहत मिल जाएगी। मेले की व्यवस्था की दृष्टि से देखें तो मुख्य दिवस पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं को कच्चे मार्ग से पैदल चलकर कठिनाइयों का सामना कर बाबा के दर्शन होते हैं। मेला व्यवस्था के लिए हजारों की संख्या में स्थानीय ग्रामीण समाजसेवी, मंदिर संस्थान, पुलिस प्रशासन के सहयोग से दर्शन लाभ होते है।
समय-समय पर मंदिर समिति करता है मार्ग रिपेयर
संस्थान सचिव मोहन परिहार ने बताया कि वर्तमान में शिखर धाम तक पहुंचने के लिए पहाड़ी हिस्से को काटकर कच्ची सड़क का निर्माण किया गया है। ये 3 किमी का हिस्सा घुमावदार है। जहां दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है। इसलिए आम जनता की सुरक्षा के लिए सड़क निर्माण का कार्य शीघ्रता से किया जाना चाहिए। वैकल्पिक मार्ग कच्चा होकर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। वैकल्पिक मार्ग को मंदिर संस्थान समय-समय पर रिपेयर कराता रहता है। दर्शनार्थियों को बारिश के समय में बड़ी असहजता होती है। कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।ऐसे में सीएम को शिखर धाम पर की घोषणा को शीघ्र अमल पर लाना होगा, ताकि भक्तों को आने जाने में कोई कठिनाई ना हो। हालांकि सीएम 7 अगस्त को एक बार फिर नागलवाड़ी शिखर धाम पर आ रहे है। ऐसे में उनसे उम्मीद है कि निमाड़ मालवा के तेजी से उभरते हुए तीर्थ स्थल की मुख्य मार्ग को पूर्ण करें, ताकि श्रद्धालुओं के लिए शिखर धाम आने का मार्ग सुगम हो। किसी भी अव्यवस्था के कारण दर्शन बाधित ना हो
आस्था का केंद्र है भीलट देव मंदिर
यादव ने कहा कि सतपुड़ा की सुरम्य पहाडिय़ों में बना हुआ भीलट देव का मंदिर केवल मप्र ही नहीं राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात सहित देश के कई क्षेत्रों के लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। प्रतिवर्ष यहां आयोजित होने वाले नागपंचमी से मुख्य दिवस मंगलवार तक मेले में 10 से 15 लाख श्रद्धालुओं की उपस्थिति होती है। इस दौरान श्रद्धालुओं को 4 से 5 किमी की लंबी कतार में लगातार 6 से 8 घंटों में दर्शन होते है।

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