खाने से पहले व शौच के बाद धोएं हाथ, कलेक्टर ने बच्चों को दिलाया प्रण
जिले की स्कूलों व आंगनवाडिय़ों में कृमिनाशक दवा एलबेंडाजॉल खिलाई

बड़वानी. विश्व नेशनल डी वर्मिंग डे के अवसर पर जिले की सभी स्कूलों व आंगनवाडिय़ों में 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमिनाशक दवा एलबेंडाजॉल खिलाई गई। जिले में इस अभियान की शुरुआत जनजातिय कन्या अंग्रेजी माध्यम आश्रम शाला से हुई। यहां पर कलेक्टर तेजस्वी एस नायक, सहायक आयुक्त जनजातिय कार्य विभाग विवेक पांडेय, सीएमएचओ डॉ. वीपी जैैन, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेखा जमरे, डॉ. बीएस सैत्या व डॉ. जीएल बारेला, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. प्रमोद गुप्ता, संस्था की अधीक्षिका रामकुवर सोलंकी, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व शिक्षकों ने अपने हाथों से 1-1 विद्यार्थी को कृमिनाशक गोली दी।
घर में अनिवार्य रूप से बनाए शौचालय
कलेक्टर ने बताया कि अगर हमारी काया निरोगी रहेगी तो हमारा मन सभी कार्यों में लगेगा, इसके कारण दुनिया की सभी सफलताएं हमारे कदम चूमेगी। इसलिए अच्छी आदत बचपन से ही अपनाना हमेशा फायदेमंद रहता है। इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए विश्व कृमिनाशक दिवस पर बच्चों को एक साथ दवा खिलाने का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने बच्चों को प्रण भी करवाया की वे अब हमेशा खाने के पहले व शौच के बाद साबुन से हाथ धोने को अपनी आदत में शुमार करेंगे। न तो कभी खुले में शौच के लिए जाएंगे और न ही किसी को जाने देंगे। कलेक्टर ने बोर्ड पर चित्र भी बनाकर बच्चों को समझाया की किस प्रकार खुले में शौच करने से गंदगी हमारे पेट तक पहुंच जाती है। साथ ही संस्था की 6 ऐसी बालिकाओं ने जिनके यहां अभी शौचालय नहीं है उन्होंने प्रण किया की वे अपने पालकों से बोलकर अपने घर में शौचालय अनिवार्य रूप से बनवाएंगी।
4 लाख से अधिक बच्चों को खिलाएंगे दवा
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. प्रमोद गुप्ता ने बताया कि अभियान के तहत 9 फरवरी को एक साथ जिले के सभी स्कूलों व आंगनवाडिय़ों में एक साथ करीब चार लाख से अधिक बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाई व पिलाई जाएगी। पहले दिन जो बच्चे इस दवा को लेने से छूट जाएंगे, उन्हें 15 फरवरी को मापअप राउंड के तहत दवा खिलाई व पिलाई जाएगी। डॉक्टरो की टीम ने विद्यार्थियों व शिक्षकों को बताया कि कृमिनाशक दवा एलबेन्डाजॉल खाने के बाद कुछ बच्चों को पेट दर्द, जी मचलाने जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते है, इसके कारण घबराएं नहीं, क्योंकि पेट की आतो में मौजूद कीड़ो के मरने के कारण ऐसे लक्षण कुछ घंटो तक रह सकते है, जो बाद में स्वत: ही ठीक हो जाएंगे।
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