scriptपॉलीथिन पर नहीं लगा पाए प्रतिबंध, अब सोचा दूसरा उपाय | The municipality will earn by making plastic gutkha | Patrika News

पॉलीथिन पर नहीं लगा पाए प्रतिबंध, अब सोचा दूसरा उपाय

locationबड़वानीPublished: Apr 28, 2019 11:12:54 am

डोर-टू-डोर कचरा वाहन में अलग से बॉक्स लगाकर लेंगे पॉलीथिन, पॉलीथिन से प्लास्टिक गुटका बनाकर नगर पालिका करेगा कमाई

The municipality will earn by making plastic gutkha

The municipality will earn by making plastic gutkha

बड़वानी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी शहर में प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग धड़ल्ले से जारी है। न तो ग्राहक और न ही उपभोक्ता सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने को तैयार है। नगर पालिका भी पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने में नाकाम रहा है। नगर पालिका ने पॉलीथिन भंडारण और उपयोग पर जुर्माने का प्रावधान भी किया गया था, लेकिन पॉलीथिन पर रोक लगाने में नाकाम रही। अब जब पॉलीथिन का उपयोग पर रोक नहीं लग रही है तो नपा ने इसके लिए दूसरा उपाय सोचा है। अब नपा पॉलीथिन से राजस्व कमाएगी।
शहर में प्रतिदिन ट्रेंचिंग ग्राउंड पर 20 टन कचरा पहुंच रहा है। इसमें से एक टन वजन तो सिर्फ पॉलीथिन का होता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में प्रतिदिन एक टन से ज्यादा पॉलीथिन का उपयोग किया जा रहा है। शहर में ये पॉलीथिन दूसरे शहरों से सप्लाय हो रही है। पॉलीथिन परिवहन, बिक्री, उपयोग पर रोक लगाने के लिए कोईठोस कदम अब तक नहीं उठाए गए। कभी कभार नगर पालिका कार्रवाई कर पॉलीथिन पकड़ भी लेती है, लेकिन पॉलीथिन का शहर में आना रुक नहीं रहा है। पॉलीथिन को लेकर अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नगर पालिका ने नहीं की है।
दुकानदारों की भी मजबूरी
प्रतिबंध लागू करने के बाद भी शहर में छोटे से लेकर बड़े दुकानदार तक अब भी पॉलीथिन बैग का उपयोग कर रहे है। हालांकि ये दुकानदारों की मजबूरी भी है, क्योकि अधिकतर लोग घर से थैला नहीं लेकर आते और दुकानदार से पॉलीथिन की मांग करते है। पॉलीथिन नहीं होने पर ग्राहक अगली दुकान पर चला जाता है, जिसके कारण दुकानदारों को भी पॉलीथिन रखना पड़ रही है। पॉलीथिन के प्रति जागरुकता लाने के लिए समाजसेवी संगठनों, नगर पालिका ने भी कई बार कोशिश की, लेकिन कोई फायदा होते नहीं दिख रहा है। आज भी लोग पॉलीथिन में ही सामान लेकर जाते नजर आ रहे है।
गीले-सूखे कचरे से अलग करना मुश्किल
लाख कोशिशों के बाद भी नपा जब पॉलीथिन के उपयोग, बिक्री पर रोक लगाने में नाकामयाब रही तो उसने पॉलीथिन से रुपए कमाने का उपाय सोचा है। शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के दौरान लोग पॉलीथिन सूखे और गीले कचरे में डाल रहे है। भारी मात्रा में ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंच रही पॉलीथिन को गीले और सूखे कचरे से अलग करना भी एक कठिन काम है। अब इसके लिए नगर पालिका ने एक उपाय सोचा हैऔर डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहनों के पीछे एक अलग थैला लगाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें लोगों से पॉलीथिन डालने की अपील की जाएगी। कचरे में एकत्रित होने वाली पॉलीथिन को मशीन के जरीए प्लास्टिक का गुटका बनाकर तैयार किया जाएगा। प्लास्टिक गुटके को रऊ औद्योगिक केंद्र स्थित प्लास्टिक पाइप बनाने वाली फैक्ट्री में सप्लाय की जाएगी। जिससे नगर पालिका का राजस्व भी बढ़ेगा।
नगरीय निकाय आयुक्त के निर्देश
नगरीय निकाय आयुक्त द्वारा निर्देश दिए गए है कि कचरा कलेक्शन में पॉलीथिन अलग से ली जाए। हमारे पास पॉलीथिन से प्लास्टिक गुटका बनाने की यूनिट लगी हुई है। हम पॉलीथिन का प्लास्टिक गुटका बनाकर बेचेंगे। इससे नपा को अतिरिक्त आय होगी।
कुशलसिंह डुडवे, सीएमओ नगर पालिका

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