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332 करोड़ की परियोजना अधूरी, 6 बार समयावधि बढऩे के बाद भी नहीं हुई पूरी

locationबड़वानीPublished: Jan 06, 2019 11:00:29 am

कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बंद कर रखा है काम, ब्लेक लिस्टेड करने अधिकारी ने लिखा पत्र, लोअर गोई डेम की नहरों से किसानों को नहीं मिल पाया लाभ, नहरों का काम भी अधूरा

The project has not completed even after the incomplete period

The project has not completed even after the incomplete period

ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. पहाड़ी क्षेत्र में सूखे पड़े किसानों के खेतों को सिंचित करने के लिए जिले की महती सिंचाई परियोजना ठेकेदार की लापरवाही के कारण अब भी पूर्ण नहीं हो पाई है। करोड़ों रुपए की राशि खर्च कर तैयार हो रही शहीद भीमानायक सागर परियोजना (लोअर गोई) का काम समय बीतने के कई सालों बाद भी पूरा नहीं हो पा रहा है। अब तो आलम ये है कि पिछले कुछ महीनों से ठेकेदार ने परियोजना का काम ही बंद कर दिया है। ऐसे में ये कार्य कब पूर्ण होगा, इससे संशय बना हुआ है। निर्माण कार्य के दौरान कई बार नर्मदा विकास प्राधिकरण से कार्य पूर्णता के लिए एक्सटेंशन (समयावधि) भी दिया गया है। इसके बाद भी ये कार्य इतने सालों में पूरा नहीं हो पाया है। 332.55 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली इस परियोजना के कार्य करने की एवज में ठेकेदार को अब तक 270.739 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है। अब विभाग के अधिकारी ठेकेदार पर कार्रवाई करने के मूड में नजर आ रहे हैं।
स्वीकृत समयावधि में हुआ मात्र 34 प्रतिशत कार्य
परियोजना प्रारंभ होने के बाद ठेकेदार द्वारा नियत समयावधि में पांच वर्ष 10 महीन और तीन सप्ताह में मात्र 34 प्रतिशत ही काम किया था। वहीं चौथी, पांचवी और छठी बार जब समयावधि बढ़ाकर काम करने का अवसर ठेकेदार को मिला तो उस दौरान भी ठेकेदार कंपनी ने अपने कार्य की प्रगति नगण्य ही रखी। ठेकेदार के धीमी गति से कार्य करने का खामियाजा उन लोगों को भुगतना पड़ रहा है, जिनके लिए ये परियोजना बनाई गई है। कार्य पूर्ण नहीं होने से इसका लाभ यहां के किसानों को नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में कई बार किसानों ने शिकायतें भी की, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
82 प्रतिशत के लगभग कार्य हुआ है पूर्ण
लोअर गोई परियोजना का कार्य शुरू हुए 8 साल से अधिक हो गए हैं। परियोजना का कार्य तीन वर्ष में पूर्ण होना था, लेकिन छ: बार समयावधि बढ़ाने के बाद भी ये कार्य इतने सालों में पूर्ण नहीं हो पाया है। कार्य की प्रगति को लेकर विभागीय अधिकारियों की मानें तो अभी तक डेम, गेट, टनल और केनाल नेटवर्क का काम करीब 82 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। वहीं निर्माण कार्य कर रही कंपनी के जि मेदारों ने की मानें को मात्र 5 प्रतिशत काम ही शेष रह गया है। ऐसे में विरोधाभास की स्थिति भी बन रही है। विभाग के अधिकारी कार्य को पूर्ण कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ठेकेदार ने काम बंद कर रखा है। ठेकेदार की हठधर्मिता के कारण परियोजना का ये महत्वपूर्ण कार्य इतने लंबे समय से धीमी गति से किया जा रहा है। कार्य नहीं होने से इसका फायदा आदिवासी क्षेत्र के किसानों को नहीं मिल पा रहा है।
ठेकेदार को ब्लेकलिस्टेट करने की चल रही तैयारी
परियोजना कार्य में हो रही लेटलतीफी के बाद विभाग अधिकारी निर्माण कार्य कर रही कंपनी को ब्लेकलिस्टेट करने के लिए पत्र भी लिख चुके हैं। विभाग के अधिकारियों के अनुसार कार्य को पूर्ण करने के लिए कई बार कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए हैं। ठेकेदार को जब छठी बार समयावधि बढ़ाकर कार्य करने का मौका दिया तो उस दौरान भी कोई भुगतान योग्य कार्य नहीं किए गए हैं। ऐसी स्थिति में ठेकेदार का अनुबंध रद्द कर शेष बचे कार्य को नवीन निविदा आमंत्रित कर किया जाना भी प्रस्तावित किया गया है। वहीं शेष कार्य की निविदा राशि वर्तमान राशि अनुबंध की बकाया राशि से अधिक आती है तो वर्तमान ठेकेदार से नियमानुसार वसूली किया जाना और ठेकेदार को ब्लेकलिस्टेट करने के लिए भी पत्र जारी किया गया है।
फैक्ट फाइल…
परियोजना का नाम – शहीद भीमानायक परियोजना
एजेंसी का नाम -आईवीआरएल-एमबीएल (जेवी) हैदराबाद
परियोजना लागत – 332.55 करोड़
कार्य अनुबंध की अवधि – वर्षाकाल सहित 48 माह
अनुबंधित अवधि में भुगतान- 158.036 करोड़
समयावृद्धि में भुगतान – 112.703 करोड़
अभी तक कुल भुगतान – 270.739 करोड़
कार्य की शेष राशि – 61. 811 करोड़
नियत समय अवधि और समयावृद्धि में किया कार्य
अवधि – माह व दिनांक – कार्य प्रतिशत
अनुबंध की अवधि – 48 माह 6.2.2013 तक – 47.50 प्रतिशत
प्रथम समयावधि – 18 माह 6.8.2014 तक- 13 प्रतिशत
द्वितीय समयावधि – 10 माह 6.6.2013 तक – 6.83 प्रतिश
तृतीय समयावधि – 12 माह 6.6.2016 तक – 7.85 प्रतिशत
चतुर्थ समयावधि – 18 माह 5.12.2017 तक – 4.15 प्रतिशत
पंचम समयाविध – 6 माह 30.4.2018 तक – 2.50 प्रतिशत
षष्टम समयावधि – 6 माह 31.12.2018 तक- 0 प्रतिशत

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