scriptसेंधवा में शव जलाने के लिए श्मशान में जगह नहीं, लकडिय़ां तक खत्म | There is no place in crematorium to burn the corpse in Sendhwa | Patrika News

सेंधवा में शव जलाने के लिए श्मशान में जगह नहीं, लकडिय़ां तक खत्म

locationबड़वानीPublished: Mar 31, 2021 10:37:49 pm

Submitted by:

Amit Onker

नगर के लोगों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है

crematorium

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सेंधवा. नगर के मुक्तिधाम में अंत्येष्टि करने के लिए शेड कम पड़ गए हैं। लोगों को अपने परिजन का अंतिम संस्कार करने के लिए जमीन पर ही चिताएं जलाना पड़ रही है। वहीं अंत्येष्टि करने के लिए वन विभाग के डिपो में लकडिय़ां भी खत्म हो गई हैं। इससे मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार करने में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर के लोगों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब मुक्तिधाम में शेड और लकडिय़ों की कमी हो गई हो।
पिछले दो दिनों में 7 अंत्येष्टि के लिए शवों को मुक्तिधाम ले जाया गया है। इस कारण जगह कम पड़ गई। मंगलवार शाम को राम कटोरा क्षेत्र के अंबिका नगर में रहने वाले बुजुर्ग की दुर्घटना में मौत के बाद जब परिजन शव को मुक्तिधाम लेकर गए तो वहां तय शेड में जगह नहीं थी। इसके बाद परिजन ने जमीन पर ही लकडिय़ां जमाकर अंत्येष्टि की। बुधवार को भी राम कटोरा क्षेत्र की महिला की अंत्येष्टि भी जमीन पर लकड़ी रखकर करना पड़़ी। बुधवार को लकड़ी का स्टॉक खत्म हो चुका है। बुधवार को दो अंत्येष्टि के लिए लकड़ी दी थी। मोतीबाग निवासी नपा कर्मी मनोज शर्मा के पार्थिव शरीर अंत्येष्टि के लिए परिजनों को लकड़ी नहीं मिली। निजी साधनों से लकड़ी का इंतजाम किया गया। वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने बताया कि पिछले दो दिनों में करीब 8 लोगों के शवों की अंत्येष्टि के लिए परिजन लकड़ी लेकर गए हैं। हमें जलाऊ लकडिय़ों का सप्लाय खंडवा जिले के आशापुर से होता है, जो वाहन हमारे पास हैं वह छोटा है। वाहन में एक बार में सिर्फ 15 क्विंटल लकडिय़ां आती है। हमने डिमांड भेज दी है।
13 दिन में वरला में हो चुकी है 20 मौत
सेंधवा विधानसभा का अघोषित हॉट स्पॉट बन चुके वरला में स्थापित जांच चौकी के समीप ग्राम खारिया, बाखर्ली, पेंडानिया आदि के रहवासियों को सेंधवा आने के लिए वरला मार्ग का सहारा है। फिलहाल बेरिकेडिंग कर दी गई। सूत्रों के मुताबिक 19 मार्च से अभी तक सिर्फ वरला में 20 लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि कई मौतें संदिग्ध है। हालांकि स्थानीय प्रशासन इसे कोरोना से जोड़कर नहीं देख रहा है। तहसीलदार जगदीश रंधावा ने बताया कि हम लाउडस्पीकर की सहायता से लोगों में भय को दूर करने का प्रयास कर रहे है। कोरोना को लेकर गंभीर स्थिति नहीं है। हालांकि स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
प्रशासन बोला- सामान्य तौर पर हो रही मौत
नगर में हो रही मौतों को लोग कोरोना से जोड़कर भी देख रहे हैं। हालांकि प्रशासन का कहना है कि नगर में बीते १० दिनों के अंदर जो भी मौतें हुई हैं, वह सामान्य हैं। कोरोना से कोई भी मौत नहीं हुई है। इधर, नेशनल हाइवे सहित महाराष्ट्र से लगी ग्रामीण क्षेत्रों की सीमाओं से प्रदेश में प्रवेश के दौरान स्क्रीनिंग के दावे फेल हो रहे हैं। प्रशासन का दावा है कि 6 चौकियोंं की मुस्तैदी से निगानी की जा रही है। सबसे बड़ी बॉर्डर क्षेत्र बिजासन की बात करें तो यहां जांच नहीं हो रही है। यहां से महाराष्ट्र्र से आने वाले लोग आसानी से प्रदेश में प्रवेश कर रहे हैं। इसके चलते क्षेत्र में भी तेजी से संक्रमण फैल रहा है। हालांकि प्रशासन ने महाराष्ट्र के अन्य रास्तों को सील बंद किया है।
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