विद्यार्थियों ने बताया कि गत माह उनके द्वारा विभाग के संचालित छात्रावासों में नवीन सत्र के लिए प्रवेश के आवेदन जमा किए गए है, लेकिन एक माह बीतने के बाद भी उसकी प्रवेश सूची नहीं आई है। ऐसे में विद्यार्थियों की एक माह की पढ़ाई बर्बाद हो गई है। विभिन्न हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों में शिक्षकों का अभाव है। सहायक आयुक्त ने कहा कि सोमवार को प्रवेश सूची जारी हो जाएगी।
संगठन की माधुरी बहन व छात्र संगठन के प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश बंडोड ने बताया कि नया शिक्षा सत्र 18 जून से शुरू हो गया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के आदिवासी विद्यार्थी स्कूल नहीं जा पा रहे। इसका कारण प्रवेश के लिए प्रोफाइल पूरी करने के लिए उन्हें प्रतिदिन कियोस्क के चक्कर लगाने पड़ रहे है। साथ ही आधार बनाने व संशोधन में परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि आधार में संशोधन के नाम पर ग्रामीणों से 200 रुपए तक राशि वसूली जा रही है। शहर में 4 कियोस्क पर प्रतिदिन 20-20 आवेदन लिए जा रहे हैं, जबक विद्यार्थियों की संख्या हजारों में हैं, विद्यार्थियों की पढ़ाई शुरू ही नहीं हो पाई। ग्रामीणों को सुबह 3-4 बजे से कियोस्क पर लाइन में लगना पड़ रहा है। संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि प्रोफाइल की कार्रवाई के लिए प्रशासन पास व्यवस्था नहीं हैं, तो शिक्षा सत्र शुरू ही क्यों किया, ये कार्रवाई कराई जानी थी।
&स्कूलों में ही आधार व अन्य व्यवस्था के लिए उच्च स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया। इसकी मंजूरी मिलने के बाद स्कूल या संकुल स्तर पर व्यवस्था शुरू कराई जाएगी। विद्यार्थियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
-विवेक कुमार पांडेय, सहायक आयुक्त