पिछले दो माह से मचा रखी थी क्षेत्र में दहशत, दो महिलाओं का कर चुके थे शिकार, पूर्व में भी पकड़ाए थे दो तेंदुए, अब भी खेतिया, पानसेमल क्षेत्र में कई तेंदुए होने की संभावना, अनोखा इत्तेफाक- अगस्त, सितंबर और अक्टूबर की तीन तारीख को ही पिंजरे में कैद हुए तेंदुए
बड़वानी•Oct 05, 2019 / 11:09 am•
vishal yadav
Two leopards imprisoned in cages in one night
खेतिया/बड़वानी. वन परिक्षेत्र खेतिया के तहत गुरुवार की रात ग्राम भातकी में एक ही खेत में रखे दो अलग-अलग पिंजरों में दो तेंदुए कैद हो गए। इसमें एक मादा और एक नर तेंदुआ है। पिछले दो माह से खेतिया और पानसेमल क्षेत्र में तेंदुओं की भारी दहशत थी। दो महिलाओं का शिकार करने के साथ ही तेंदुए छह लोगों को घायल भी कर चुके थे। हालांकि पूर्व में भी दो तेंदुए पकड़ाए थे, लेकिन क्षेत्र में लगातार तेंदुओं की हलचल जारी थी। जिसके चलते ग्रामीणों में भय बना हुआ था। अब तक पकड़े गए चारों तेंदुओं के मामले में एक अनोखा इत्तेफाक भी रहा है। चारों तेंदुए माह की तीन तारीख को ही पिंजरे में कैद हुए हैं।
वन विभाग ने लगा रखे थे पिंजरे
क्षेत्र में तेंदुओं की हलचल को देखते हुए वन विभाग द्वारा पिंजरे लगा रखे थे। खेतिया वन विभाग सहित राला मंडल इंदौर की टीम भी लगातार अपना रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखे हुए थी। इसके परिणाम स्वरूप गुरुवार की रात ग्राम भातकी के एक खेत में लगे दो पिंजरों में दो तेंदुए कैद हो गए है। वन मंडल अधिकारी मंगेश बुंदेला ने बताया कि पूर्व में ग्रामीणों पर हमला करने वाले तेंदुए पहले ही पकड़े जा चुक थे। गुरुवार को पिंजरे में कैद हुए तेंदुए दूसरे है। दोनों तेंदुओं को खंडवा जिले के पुनासा सब डिवीजन के तहत आने वाले चांदगढ़ के वन रेंज में रिलीज के लिए रवाना किया गया है।
अब भी क्षेत्र में कई तेंदुए होने की संभावना
पिछले दो माह से खेतिया-पानसेमल के वनग्रामों और खेतों के आसपास तेंदुओं की हलचल बनी हुई है। माह जुलाई और अगस्त में तेंदुओं ने लगातार हमले किए थे। जिसमें खेतिया क्षेत्र में खेत में काम कर रही एक युवती की जान भी गई थी। वहीं, छह लोगों को तेंदुओं ने घायल भी किया था। इसके बाद 3 अगस्त को जूनापानी में एक तेंदुआ पिंजरे में कैद हुआ था। तेंदुआ पकड़ाने के बाद भी तेंदुए के हमले जारी रहे और जूनापानी क्षेत्र में तेंंदुए ने एक महिला का शिकार भी किया था। वहीं, दो लोगों को घायल भी किया था। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर 3 सितंबर को फिर एक तेंदुआ पकड़ा था। अब फिर 3 अक्टूबर की रात दो तेंदुए ओर पिंजरे में कैद हुए है। ग्रामीणों का मानना है कि क्षेत्र में अभी भी कई तेंदुए सक्रिय है।