scriptअंडर ग्राउंड सिवरेज प्लान पर अब तक नहीं हुआ काम शुरू | Underground work is not done on the plan till now | Patrika News

अंडर ग्राउंड सिवरेज प्लान पर अब तक नहीं हुआ काम शुरू

locationबड़वानीPublished: Dec 28, 2018 10:39:41 am

268 करोड़ की लागत से दो साल पहले बना था अंडर ग्राउंड सिवरेज प्लान, इजराइल की कंपनी ने लिया ठेका, चल रहा है सर्वे का काम, नर्मदा होगी प्रदूषण मुक्त, शहर को खुली नालियों, ड्रेनेज सिस्टम से मिलेगी मुक्ति

Underground work is not done on the plan till now

Underground work is not done on the plan till now

बड़वानी (मनीष अरोरा).
मां नर्मदा को गंदगी और प्रदूषण से बचाने, शहर को खुली नालियों, खुले ड्रेनेज सिस्टम से मुक्ति दिलाने और किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए दो साल पहले अंडर ग्राउंड सिवरेज की योजना बनाई गई थी। इस योजना में एक सर्वे भी हो चुका है और इजराइल की एक कंपनी को ठेका भी दिया जा चुका है, लेकिन काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। नगर पालिका का तर्क है कि अंडर ग्राउंड सिवरेज में सबसे बड़ी परेशानी लोगों को समझाने में आ रही है। अब इजराइल की कंपनी ने तीन कंसलटेंसी कंपनी रखी है, जो लोगों को समझाइश दे रही है। योजना का जियोग्रॉफी सर्वे भी होना बाकी है।
दो साल पहले वल्र्ड बैंक के सहयोग से जर्मनी द्वारा इस योजना में रूची दिखाई गई थी।इसके लिए 268 करोड़ की अंडर ग्राउंड सिवरेज योजना तैयार की गई। जिसके तहत शहर में सभी घरों की सिवरेज लाइन और पानी की निकासी को अंडर ग्राउंड पाइप लाइन से जोड़ा जाना है। ये पाइप लाइन रोड से 10 फीट नीचे रहेगी। प्रत्येक तीन घर की सिवरेज लाइन को एक चेंबर से जोड़ा जाएगा और चेंबर से पानी पाइप लाइन में जाएगा। यहां से दो पंपों में एक साई मंदिर के पास और एक एकलरा बसावट के पास जाएगा। दोनों पंपों का पानी कुकरा बसावट में एक फिल्टर प्लांट में जाएगा, जहां पानी को फिल्टर कर खेती के योग्य बनाया जाएगा। इस पानी से सिंचाई करने पर खेतों में खाद की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
10 साल कंपनी करेगी मेंटनेंस
अर्बन डेवलपमेंट के तहत अंडर ग्राउंड सिवरेज की योजना बनाई गई है। इस योजना का इस साल जुलाईमें इजराइल की तहल कंपनी ने ठेका लिया है।268 करोड़ की इस योजना में निर्माण कार्यकी लागत 110 करोड़ रुपए है। कंपनी को 10 साल तक पूरी योजना का मेंटनेंस करना पड़ेगा, जिसके लिए कंपनी को 158 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी। फिलहाल इस योजना में जियोग्रॉफी सर्वे होना बाकी है। जिसके तहत सेटेलाइट से शहर की लोकेशन देखने के साथ ही लेवल मेंटेन करने का काम होगा। बिना लेवल मेंटेन किए सिवरेज का पानी पाइप लाइन से पंप और पंप से फिल्टर प्लांट तक नहीं पहुंच पाएगा।
ये आ रही सबसे बड़ी परेशानी
अंडर ग्राउंड सिवरेज के लिए घरों में टायलेट के चेंबर और पानी की निकासी को बाहर बने चेंबर तक लाना होगा। इसमें सबसे बड़ी परेशानी ये आ रही है कि शहर में अधिकांश घरों में टायलेट और बॉथरूम अंदर की ओर बने हुए है। वहां से पाइप लाइन बाहर चेंबर तक लाने के लिए पूरे घर को खोदना होगा। पाइप घर से बाहर लाने के लिए खोदने से लेकर पाइप तक और बाद में घर में फिर से मरम्मत कराने का खर्च मकान मालिक को ही भरना होगा। जिसके लिए कोई भी तैयार नहीं है। कंपनी द्वारा अब लोगों को समझाइश देने के लिए कंसलटेंसी कंपनी रखी गई है। यदि लोग माने तो ही इस योजना का काम पूरा हो पाएगा।
नर्मदा को मिलेगी प्रदूषण से मुक्ति
इस योजना में तीन लाभ मिलने है। पहला तो मां नर्मदा को प्रदूषण से मुक्ति मिल जाएगी। वर्तमान में सिवरेज और नालियों का पानी नालों के माध्यम से मां नर्मदा में मिल रहा है। दूसरा शहर को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी सौगात रहेगी। नालियों के जाम होने, मच्छर पनपने, बारिश में नालियों का पानी सड़कों पर बहने से मुक्ति मिलेगी। तीसरा सिवरेज का पानी फिल्टर कर किसानों को सिंचाई के लिए दिया जाएगा। इस पानी से सिंचाई करने पर किसानों को खाद की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
लोगों को समझाइश देने का करेंगे काम
बहुत ही अच्छी योजना है, तीन तरह के लाभ मिल रहे है। योजना भले ही दो साल पहले बनी थी, लेकिन टेंडर जुलाई में ही हुए है। कंपनी ने कंसलटेंसी कंपनी को रखा है। लोगों को समझाइश देन का काम किया जा रहा है। जल्द ही इसका काम भी शुरू होगा।
लक्ष्मण चौहान, नगर पालिका अध्यक्ष

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