scriptविधानसभा चुनाव : त्रिकोणीय मुकाबले में आ सकते हैं अप्रत्याशित परिणाम | Unexpected results may come in tri-match | Patrika News

विधानसभा चुनाव : त्रिकोणीय मुकाबले में आ सकते हैं अप्रत्याशित परिणाम

locationबड़वानीPublished: Nov 18, 2018 10:17:59 am

बागी हुए निर्दलीय उम्मीदवार मंडलोई से कांग्रेस को हो सकता है खासा नुकसान, वोटिंग के 11 दिन शेष, अपनी जीत का जोर लगा रहे हैं प्रत्याशी

Unexpected results may come in tri-match

Unexpected results may come in tri-match

ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. चुनावी दंगल में नेता अपना पूरा जोर लगाकर जनता को लूभाने में लगे हुए हैं। इस विधानसभा चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला कांटे की टक्कर का लग रहा है। इस बार चुनाव में अप्रत्याशित परिणाम आने के कयास भी लगाए जा रहे हैं, जो किसी ने सोचा न हो। भाजपा और कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय मैदान में उतरे प्रत्याशी ने दोनों दलों की नींद उड़ा रखी है। मतदाताओं का रूझान तो चुनाव परिणाम ही तय करेंगे, लेकिन अभी तो चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक तीनों ही उम्मीदवारों का तगड़ा जनसंपर्क चल रहा है। अभी चुनाव में वोटिंग के लिए अभी 11 दिन शेष बचे हुए हैं। आने वाले दिनों में चुनावी माहौल अपने चरम पर पहुंचने वाला है।
कांग्रेस को होगा खासा नुकसान
कांग्रेस से बागी होकर राजन मंडलोई ने चुनावी मोर्चा संभाला है। इससे कांग्रेस को खासा नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। निर्दलीय मंडलोई कांग्रेस में रहकर जनता के बीच अपनी पकड बनाए हुए थे। वहीं नर्मदा बेल्ट में भी मंडलोई की खासी पकड बताई जा रही है। इन समीकरणों को देखें तो मंडलोई कांग्रेस के खासे वोट काटेंगे। वहीं भाजपा इसे अपना प्लस पाइंट मानकर चुनावी मैदान में अपना दम दिखा रही है। अब देखना है कि मतदाता किस उम्मीदवार पर अपना भरोसे जताते हैं।
शिक्षित उम्मीदवार की बात पकड़ रही जोर
चुनावी घमासान के बीच इस बार शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षित उम्मीदवार की बात खासा जोर पकड़ रही है। भाजपा और कंाग्रेस ने अपने पुराने चेहरों को तो मैदान में उतरा दिया, लेकिन शिक्षित उम्मीदवार वाला कार्ड जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के पदाधिकारियों को चिंता भी सता रही है। दोनों ही दल अपने उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल तैयार करने के लिए घर-घर दस्तक दे रहे हैं।
गुटबाजी भी डाल सकती हैं प्रभाव
चुनाव के इस दौर में दोनों ही दलों में गुटबाजी और भीतरघात का खतरा बना हुआ है। भाजपा और कांग्रेस के खेमों में पदाधिकारी अपनों को साधने में भी लगे हुए हैं। इस बार के चुनाव में भाजपा और कंाग्रेस के कार्यकर्ताओं में उतना उत्साह भी नजर नहीं आ रहा है। दोनों ही प्रमुख दलों के चुनावी कार्यालय भी सुने ही दिखाई देते हैं। इसे लेकर भी बाजार में चर्चाओं का दौर चल रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो