बड़वानीPublished: Aug 08, 2019 12:55:10 pm
मनीष अरोड़ा
नर्मदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर, डूब प्रभावित गांव में अलर्ट, प्रशासनिक अमला पहुंचा गांव में, लोगों से कराए जा रहे है मकान खाली, अधिकारियों का कहना जहां भी 130 मीटर के आसपास पानी पहुंचा है, उन गांव के लोगों को कराया जा रहा है खाली
Water came to Barwani Rajghat, administration started rescue operation
बड़वानी. नर्मदा नदी का जलस्तर इस वक्त खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर है। इस वक्त वाटर लेवल 127.9 और खतरे का निशान 123.350 वाटर लेवल के बढऩे के चलते प्रशासनिक अमला डूब प्रभावित गांव में पहुंचा है। उन लोगों से उनके मकान खाली कराए जा रहे है। बड़वानी की राजघाट पर प्रशासनिक अमले और पुलिस ने पहुंचकर लोगों की दुकानें और मकान खाली कराए। अधिकारियों का कहना है कि जिनमें भी वाटर लेवल 130 मीटर के आसपास है। वहां लोगों से मकान खाली कराए जा रहे है। अधिकारियों का दावा है कि लोग अपने स्वेच्छा से मकान खाली कर रहे है। हालांकि नर्मदा बचाओ आंदोलन के लोग इसका विरोध करते नजर आ रहे हैं, लेकिन प्रशासन फिलहाल काफी मुस्तैद है और लोगों से गांव खाली कराए जा रहे है।
नबआं नेत्री मेधा पाटकर ने बताया कि आंदोलन ने सरकार के सामने पिछले 6 माह पहले 30 मुद्दे रखे थे। जिन पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अब डूब लोगों के घरों तक आना शुरू हो गई है। इसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। जब तक सभी का संपूर्ण पुनर्वास नहीं हो जाता, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम अभी भी मप्र सरकार को समय दे रहे हैं कि वे बारी-बारी हर गांव में शिविर आयोजित करें और लोगों की समस्याओं का निराकरण करें। हम यहां डूबने के लिए तैयार बैठे है। मप्र सरकार को चाहिए कि केंद्र और गुजरात सरकार से सरदार सरोवर बांध के गेट खुलवाए और गैरकानूनी रूप से आ रही इस डूब को रोके। डूब आए या बाढ़, हम नहीं हटेंगे, जीने का अधिकार ले के रहेंगे।
पुल पर आया पानी, फिर भी नहीं रुके कदम
नबआं के सत्याग्रह में डूब गांवों के प्रभावित बुधवार सुबह से ही राजघाट पहुंचना आरंभ हो गए थे। धार जिले के चिखल्दा, कड़माल, निसरपुर आदि क्षेत्रों से आने का एक ही रास्ता राजघाट पुल पर पानी आने के बाद भी डूब प्रभावितों के कदम नहीं रुके। पुल पर भरे पानी से ही डूब प्रभावित पैदल चलकर राजघाट पहुंचे। वहीं, कई प्रभावित नावों के रास्ते नदी पार कर राजघाट आए। दिनभर चले रिमझिम बारिश और शाम से हुई तेज बारिश के बाद भी नबआं और डूब प्रभावितों का सत्याग्रह जारी रहा। नबआं कार्यकर्ता राहुल यादव ने बताया कि गुरुवार से हर गांव के लोग यहां पहुंचे।