बड़वानी

गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष बढ़ा गेहूं का रकबा, चना उत्पादन की भी उम्मीद

बड़वानी जिले में गेहूं का होगा बंपर उत्पादन, गत वर्ष के मुकाबले इस बार रकबे में आठ हजार हेक्टेयर की बढ़ोतरी फसल में लहलहाने लगी बालियां, चने पर खिले फूल

बड़वानीJan 20, 2021 / 10:38 am

vishal yadav

Wheat acreage increased this year compared to last year

बड़वानी. जिले में रबी सीजन की प्रमुख गेहूं फसल का इस बार बंपर उत्पादन रहेगा। गत वर्ष के मुकाबले इसके रकबे में बढ़ोतरी हुई है। फिलहाल फसल की बढ़वार ठीक है। किसान सिंचाई व खाद डालने की प्रक्रिया में जुटे है। खेतों में लगी फसल पर बालियां निकलकर लहलहाने लगी है। वर्तमान में रबी सीजन की फसलों की बोवनी शत प्रतिशत हो चुकी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष जिले में रबी सीजन की फसलों की कुल एक लाख तीन हजार से अधिक हेक्टेयर में बोवनी हुई है। इसमें गेहूं की सर्वाधिक 90 हजार हेक्टेयर में बुआई हुई है। जबकि गत वर्ष गेहूं की बोवनी 82 हजार हेक्टेयर हुई थी। वहीं इस बार 84 हजार में प्रस्तावित थी। अच्छी बारिश और बेहतर मौसम रहने से किसानों ने गेहूं रकबे में बढ़ोतरी की है। इससे आठ हजार हेक्टेयर में अधिक बुआई की गई है। वर्तमान में गेहूं फसल में बालियां निकलकर लहलहाने लगी है। वहीं चना की बोवनी गत वर्ष की भांति 8 से 10 हजार हेक्टेयर में हुई है। फसल पर फूल आ चुके है।
आगामी माह कटाई शुरु हो सकती हैं
उपसंचालक कृषि केशवसिंह खापेडिय़ा ने बताया कि रबी सीजन की शत प्रतिशत बोवनी हो चुकी है। गत नवंबर माह में बोवनी की शुरुआत हुई थी। शुरुआत की फसल वर्तमान में लहलहाने लगी है। आगामी माह 15 फरवरी तक गेहूं कटाई शुरु होने की संभावना है। गत वर्ष गेहूं का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 35 क्ंिवटल रहा था। इस बार 38 क्ंिवटल से अधिक की उ मीद है। अब फसल तैयार होने लगी हैं, ऐसे में वातावरण में गर्माहट बढऩे से फसल को फायदा मिलेगा।
इस बार इल्ली का प्रकोप नहीं
जिले में इस बार गेहूं-चना में खास प्रकोप की शिकायत नहीं है। गत वर्ष पहली बार जिले में गेहूं फसल में इल्ली की शिकायत पलसूद के गांवों में सामने आई थी। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार अमूमन रबी सीजन में फसल बुआई नवंबर दिसंबर तक हो जाना चाहिए। कई बार किसानों द्वारा देरी से गेहूं लगाने से अफलन और इल्ली प्रकोप की शिकायत होती है। जिले में अभी ऐसी कोई शिकायत उत्पन्न नहीं हुई है।
अभी से तासिर की ओर लौटने लगा निमाड़
उधर इस बार जनवरी माह से ही निमाड़ अपनी गर्म तासिर की ओर लौटने लगा है। वातावरण से ठंड का असर गायब होने लगा है। अलसुबह व रात्रि में ठंडक लगभग खत्म हो गई है। दिन-रात के तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अमूमल पूरे जनवरी माह क्षेत्र में ठंड व कोहरे का प्रकोप रहता है, इस बार जनवरी माह में पश्चिमी विक्षोभ के चलते बार-बार मौसम बदलाव से अब वातावरण में गर्माहट की तब्दिली महसूस होने लगी है।
घूमने लगी गन्ने की चरखियां
सोमवार-मंगलवार को दिन में सूर्य की तपन तेज रही। इससे घर-दुकानों में फर्राटे भरते पंखों का सहारा लेते नजर आए। वहीं शहर के बायपास पर पेय पदार्थांे की मधुशालाओं पर लोग गन्ना, मौसंबी, पाइनेपल के रस का स्वाद लेने लगे है।
दिनांक- अधिकतम- न्यूनतम
19 जनवरी- 31.8- 15
18 जनवरी- 31.2- 15.2
17 जनवरी- 30.4- 13.8
16 जनवरी- 29.6- 12.4
15 जनवरी- 29.2- 12.8

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