जानकारी के अनुसार सितंबर 2014 से फरार चल रहा आरोपी पति चतरिया और उसकी सास भूरीबाई को पुलिस ने गुजरात के जूनागढ़ जिले के ग्राम बिलावर थाना वनतली से गिरफ्तार किया। आरोपी चतरिया और उसकी सास वहां गांव में रहकर मजदूरी व झाड़-फूंक का काम करते थे। इन दोनों के बीच अवैध संबंध थे। पुलिस कंट्रोल रूम पर पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल ने खुलासा कर दोनों आरोपियों के संबंध में जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि 29 अगस्त 2014 को चतरिया और उसकी पत्नी दोनों ही शराब पीए हुए थे। इस दौरान उनके बीच विवाद हुआ। विवाद में चतरिया ने तैश में आकर अपनी पत्नी जुगनीबाई को फावड़ा मार दिया। इसके बाद मकान में ही लाश को गाड़ दिया। आसपास के लोगों को जब दुर्गंध आने लगी तो इसकी पुलिस को दी गई। इसके बाद पुलिस ने यहां पहुंच खुदाई की तो महिला की लाश बरामद हुई। पुलिस ने बताया कि आरोपित चतरिया पिता खुमसिंह निवासी खदान मोहल्ला और उसकी सास भूरीबाई पति राजू निवासी नवलपुरा गुजरात के जूनागढ़ में नाम बदलकर रह रहे थे।
आरोपित जूनागढ़ में 20 किमी की परिधि में खेतों में मजदूरी कार्य कर रहे थे। वहीं सूत्रों के अनुसार तांत्रिक क्रिया को भी अंजाम दे रहे थे। वहीं आरोपित चतरिया के पांच बच्चे भी उनके साथ ही रह रहे थे। हत्याकांड के मामले में पुलिस द्वारा लंबे समय से आरोपितों की तलाश की जा रही थी। वर्ष 2015 में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने आरोपितों पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। वहीं इसके बाद अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक इंदौर द्वारा इनाम में बढ़ाकर 30 हजार रुपए किया था। आरोपी चतरिया 2014 सितंबर महीने में ही फरार हुआ था और पुलिस ने उसे सितंबर माह में ही धर दबोचा। हत्या करने के बाद फरार हुए आरोपी और उसकी सास को ढूंढने के लिए पुलिस द्वारा गुजरात के सूरत, राजगढ़, राजकोट, पोरबंदर सहित गुजरात के अधिकांश हिस्से में पुलिस टीमों ने दबिश दी, लेकिन सफलता नहीं मिली। पुलिस ने बताया कि हत्याकांड के बाद आरोपी पति उसकी सास व बच्चों को लेकर सबसे पहले इंदौर भागा। वहां एक-दो दिन रुकने के बाद गुजरात के कोयली गांव भाग गए। वहां चार वर्ष तक मजदूरी की। वहां पुलिस जांच का पता चलने पर वह जूनागढ़ गया और वहां के गांवों में नाम बदलकर मजदूरी कर रहा था। इनकी जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक ने अपनी टीम भेजकर इन्हें गिरफ्तार किया।