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रोगों का जड़ से इलाज के लिए आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति अपनाएं…. 10 दिवसीय शल्य चिकित्सा शिविर का समापन

locationबस्सीPublished: Jan 11, 2019 08:39:48 pm

Submitted by:

Satya

– 2100 मरीज हुए लाभान्वित

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रोगों का जड़ से इलाज के लिए आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति अपनाएं…. 10 दिवसीय शल्य चिकित्सा शिविर का समापन

शाहपुरा।

प्रसिद्ध धार्मिक स्थल त्रिवेणी धाम स्थित यादव धर्मशाला में आयुर्वेद विभाग की ओर से आयोजित दस दिवसीय आयुर्वेद शल्य चिकित्सा शिविर का शुक्रवार को समापन हुआ। शिविर का समापन त्रिवेणी धाम के संत खोजीद्वाराचार्य राम रिछपाल दास महाराज के सानिध्य एवं आयुर्वेद विभाग की निदेशक स् नेह लता पवार के मुख्य आतिथ्य में हुआ। अध्यक्षता शिविर प्रभारी डॉ. शंकरलाल शर्मा ने की।
संत रामरिछपाल दास महाराज ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति सबसे प्राचीन पद्धति है, जिसमें असाध्य रोगों का भी इलाज संभव है। इस पद्धति में किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है। रोगों का जड़ से इलाज के लिए आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति अपनानी चाहिए। यह चिकित्सा पद्धति सबसे कारगर पद्धति है।
निदेशक स्नेह लता पवार ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति स्वस्थ रहने की कला है। इसे लोगों को अधिक से अधिक अपनाना चाहिए। आयुर्वेद को अपनाने वाला व्यक्ति कभी बीमार नहीं होता है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति सभी जटिल से जटिल रोगों में कारगर साबित हुई है, इसलिए असाध्य रोगों के मरीजों को भी इलाज के लिए आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति अपनानी चाहिए।
विशिष्ट अतिथि आयुर्वेद चिकित्सा विभाग के उपनिदेशक डॉ. सुरेश चंद शर्मा, डॉ. सत्यनारायण शर्मा, पूर्व जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ विमल शर्मा, आयुर्वेदिक चिकित्सा विभाग के पूर्व उप निदेशक अमृत लाल शर्मा ने भी आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए लोगों को इलाज के लिए आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति अपनाने को कहा । इससे पहले अतिथियों का माल्यार्पण व साफा बांधकर स्वागत किया गया।

48 मरीजों की शल्य चिकित्सा

शिविर प्रभारी डॉ शंकर लाल शर्मा व सहायक शिविर प्रभारी डॉ महेश शर्मा ने बताया कि शिविर में अर्श, भगंदर के 48 मरीजों का शल्य चिकित्सा से और 30 मरीजों का दवाइयां देकर उपचार किया गया। शिविर में अस्थमा, जोड़ों का दर्द,कास, ज्वर, वात सहित विभिन्न रोगों के कुल 2100 मरीजों का भी उपचार किया गया। इसके अलावा शिविर में रोजाना स्वाइन फ्लू से बचने का काढा पिलाया गया । निदेशक पवार ने शिविर में भर्ती मरीजों से उपचार के बारे में जानकारी ली शिविर में शल्य चिकित्सक डॉ. यादराम गुर्जर , डॉ.उपेंद्र भारद्वाज, डॉ. लखन अग्रवाल, डॉ.मृणाल शर्मा, डॉ. रजनी राजोरा, मुरारी लाल शर्मा, प्रहलाद जाट, बनवारीलाल, सीताराम सहित कई अन्य कर्मचारियों ने अपनी सेवाएं दी ।

चिकित्सा कर्मियों का किया सम्मान

– शिविर के समापन पर त्रिवेणी धाम के संत खोजी द्वाराचार्य राम रिछपाल दास महाराज ने शिविर में चिकित्सा सेवाएं देने वाले सभी चिकित्सा कर्मियों का चांदी का सिक् का व पुस्तक भेंट कर सम्मान किया तथा आगामी भविष्य में भी ऐसे शिविरों के आयोजन के लिए कहा। उन्होंने इस तरह के आयोजन के लिए मंदिर की ओर से पूर्ण सहयोग करने को कहा।
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