script

चिमनपुरा कॉलेज की कृषि फेकल्टी को आईसीएआर से मान्यता नहीं, छात्रों के उच्च अध्ययन व रोजगार पर मंडराए संकट के बादल

locationबस्सीPublished: Oct 16, 2019 07:45:45 pm

मान्यता दिलाने की मांग को लेकर छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन

चिमनपुरा कॉलेज की कृषि फेकल्टी को आईसीएआर से मान्यता नहीं, छात्रों के उच्च अध्ययन व रोजगार पर मंडराए संकट के बादल

चिमनपुरा कॉलेज की कृषि फेकल्टी को आईसीएआर से मान्यता नहीं, छात्रों के उच्च अध्ययन व रोजगार पर मंडराए संकट के बादल

मान्यता दिलाने की मांग को लेकर छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन

शाहपुरा।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से मान्यता नहीं मिलना बाबा भगवानदास राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिमनपुरा के कृषि फैकल्टी के छात्र-छात्राओं के प्रदेश से बाहर उच्च अध्ययन व नौकरी में बाधा बना हुआ है।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के हाल ही के एक आदेश ने चिमनपुरा के कृषि संकाय में अध्ययनरत व पढ़ाई पूरी कर चुके कृषि छात्रों की परेशानी अधिक बढ़ा दी है।


आदेश के तहत प्रदेश से बाहर रोजगार व उच्च अध्ययन के लिए छात्र-छात्राओं की डिग्री का भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से मान्य होना जरूरी है। जबकि चिमनपुरा में अध्ययनरत कृषि संकाय को अभी तक आईसीएआर से मान्यता नहीं मिली है।
ऐसे में उनको प्रदेश के बाहर के कृषि विश्वविद्यालय में उच्च अध्ययन के लिए प्रवेश नहीं मिल पा रहा।

जानकार सूत्रों के मुताबिक राजस्थान के कई कृषि महाविद्यालय और महाविद्यालयों में संचालित कृषि संकाय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा गाइड लाइन की पूर्ति नहीं करते हैं। जिसके चलते इन कॉलेजों में अध्ययनत छात्रों की डिग्री को मान्यता नहीं दी गई है। जिसमें चिमनपुरा कॉलेज भी शामिल है।

प्रदेश के बाहर के विश्वविद्यालयों में नहीं मिला प्रवेश

चिमनपुरा कॉलेज सहित प्रदेश के अन्य कॉलेजों के कई छात्र हाल ही अक्टूबर माह में मध्यप्रदेश में उच्च अध्ययन के लिए दस्तावेजों का सत्यापन कराने कृषि विवि ग्वालियर और जबलपुर गए तो वहां न्यायालय के आदेशों का हवाला देकर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने उनसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की डिग्री व एफिलेशन के बारे में पूछा।
विद्यार्थियों ने मान्यता होना बताया। इस पर ऑनलाइन सूची में चैक किया तो जोबनेर सहित अन्य विश्वविद्यालय आईसीएआर की सूची में थे, लेकिन विश्वविद्यालयों के अधीन आने वाले कुछ सरकारी व निजी महाविद्यालयों की आईसीएआर से मान्यता नहीं थी।
सूची में चिमनपुरा कॉलेज का भी नाम नहीं था। ऐसे में यहां के विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दिया गया। चिमनपुरा के बीबीडी राजकीय महाविद्यालय में संचालित कृषि संकाय जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय से तो मान्यता प्राप्त है, लेकिन आईसीएआर की मान्यता नहीं है। जिससे 240 विद्यार्थियों के भविष्य अधर में है।

छात्रों के किया विरोध प्रदर्शन, प्राचार्य ने आयुक्त को लिखा पत्र

इधर, आईसीएआर की मान्यता के अभाव में परेशान चिमनपुरा के कृषि संकाय के सौ से अधिक छात्र-छात्राओं ने बुधवार को महाविद्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर मान्यता दिलाने की मांग की।
छात्रों ने प्राचार्य को ज्ञापन भी दिया। इस दौरान छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मीणा, नरेश कुमार, अजीत सिंह, सुनील, अजीत कुमार सैनी, अभय कुमार मौर्य, अभिषेक, जितेन्द्र, विकास, करण, अर्जुन, अंजली मीणा, प्रिया, कविता, रितिका सहित कई छात्रों ने बताया कि आईसीएआर से मान्यता नहीं होने के कारण यहां के स् नातक छात्र जो उच्च अध्ययन करना चाहते हैं, उनका बाहर के विविद्यालयों में प्रवेश नहीं हो रहा है। छात्रों की मांग पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. डी के आचार्य ने कॉलेज शिक्षा आयुक्त को पत्र लिखकर मान्यता दिलवाने की गुहार की है।

—————
बीबीडी कॉलेज चिमनपुरा में अलग से कृषि कॉलेज नहीं है। जिससे आईसीएआर से मान्यता नहीं मिली है। हाल ही छात्रों ने प्रदेश से बाहर प्रवेश में परेशानी की समस्या से अवगत कराया है। जिस पर मान्यता दिलाने के लिए कॉलेज शिक्षा आयुक्त को पत्र लिखा है। —-डॉ. डी के आचार्य, प्राचार्य, बीबीडी राजकीय महाविद्यालय, चिमनपुरा

ट्रेंडिंग वीडियो