पुलिस के अनुसार
क्रिकेट मैचों पर सट्टा लगाने की शिकायतें मिल रही थी, जिस पर पुलिस ने विशेष योजना तैयार कर पड़ताल की। इसी के चलते बुधवार को भारत-वेस्टइंडीज ind vs west indies
t20 के बीच शृंखला के आखिरी और तीसरे मैच पर चौमूं के मकान में सट्टा लगाने की पुख्ता सूचना मिली। पुलिस ने मकान पर दबिश दी तो वहां रावण गेट निवासी शहजाद हुसैन, रेलवे स्टेशन के पास, चौमूं निवासी मक्खनलाल सैनी, सुरेश कुमार जाट निवासी रेलवे स्टेशन स्टेशन, सरकारी स्कूल के पास, चौमूं एवं मोहनलाल सैनी निवासी सामोद पुलिया के पास, चौमूं आदि मोबाइलों, लेपटॉप समेत अन्य उपकरणों से सट्टा लगाते मिले। गौरतलब है कि
श्रीलंका—पाकिस्तान Sri Lanka Vs Pakistan मैच के मदृदेनजर भी पुलिस कई स्थानों पर नजर रखे हुए हैं
बंद कमरे में लगा रहे थे सट्टा सूत्रों की मानें तो रावण गेट के पास नागौरी मोहल्ले में जैसे ही पुलिस थानाधिकारी गुर्जर, एएसआई मोहनलाल व क्रोस्ता समेत अन्य पुलिसकर्मी शहजाद हुसैन के मकान पर पहुंची तो पता चला कि शहजाद कमरे में है, जो अंदर से बंद किया हुआ था। पुलिस ने दरवाजा खटखटाया तो थोड़ी देर बाद खोला, लेकिन जैसे ही शहजाद व उसके साथियों ने पुलिस को देखा तो उनके होश उड़ गए। उनके पास भागने का कोई रास्ता नहीं था। इसलिए पुलिस को उनके पकडऩे में ज्यादा तकलीफ नहीं आई। पुलिस ने मौके से शहजाद, मोहनलाल, सुरेश जाट व मक्खन को गिरफ्तार करने में सफलता अर्जित की। पुलिस को मौके से 32 मोबाइल, एक लेपटॉप, सेटअप बॉक्स, कैलकुलेटर समेत अन्य उपकरण मिले, जिन्हें जब्त कर लिए गए हैं। थानाधिकारी ने बताया कि मकान से करोड़ों रुपए के हिसाब-किताब की पर्चियां मिली हैं, जिन्हें बरामद करके उनकी सच्चाई जांची जा रही है। पकड़े गए आरोपियों से देर रात तक पूछताछ जारी थी।
सीकर से है संबंध थानाधिकारी गुर्जर ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि वे सीकर में बैठे सटोरियों के सम्पर्क में थे। पुलिस अब सीकर में बैठे सटोरियों एवं चौमूं में कौन-कौन इस धंधे में लिप्त है।इसका पता लगाने में जुटी है। आरोपी जीत-हार, विकेट व रनों आदि पर सट्टा लगा रहे थे।
सैकड़ों हो गए जमा चौमूं पुलिस की कार्रवाई का पता आस-पास के लोगों का लगा तो बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा लग गया। इसे देखकर एक बार तो पुलिस सकते में आ गई, लेकिन जमा महिला-पुरुषों ने कोई विरोध नहीं किया। बल्कि मौके पर यह चर्चा होती रही कि ना जाने कितने दिनों से यहां सट्टा लगाया जा रहा था। इसके बावजूद यहां के लोगों को इसकी कानों-कान खबर नहीं थी।
सिफारिशों के भी चले दौर पुलिस सूत्रों की मानें तो करोड़ों का सट्टा पकडऩे के बाद पकड़े गए आरोपियों का मामला रफा-दफा करवाने के लिए कुछ प्रभावशाली लोगों ने कोशिश की, लेकिन उनकी एक नहीं चली। बल्कि कइयों को तो थानाधिकारी की डांट सुननी पड़ी।