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पम्पहाउस और टंकियां बनाई, पानी नहीं मिला

locationबस्सीPublished: Jul 09, 2018 11:52:24 pm

Submitted by:

Surendra

22 लाख लीटर क्षमता का पम्प हाउस, फिर भी पानी नहीं,जिम्मेदार कर रहे अनदेखी
 

Bisalpur project

पम्पहाउस और टंकियां बनाई, पानी नहीं मिला

तूंगा . जलदाय विभाग के जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते कस्बे में बीसलपुर पेयजल परियोजना के तहत दो करोड़ रुपए से अधिक की लागत से 4 स्थानों पर बनी टंकियों से समुचित जलापूर्ति नहीं होने से टंकियां ‘शो पीसÓ साबित हो रही हैं। टंकियों से जलापूर्ति नहीं होने से कस्बे के कई मोहल्लों में लोगों ने पानी के लिए 7-8 फीट गहरे गड्ढे भी खोद लिए हैं, लेकिन फिर भी उन्हें पर्याप्त पानी नसीब नहीं हो रहा है।
जानकारी के अनुसार परियोजना के तहत वर्ष 2013 में दो करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर गांव में 4 स्थानों पर उच्च जलाशयों के निर्माण के बाद भी लोग फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर हैं। इसके अलावा 7 जगह नलकूपों से जलापूर्ति की जा रही है, लेकिन वे नाकाम साबित हो रहे हैं। कस्बे के अनुसूचित जाति मोहल्ले में पिछले काफी दिनों से जलापूर्ति गड़बड़ाई है। लोगों ने पानी की जुगत में मकानों के बाहर 7-8 फीट गहरे गड्ढ़े भी खोद लिए, लेकिन उन्हें पर्याप्त पानी नसीब नहीं हो रहा है। ऐसे में उन्हें पानी की जुगत में रतजगा भी करना पड़ता है।
उच्च क्षमता का पम्प, फिर भी पानी नहीं

कस्बे में बीसलपुर पेयजल योजना के तहत 22 लाख लीटर क्षमता का पम्प हाउस संचालित है, लेकिन कार्मिकों की अनदेखी के चलते लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है, जो मिल भी रहा है उसमें फ्लोराइड की मात्रा होने से अधिकांश लोग पीने के काम नहीं ले रहे हैं। मजबूरी में उन्हें निजी टैंकरों से पानी मंगवाकर काम में लेना पड़ रहा है। कस्बे के एससी मोहल्लावासी मोहल्ले समुचित जलापूर्ति कराने के लिए कई मर्तबा जलदाय विभाग कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या का अभी तक समाधान नहीं हुआ है। शिकायत पर जिम्मेदार भी जल्द ही समस्या समाधान का भरोसा दिलाकर इतिश्री कर लेते हैं।
कार्मिक कर रहे सौतेला व्यवहार

जानकारों की मानें, तो पानी वितरण में बीसलपुर पेयजल परियोजना के कार्मिक सौतेला व्यवहार करते हैं, जिससे लोगों को समुचित पानी नहीं मिल रहा है। ये कार्मिक क्षेत्र में बनी टंकियों से अपनी मनमर्जी से पानी की सप्लाई करते हैं।
इनका कहना है…

आगे से ही वितरण करने के लिए प्र्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। ऐसे में समुचित पानी सप्लाई नहीं की जा रही है। फिर भी कर्मचारी को मौके पर भिजवाकर पानी की सप्लाई की समुचित व्यवस्था कराने के प्रयास किए जाएंगे।
धर्मवीर सिंह, एक्सईएन, बीसलपुर पेयजल परियोजना, बस्सी।

एईएन का घेराव, साहब! किसी भी सूरत में पानी चाहिए


बस्सी. साहब हमें तो किसी भी सूरत में पानी चाहिए। आपको मालूम नहीं कॉलोनी में 1 वर्ष से भी अधिक समय से पानी नहीं आ रहा है, फिर भी आप जलापूर्ति में सुधार नहीं कर रहे। यह कहना था कस्बे के तूंगा रोड स्थित शिव कॉलोनी, संजय कॉलोनीवासी महिलाओं का।
जानकारी के अनुसार यहां तूंगा रोड स्थित शिव कॉलोनी, संजय कॉलोनी में जलदाय विभाग के जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते एक साल से भी अधिक समय से समुचित जलापूर्ति नहीं हो रही है। इससे आक्रोशित महिला चक रोड स्थित जलदाय विभाग कार्यालय पर आ धमके। इसके बाद उन्होंने यहां पर एईएन अशोक मीणा से कॉलोनियों में समुचित जलापूर्ति कराने की मांग की। इस दौरान उन्होंने एईएन को खरीखोटी भी सुनाई और घेराव कर विरोध जताया। मामले की भनक लगते ही बस्सी सरपंच विनोद शर्मा भी जलदाय विभाग कार्यालय पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने एईएन से तूंगा रोड स्थित इन कॉलोनियों समेत अन्य कॉलोनियों में गड़बड़ाई जलापूर्ति को सुचारू कराने की बात कही। जिस पर एईएन ने मौके पर जाकर जायजा लिया। बाद में सरपंच द्वारा महिलाओं और कॉलोनीवासियों के जल्द ही समुचित जलापूर्ति कराने का आश्वासन देने पर मामला शांत हुआ।
वॉल्व खोलने में लगाया भेदभाव का आरोप

सरपंच शर्मा और कॉलोनीवासी कमला देवी, विमला देवी, संतोष देवी, सीता देवी ने एईएन के समक्ष जलदाय विभाग द्वार तूंगा रोड पर लगे वॉल्व खोलने वाले कार्मिक पर भेदभाव का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कार्मिक इन कॉलोनियों में वॉल्व खोलने में भेदभाव बरतता है और अपने मिलने वालों लोगों की तरफ पानी अधिक समय तक खोलता है, जिससे उनके यहां पर पानी की एक बूंद भी नहीं पहुंचती है। (का.सं.)
इनका कहना है

पानी की समस्या का निराकरण कराने के लिए कॉलोनी की महिलाएं और लोग आए थे। उन्हें मौका देखकर समुचित जलापूर्ति कराने का आश्वासन दिया है।

अशोक मीणा, एईएन, जलदाय विभाग, बस्सी।
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