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जयपुर में पकड़ी भैंस चोर गैंग,कई गांवों में थी दहशत, रातभर जागकर देना पड़ता था पहरा

locationबस्सीPublished: Feb 05, 2020 04:31:40 pm

Submitted by:

vinod sharma

गांवों में घूमकर रैकी, फिर जगह चिन्हित कर औजार के साथ करते थे वारदात

जयपुर में पकड़ी भैंस चोर गैंग,कई गांवों में थी दहशत, रातभर जागकर देना पड़ता था पहरा

जयपुर में पकड़ी भैंस चोर गैंग,कई गांवों में थी दहशत, रातभर जागकर देना पड़ता था पहरा

जयपुर/शिवदासपुरा (जयपुर). क्राइम मीटिंग में आयुक्त की क्लास के बाद पुलिस अब चोरों की धरपकड़ में जुट गई है। शिवदासपुरा व आस-पास के इलाके में लगातार हो रही भैंस चोरी की वारदात का भी पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पिछले कुछ महीनों में इलाके में एक दर्जन से अधिक भैंस चोरी की वारदात हो चुकी थीं।
रास्ते से थे परिचित…
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक गुप्ता ने बताया कि भैंस चोरी की फिराक में घूम रहे चार लोगों को गिरफ्तार किया, बाद में इनके तीन सहयोगियों को भी पकड़ा। गिरफ्तार आरोपी बाड़ापदमपुरा निवासी नैनूराम उर्फ भौजू (24), दांतली निवासी प्रहलाद (22), विमलपुरा निवासी गिर्राज बागरिया (19), कादेडा निवासी गिर्राज उर्फ रिंकू को योजना बनाते पकड़ा है। वहीं इनके सहयोगी बाड़ापदमपुरा निवासी हिम्मत बागरिया (30), ग्यारसीलाल बागरिया (40) और रोशन बागरिया (26) है। एक बाल अपचारी को भी निरूद्ध किया है। यह इलाके के ही रहने वाले हैं,जिस कारण लोग इन्हें जानते भी है और यह रास्ते से परिचित थे। आरोपियों ने इलाके में 9 जगह से 15 भैंस चोरी करना स्वीकार किया है।
ऐसे पकड़े गए भैंस चोर…
29 जनवरी को किलकीपुरा गांव मे भैंस चोरी का मामला सामने आया। इसके बाद आरोपियों ने फिर से एक बाड़े की दीवार तोड़कर भैंस चोरी की। हालांकि भैंस नजदीक ही मिल गई। बाद में पुलिस ने 2 फरवरी को हनुमान मन्दिर के पास प्रहलादपुरा रिंग रोड के पास से चोरी की योजना बनाते चार जनों को गिरफ्तार कर लिया। फिर इनके सहयोगियों को पकड़ा। आरोपियों को पकडऩे से पहले पुलिस ने मुखबिरों सहित 120 लोगों से पुलिस ने बातचीत की।
इस तरह से करते वारदात…
दिन में भैस या पाड़ा खरीदने वाले व्यापारियों के रूप में गांव-गांव में घूमकर रैकी करते। भैंसों को देखने के बहाने चोरी के लिए चिन्हित कर लेते थे। रात्रि में लोडिंग वाहन व दो-तीन मोटरसाइकिल पर तारबंदी काटने, दीवार तोडऩे, लोहे की चद्दर काटने व ताला तोडऩे के औजार लेकर आते थे। आरोपियों से वारदात में इस्तेमाल औजार व वाहन भी बरामद किए हैं। आरोपियों का साथी बाल अपचारी दिनभर इलाके में रैकी करता था और वह मासूम बनकर लोगों के घर में ही खाना खाने के लिए ठहर जाता था।
ताकि किसी को न हो संदेह…
वारदात से पहले आरोपी दोपहर में एक-दो भैंस खरीद कर रखते थे। रात्रि में जब भैंस चोरी कर लेते तो खरीदी हुई भैंस की आड़ में उसे लेकर चलते थे। इस दौरान कोई गांव वाला या पुलिस वाला उनसे पूछता था तो वह भैंस बेचने वाले से फोन पर बात करवा देते थे। इस कारण किसी को चोरी का पता नहीं चल पाता था।
हटवाड़े और स्लॉटर हाउस में बेचते…
पूछताछ में पता चला है कि यह चोरी की भैंसों को ग्राहक की बताई कीमत के अनुसार बेचते थे। अधिकांश को विभिन्न स्लॉटर हाउस में बेची हैं। कुछ को अलीगढ़, उत्तर प्रदेश के हटवाडे में ले जाकर बेचने की बात भी सामने आई है। पुलिस ने बताया कि आसपास के इलाके में भैंस चोरी के कई गिरोह सक्रिय हैं। विमलपुरा में गिर्राज, कालूराम, महेन्द्र, झूथाराम, मथुरावाला में राधेश्याम, कालूराम, कजोड, सोनू , बाडा पदमपुरा में प्रहलाद, नैनूराम, पप्पू, ग्यारसीलाल, रोशन, हिम्मत और वाटिका में शंकर, छोटू, रामपाल, केसरा के गिरोह है।

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