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लाखों के सरकारी भवन फांक रहे धूल

locationबस्सीPublished: Aug 12, 2018 11:03:11 pm

Submitted by:

Surendra

मर्ज किए गए स्कूलों के भवन अनुपयोगी, किराये पर संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए हो सकता है उपयोग
 

Case of education department

लाखों के सरकारी भवन फांक रहे धूल

आंधी. क्षेत्र में सरकार द्वारा नामांकन की कमी और एक ही गांव में दो विद्यालय होने के कारण मर्ज किए प्राथमिक स्तर के करीब आधा दर्जन से अधिक लाखों के विद्यालय भवन धूल फांक रहे हैं। सार सम्भाल नहीं होने से कई भवनों में तो आसपास के ग्रामीणों ने कब्जा जमाकर इनमें चारा व डांकरे डाल दिए तथा अतिक्रमण होने से बचे हुए भवन अवारा मवेशियों एवं असामाजिक तत्वों की शरणस्थली बने हुए हैं। इसके बावजूद क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक आंगनबाड़ी सहित अन्य भवन निजी भवनों में किराये पर संचालित है। सरकारी अधिकारियों की मॉनीटरिंग के अभाव में सरकार को राजस्व का चूना लग रहा है।
विद्यालयों के भवनों की स्थिति

केस-01

रायावाला नोडल अधीन बणजारों की ढाणी तन थली में संचालित राजकीय प्राथमिक विद्यालय के लिए बनेभवन में तीन बड़े कमरे, रसोई व एक छोठा कक्ष तथा एसएसए से शौचालय बना हुआ है। जिस पर अनुमानित लागत करीब 8 से 10 लाख रुपए होगी। जिसे शैक्षिक सत्र 14-15 में थली की सैकण्डरी स्कूल में मर्ज कर दिया। अब भवन की सुध नहीं लेने झाडिय़ां उगने के साथ भवन क्षतिग्रस्त हो रहा।
केस-02

श्रीनगर नोडल अधीन नीमला ग्राम पंचायत मुख्यालय पर संचालित प्राथमिक विद्यालय को भी शैक्षिक सत्र् 14-15 में ही स्थानीय सीनियर सैकण्डरी विद्यालय में मर्ज कर दिया। विद्यालय में दानदाता द्वारा दिए भवन में चार पुराने तथा एसएसए अभियान के तहत निर्माण किए तीन कमरे हैं। मर्ज होने के बाद से ही भवन आवारा मवेशियों का रैनबसेरा बना हुआ है। भवन जर्जर होने के कगार पर है।
केस-03

खरड नोउल अधीन गांव चक दांतली में संचालित राजकीय प्राथमिक विद्यालय को सत्र 15-16 में बन्द कर दिया। विद्यालय के भवन में प्रधानाध्यापक कक्ष सहित पांच कमरे मय बरामदा, रसोई व शौचालय बना हुआ है। जिस पर अनुमानित 20 लाख रुपए खर्च हुए। बन्द होने के बाद से ही इसमें आसपास के लोगो ने डांकरे डाल रखे हैं।
केस–04

आंधी कस्बे में न्यू कॉलोनी राजकीय बालिका प्राथमिक विद्यालय को राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में मर्ज हो गया। विद्यालय भवन में प्रधानध्यापक कक्ष्ज्ञ सहित बने तीन बड़े कमरे मय बरामदा तथा रसोईघर व शौचालय अनुपयोगी होने के कारण असामाजिक तत्वों का रैनबसेरा बना हुआ है।
यहां पर भी भवन अनुपयोगी

बस्सी (डगोता) नोडल अधीन काली बिरकडी का राजकीय प्राथमिक विद्यालय, सामोर नोडल अधीन जोगियों की ढाणी का राजकीय प्राथमिक विद्यालय, चारड नोडल अधीन इन्द्रापुरी का राजकीय प्राथमिक विद्यालय तथा कान्यावाली ढाणी तन टोलुपूरा की राजकीय प्राथमिक विद्यालय शैक्षिक सत्र 14-15 व 15-16 के दौरान दूसरे विद्यालयों में मर्ज हो गए। मर्ज होने के बाद विद्यालयों में तीन से चार कमरों के मय बरामदा वाले भवन, शौचालय व रसोई अनुपयोगी है, वहीं भावनी प्रथम, राम्यावाला, चतरपुरा, कोलीवाड़ा, सरपुरा, राधागोविन्दपुरा, थली, सिंगपुरा आदि गांवों के आंगनबाड़ी केन्द्र किराये के निजी भवनों में संचालित है।
इनका कहना है

लाखों की लागत से बनाए गए सरकारी भवनों का अनुपयोग होना गलत है। इस मामले से जिला परिषद तथा प्रशासनिक विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जाएगा।

रामजीलाल मीणा, प्रधान, जमवारामगढ़
मर्ज हुए विद्यालयों के अनुपयोगी भवनों की सूची बाईईओ द्वारा विभाग के उच्च अधिकारियों के पास भिजवा दी गई थी। इन भवनों क्या उपयोग हो इसका निर्णय वे ही करेंगे। बन्द विद्यालयों के भवनों की सार सम्भाल के लिए हमारे पास कोई बजट नहीं होता।
महेश चन्द गुप्ता, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, जयपुर

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