ऋण पर्यवेक्षक सागरमल ने बताया कि बीमा करवाने के इच्छुक ऋणी किसान जिनकी उम्र 18 से 79 साल है। वह बैंक शाखा या सहकारी समिति में सम्पर्क कर अपने साक्ष्य प्रस्तुत कर इस योजना का लाभ ले सकते है तथा जो किसान यह बीमा पॉलिसी करवाएगा या करवा रखी है, उसकी मृत्यू हो जाने पर बैंक या समिति स्तर पर उसका बकाया ऋण बीमा कम्पनी चुकाएगी, यदि किसान द्वारा ऋण चुका दिया जाता है तो उसके नोमिनी को बीमा कम्पनी की ओर से चेक द्वारा नकद भुगतान किया जाता है।
आदर्श जाट महासभा के जिला अध्यक्ष रामपाल गीला ने बताया कि यह योजना सरकार ने 2018 नवंबर को बंद कर दी गई थी। इसके विरोध स्वरूप महासभा ने राज्य सरकार व सहकारी मंत्री पर दबाव बनाकर इसे पुन: चालु करवाया है।