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बाजरे की खपत बढ़ाने का नहीं प्लान,खरीद नहीं होने से किसान परेशान

locationबस्सीPublished: Oct 23, 2021 10:07:37 pm

राजस्थान में बाजरे की एमएसपी पर खरीद नहीं होने से घाटे में किसान

बाजरे की खपत बढ़ाने का नहीं प्लान,खरीद नहीं होने से किसान परेशान

बाजरे की खपत बढ़ाने का नहीं प्लान,खरीद नहीं होने से किसान परेशान

जयपुर। मोटे अनाज को प्रोत्साहित करने के बड़े- बड़े दावों के बीच हकीकत में सरकार के पास इसके लिए कोई रोडमैप ही नहीं है। बाजरा जैसे मोटे अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद प्रदेश सरकार को बाजरा की खरीद से ज्यादा उसकी खपत को लेकर चिंता है। यही कारण है किसानों के मंडी में लागत से भी कम दाम पर बाजरा बेचने को विवश होने पर भी सरकार ने बाजरा खरीद को लेकर चुप्पी साध रखी है। राजस्थान में बाजरा की सरकारी खरीद नहीं हुई है। सरकार के स्तर पर बाजरे की खपत बढ़ाने को लेकर भी विशेष प्रयास नहीं हो रहे हैं। स्थिति यह है कि सरकार के विभाग इस मामले को एक दूसरे पर टाल रहे हैं। बाजरे का समर्थन मूल्य 2250 है और मंडी में इसके भाव 1300 से 1500 के बीच मिल रहे हैं। किसान घाटे में फसल बेचने पर विवश हैं।
प्रदेश में करीब44 लाख टन बाजरा उत्पादित हुआ है इसका पच्चीस प्रतिशत खरीद करने पर सरकार को करीब11 लाख टन बाजरा खरीदना पड़ेगा। इस बड़ी मात्रा में बाजरा खऱीदने के बाद सबसे बड़ा संकट होगा इस खरीदे हुए बाजरा का क्या किया जाए। अभी केन्द्र सरकार की ओर से घोषित नीति के तहत स्पष्ट है कि राज्य सरकारों को समर्थन मूल्य पर खरीदे गए अनाज को पीडीएस या अन्य लोक कल्याण कारी योजनाओं जैसे मिडडे मील में खपाना होगा। तब ही केन्द्र सरकार इसकी खरीद की अनुमति देता है। प्रदेश में सरकार ने मिडडे मील या पीडीएस में बाजरा शामिल करने को लेकर कोई ठोस नीति नहीं बनाई है।
लगातार घट रही मांग
बाजरा के दैनिक खान पान में प्रयोग में लगातार कमी हो रही है। एनएसएसओ सर्वे के मुताबिक 1973 में राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में 84 किलो व शहरी क्षेत्र में 48 किलो प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष उपभोग होता था और वहीं 2005 में यह घट कर ग्रामीण क्षेत्रों 33 किलो प्रति वर्ष और शहरी क्षेत्रों में 7 किलो ही रह गया। वर्ष 2017-18 की रिपोर्ट के अनुसार प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 1 किलो 940 ग्राम ही रह गया जबकि इसी दौरान प्रदेश में करीब 8 किलो गेहूं प्रति व्यक्ति प्रतिमाह खपत हुई।
इनका कहना है
कृषि विभाग किसानों की उत्पादन के स्तर पर सम्पूर्ण मदद करता है। एमएसपी पर अनाज की खरीद का नोडल विभाग खाद्य विभाग है। इस संबंध में सरकार के स्तर पर ही निर्णय होगा।
– लालचंद कटारिया, कृषि मंत्री, राजस्थान
भारत सरकार की नीति के तहत ही पीडीएस के लिए खाद्यान्न की खरीद की जाती है। पीडीएस में राजस्थान में बाजरा की डिमांड होने पर इस विषय में नीतिगत निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।
– नवीन जैन, प्रमुख सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग
मिड डे मील में अभी बाजरा शामिल नहीं है। अभी गेहूं ही दिया जा रहा है। पहले बाजरा को शामिल करने पर सरकार स्तर पर चर्चा हुई थी। लेकिन सामने आया कि अधिकतर जिलों में बाजरा पर्याप्त मात्रा में रहता है। ग्रामीण घरों में यह आसानी से मिलता है।
डॉ भंवर लाल, आयुक्त, मिड डे मील कार्यक्रम

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